पूनम पाण्डे ॥ नई दिल्ली
राजधानी की तीनों बिजली कंपनियों ने दरें 18 से 28पर्सेंट तक बढ़ाने की मांग की है। बिजली कंपनियों ने पिछलेसाल के मुकाबले इस बार टैरिफ में काफी कम बढ़ोतरी कीडिमांड रखी है। पिछली बार कंपनियों ने 84 पर्सेंट तकबढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था। आरडब्ल्यूए और जनसंगठनइसके पीछे पब्लिक प्रेशर को वजह मान रहे हैं। उनकाकहना है कि बिजली कंपनियों को पब्लिक ने जिस तरहएक्सपोज किया है , उसी का नतीजा है कि बिजलीकंपनियां बेतुकी डिमांड करने से बच रही हैं।
कंपनियों ने दिल्ली इलैक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी अथॉरिटी (डीईआरसी ) को अपने आने वाले संभावित खर्चों का हिसाबदेकर टैरिफ पिटीशन दाखिल की है। इसे डीईआरसी नेएडमिट कर लिया है। कुछ ही दिनों मंे इसे आम कर दियाजाएगा। टैरिफ तय करने की प्रक्रिया में 3 से 4 महीने का वक्त लगेगा , जिसके बाद बिजली की नई दरें लागू होजाएंगी।
राजधानी की तीनों बिजली कंपनियों ने दरें 18 से 28पर्सेंट तक बढ़ाने की मांग की है। बिजली कंपनियों ने पिछलेसाल के मुकाबले इस बार टैरिफ में काफी कम बढ़ोतरी कीडिमांड रखी है। पिछली बार कंपनियों ने 84 पर्सेंट तकबढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था। आरडब्ल्यूए और जनसंगठनइसके पीछे पब्लिक प्रेशर को वजह मान रहे हैं। उनकाकहना है कि बिजली कंपनियों को पब्लिक ने जिस तरहएक्सपोज किया है , उसी का नतीजा है कि बिजलीकंपनियां बेतुकी डिमांड करने से बच रही हैं।
कंपनियों ने दिल्ली इलैक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी अथॉरिटी (डीईआरसी ) को अपने आने वाले संभावित खर्चों का हिसाबदेकर टैरिफ पिटीशन दाखिल की है। इसे डीईआरसी नेएडमिट कर लिया है। कुछ ही दिनों मंे इसे आम कर दियाजाएगा। टैरिफ तय करने की प्रक्रिया में 3 से 4 महीने का वक्त लगेगा , जिसके बाद बिजली की नई दरें लागू होजाएंगी।
डीईआरसी के चेयरमैन पी . डी . सुधाकर ने एनबीटी को बताया कि बिजली कंपनियों ने ऐवरेज रेवेन्यूरिक्वायरमेंट ( एआरआर ) दाखिल की है। टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ( पुराना नाम एनडीपीएल )ने करीब 18 पर्सेंट टैरिफ बढ़ाने की मांग की है। बीआरपीएल ने बिजली दरों में 19.8 पर्सेंट और बीवाईपीएल ने27.85 पर्सेंट बढ़ोतरी की मांग पिटीशन में की है।
सुधाकर ने बताया कि हम बहुत जल्द पब्लिक नोटिस जारी करके बिजली कंपनियों की याचिकाओं को सबकेसामने लाएंगे। लोग इसे पढ़कर अपने सुझाव या आपत्तियां दे सकते हैं। इसके अलावा , स्टाफ पेपर भी जारीकिया जाएगा , जिसमें बिजली कंपनियों की पिटीशन की अहम बातें होंगी। इससे लोगों को पता चलेगा किकंपनियां किस आधार पर रेट बढ़ाने की मांग कर रही हैं। इसके बाद जन सुनवाई होगी। फिर टैरिफ तय किएजाएंगे। इस पूरे प्रोसेस में 3 से 4 महीने लग जाएंगे।
सुधाकर ने बताया कि हम बहुत जल्द पब्लिक नोटिस जारी करके बिजली कंपनियों की याचिकाओं को सबकेसामने लाएंगे। लोग इसे पढ़कर अपने सुझाव या आपत्तियां दे सकते हैं। इसके अलावा , स्टाफ पेपर भी जारीकिया जाएगा , जिसमें बिजली कंपनियों की पिटीशन की अहम बातें होंगी। इससे लोगों को पता चलेगा किकंपनियां किस आधार पर रेट बढ़ाने की मांग कर रही हैं। इसके बाद जन सुनवाई होगी। फिर टैरिफ तय किएजाएंगे। इस पूरे प्रोसेस में 3 से 4 महीने लग जाएंगे।
with thanks : NavBharatTimes : LINK for detailed news.
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