बिजली कंपनियों के खातों की सीएजी जांच कराई जानी चाहिए। ये कंपनियां घाटे में होना का गलत दावा कर रही हैं। दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग को दिल्ली सरकार ने जो ज्ञापन भेजा है। उससे भी आम जनता को कोई राहत नहीं मिलेगी।
दिल्ली के आरडब्ल्यूए संगठन ने इस पर आपत्ति जताई है। बी.एस. वोहरा ने कहा कि यह व्यवस्था लागू करके दिल्ली सरकार ने एक हाथ से राहत देकर दूसरे हाथ से आम जनता की जेब पर बोझ डाल दिया है। उन्होंने बताया कि बिजली कंपनियों के खाते जांचने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने भी आदेश दिए थे और ऑडिट कराने के आदेश दिए थे। लेकिन आजतक इस जांच के लिए कोई पहल नहीं की गई है।
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