Thursday, October 11, 2012

बिजली वितरण कंपनियों ने की बिजली दरों में 72 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की मांग

 Rashtaya Sahara

नई दिल्ली (एसएनबी)। डीईआरसी (दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग) द्वारा बढ़ाई गई बिजली दरों से बिजली वितरण कंपनी बीएसइएस राजधानी और यमुना संतुष्ट नहीं है। इसलिए उन्होंने अपीलीय ट्ब्यिूनल में 72 प्रतिशत दरों में बढ़ोतरी करने का आवेदन किया है। इस मामले की सुनवाई में ट्रिब्यूनल ने आरड्ब्ल्यूए के भी पक्षकार बनाया है, अब इस मामले की सुनवाई अपील ट्रिब्यूनल में 19 नवंबर को होगी। राजधानी के विद्युत विनियामक आयोग ने वर्ष 2011-12 के वार्षिक टैरिफ के लिए जनसुनवाई के बाद 26 अगस्त 2011 को घरेलू बिजली दरों में 21.7 प्रतिशत की वृद्धि की थी। लेकिन दोनों बिजली वितरण कंपनियां आयोग के निर्णय से संतुष्ट नहीं थीं। इसलिए डीईआरसी के निर्णय के विरोध में बिजली वितरण कंपनियों ने सितंबर 2011 में अपीलीय ट्ब्यिूनल में याचिका दायर कर 72 प्रतिशत दरें बढ़ाने की मांग की थी। अपीलीय ट्रिब्यूनल ने मामले की सुनवाई शुरू कर इस मामले में आरड्ब्ल्यूए को भी पक्षकार बनाकर उनके सुझाव मांगे हैं। अब इस मामले में कुछ आरड्ब्ल्यूए पदाधिकारियों ने अपना पक्ष ट्रिब्यूनल में रख दिया है। कुछ आरड्ब्ल्यूए के पदाधिकारी पत्र के माध्यम से अपनी राय ट्रिब्यूनल को भेज रहे हैं।

 इस मामले में पूर्वी दिल्ली आरड्ब्ल्यूए ज्वाइंट फ्रंट के अध्यक्ष बीएस बोहरा ने बताया कि राजधानी की बिजली कंपनियां जनता को लूटने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं। इसलिए वर्ष 2011-12 में 21.7 प्रतिशत दरें बढ़ने के बाद फ्यूल सरचार्ज के नाम पर बिजली दरों में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। इसके बाद फिर फ्यूल सरचार्ज के नाम पर बीएसईएस राजधानी और यमुना के क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई थी। वर्ष 2012-13 के वार्षिक टैरिफ में घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी डीईआरसी ने की है। इसके बाद भी अपीलीय ट्रिब्यूनल में दरों में 72 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है। 

ऊर्जा के समन्वयक सौरभ गांधी ने कहा कि डीईआरसी और बिजली वितरण कंपनियां आपस में मिली हुई हैं। इसलिए सीएजी जांच की प्रतीक्षा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि जब दिसंबर 2011 में दिल्ली सरकार ने सीएजी जांच के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था, लेकिन डीईआरसी सीएजी जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा किए बिना ही बिजली दरें बढ़ाकर बिजली वितरण कंपनियों को लाभ पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि 19 नवंबर को ट्रिब्यूनल में होने वाली सुनवाई से पहले बिजली वितरण कंपनियों के सभी साक्ष्य जमा करा दिए जाएंगे। जिससे बिजली कंपनियों की कार्यशैली और आय का पता चल सके। इस मामले में डीईआरसी के अध्यक्ष पीडी सुधाकर ने कहा कि 26 अगस्त को 21.7 प्रतिशत बिजली दरों की बढ़ोतरी के खिलाफ बीएसईएस ने ट्रिब्यूनल मेंअपील की थी। इस अपील में उन्होंने बिजली दरें बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अब मामला ट्रिब्यूनल में है इसलिए कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की जा सकती। डीईआरसी के निर्णय के खिलाफ 2011 में दोनों बिजली वितरण कंपनियां गई थी अपीलीय ट्रिब्यूनल अपीलीय ट्रिब्यूनल में सुनवाई शुरू, आरडब्ल्यूए से मांगी राय, बनाया पक्षकार l

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