नई दिल्ली। बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस यमुना और राजधानी के खातों की जांच से पहले बिजली दरों में 5 फीसद की बढ़ोतरी करना न्याय संगत नहीं है। पहले बिजली वितरण कंपनियों के साथ-साथ बिजली उत्पादन कंपनियों के खातों की जांच कराई जाए। उत्पादन कंपनियों द्वारा दरों में बढ़ोतरी से वितरण कंपनियों को राजस्व की हानि हुई हो तो दरें बढ़ाई जाएं, अन्यथा बढ़ी दरें वापस ली जाएं। यह मांग पूर्वी दिल्ली आरडब्ल्यूए ज्वाइंट फोरम के अध्यक्ष बीएस वोहरा ने डीईआरसी को शिकायती पत्र भेजकर की है।
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Tuesday, February 7, 2012
बिजली दरों में बढ़ोत्तरी उचित नहीं
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