Sunday, February 26, 2012

वीआईपी इलाके में सस्ती बिजली से लॉस

नई दिल्ली।। दिल्ली के वीआईपी इलाके में सस्ती बिजलीदेने से एनडीएमसी को नुकसान हो रहा है। इसलिए इसबार एनडीएमसी ने दूसरी बिजली कंपनियों के मुकाबलेज्यादा पावर टैरिफ की मांग की है। दिल्ली इलैक्ट्रिसिटीरेगुलेटरी अथॉरिटी को दिए एवरेज रेवेन्यू रिक्वॉयरमेंट (एआरआर में इस बार एनडीएमसी ने बिजली दरों में 27पर्सेंट बढ़ोतरी की मांग की है जबकि पिछले साल 16पर्सेंट और उससे पहले 20 पर्सेंट बढ़ोतरी की मांग की गईथी। एनडीएमसी का कहना है कि दाम कम होने की वजह से270 करोड़ रुपये का रेवेन्यू गैप हो गया है। 

दिल्ली में बीएसईएस और टाटा पावर एनडीपीएल केउपभोक्ता हमेशा यही सवाल उठाते रहे हैं कि वीआईपीइलाके यानी एनडीएमसी एरिया मंे बिजली पूरी दिल्ली केमुकाबले सस्ती मिलती है तो सभी उपभोक्ताओं को सस्तीबिजली क्यों नहीं मिल सकती। अपने एरिया में एनडीएमसी खुद बिजली सप्लाई करता है। इस बार बिजलीकंपनी टाटा पावर एनडीपीएल ने 18 पर्सेंट बीआरपीएल ने 19.8 पर्सेंट और बीवाईपीएल ने 27.85 पर्सेंटबढ़ोतरी की मांग की है। एनडीएमसी के सेक्रेटरी संतोष वैद्य ने कहा कि इस बार हम 27 पर्सेंट बढ़ोतरी की मांगकर रहे हैं। अगर पिछले दो सालों में जितनी बढ़ोतरी की मांग की गई थी उतना अगर हो जाती तो यह स्थितिनहीं आती। लेकिन तब कम बढ़ोतरी की गई। 2010-11 में 20 पर्सेंट बढ़ोतरी की मांग की गई थी लेकिन तबनए रेट तय ही नहीं हो सके। 2011-12 में हमने 20 पर्सेंट बढ़ोतरी की मांग की थी और पुरानी मांग भी इसमेंजोड़ने को कहा था लेकिन बढ़ोतरी कम हुई। इस वजह से रेवेन्यू गैप बढ़कर 270 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंनेकहा कि दूसरे इलाकों के मुकाबले एनडीएमसी एरिया में स्टेब्लिशमेंट कॉस्ट ज्यादा है। पावर परचेज कॉस्ट बढ़नेसे रेवेन्यू गैप बढ़ता जा रहा है। वैद्य ने कहा कि टेक्निकल लॉस तो कम हुआ है लेकिन स्टेब्लिशमेंट और रेवेन्यूलॉस को पूरा करने के लिए दरों में बढ़ोतरी की जरूरत है। 


with thanks : NBT : Link for detailed news.

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