आँकड़े बता रहे हैं कि इस मोस्ट पोल्यूटेड सिटी मे, सिर्फ़ पोल्यूशन की वजह से, हर साल, लगभग 3000 लोग काल की कोठरी मे समा जाते हैं. वो पोल्यूशन, जिसने देश की राजधानी को एक मौत के शहर मे तब्दील कर दिया है. वो पोल्यूशन, जिसमे जीवन दायक साँस लेना, मौत के फरिश्तों से दोस्ती गाँठने के बराबर है. वो पोल्यूशन, जो दिल्ली को काल का ग्रास बनाने पर तुला हुआ है. वो पोल्यूशन जो बड़े बुजुर्गों से लेकर मासूम बच्चों तक को अंदर तक झकज़ोर रहा है, कि दिल्ली वालो, अब तो संभल जाओ, अब तो अकल कर लो, वरना तुम ही नही, तुम्हारी आने वाली पीडियों को भी पछताना पड़ेगा. क्या हम सिर्फ़ बातों से ही इस पोल्यूशन को दूर कर पाएँगे ?
B S Vohra
Social Activist
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