By, B S Vohra, New Delhi, 27 May : एक बार फिर से दिल्ली वालों को बिजली का ज़ोर का झटका लगने वाला है और वो भी डबल वाला. एक बार तो PPAC के नाम पर दिल्ली मे बिजली के दाम बदाए जा सकते हैं ऑर दूसरी बार पब्लिक हियरिंग के बाद सालाना बडोतरी होने वाली है. अब देखना सिर्फ़ इतना है कि बिजली के दामो मे कितनी बडोतरी होती है , क्योंकि आपकी बिजली आए या ना आए, आपके घर मे बिजली की चाहे जितनी भी कटोती होती रहे, आप चाहे गर्मी मे जितना भी पसीना बहाते रहे, आपको नई दरों पे बिजली का बिल देना ही पड़ेगा.
हम लोग तो पिछले कई सालों से डिस्कॉम के CAG ऑडिट की माँग करते आ रहे हैं. लेकिन अभी तक केजरीवाल साहिब के CAG ऑडिट का कुछ पता नही. पता नही कब वो रिपोर्ट आएगी या फिर आएगी भी या नही, क्योंकि जो अग्रीमेंट है, डिस्कॉम का सरकार के साथ, उसमे कुछ ऐसी क्लॉज़स हैं कि जब तक उनको बदला ना जाए, तब तक यह मुमकिन नही. अब अगर अरविंदकेजरीवाल उस अग्रीमेंट को बदल सके तो उम्मीद की जा सकती है या फिर पीयूष गोयल सामने आकर दिल्ली वालों को राहत दे तो उम्मीद की जा सकती है. लेकिन कब ?
सवाल यह भी उठता है कि क्यों ये डिस्कोमस अपने को CAG के दायरे से बाहर रखना चाहती है ? क्यों ये स्टे ओर्डर ला कर अपने को RTI के दायरे से बाहर रख लेती है ? आख़िर क्या छुपाना चाहती हैं ये डिस्कोमस क्योंकि अगर सब कुछ ठीक है तो फिर छुपने छुपाने का सवाल ही पैदा नही होता. आख़िर कब तक बिना CAG ऑडिट के, बिजली के दाम, इसी तरह बदते रहेंगे ? आख़िर कब तक दिल्ली वालो के सबर का इम्तिहान लिया जाता रहेगा ?
दिल्ली दिल वालों का शहर तो ज़रूर है लेकिन अब देखना सिर्फ़इतना है कि आख़िर कब तक दिल्ली वाले इन डिस्कोमस के भारीबोझ को अपने कांधों से धकेलते रहेंगे ? कब सरकार अपने वादों कोहक़ीकत का रूप दे पाएगी ? कब हक़ीकत मे दिल्ली वालोंके अच्छे दिन आएँगे क्योंकि कसमे, वादे, प्यार, वफ़ा, सब बातें हैं,बातों का क्या.
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