दिसंबर से बिजली का बिल 38 पर्सेंट एक्स्ट्रा!
1 Oct 2011, 0400 hrs IST,नवभारत टाइम्स
पूनम पाण्डे
नई दिल्ली।। बिजली की बढ़ी दरें अगर लागू रहीं और डीईआरसी ने अपने फैसले पर स्टे नहींकिया तो दिसंबर से बिजली के बिल में 38 पर्सेंट का इजाफा हो सकता है।
यह उस बढ़ोतरी के अलावा होगा जो 22 पर्सेंट बढ़ोतरी इस महीने से लागू है। बिजली कंपनियों केकथित घाटे को पाटने के लिए आने वाले तीन सालों में बिजली की दरों में 120 पर्सेंट की संभावनाहै। तब बिजली की दर 10 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच सकती है जो दुनिया के किसी भी शहर सेसबसे ज्यादा होगी।
दिल्ली इलैक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन ( डीईआरसी ) के फैसले के मुताबिक सितंबर से बिजली कीबढ़ी दरें लागू हो गई हैं। दरों में 22 पर्सेंट की बढ़ोतरी की गई है। पहले औसतन एक कंस्यूमर जहांप्रति यूनिट बिजली के लिए 3.95 रुपये चुकाता था वहीं नई दरों के मुताबिक उसे प्रति यूनिट 4.80रुपये चुकाने होंगे। लेकिन यह बढ़ोतरी यहीं खत्म नहीं हो जाती है। डीईआरसी ने हर तीन महीने मेंफ्यूल सरचार्ज वसूलने को भी मंजूरी दी है। यानी दिसंबर में उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज भी लियाजाएगा।
कांग्रेस विधायक सुभाष चोपड़ा के मुताबिक डीईआरसी सदस्यों ने बताया कि फ्यूल सरचार्ज जोड़नेपर बिजली प्रति यूनिट 1.82 रुपये ज्यादा महंगी पड़ेगी। यानी बिजली के बिल में 38 पर्सेंट कीबढ़ोतरी। बिजली टैरिफ जारी करते हुए डीईआरसी ने बताया था कि यह टैरिफ 7 महीने लागू रहेगाजिसके बाद फिर नया टैरिफ बनेगा। बिजली कंपनियों ने डीईआरसी के सामने 12 हजार करोड़रुपये के नुकसान का दावा किया था और इसी हिसाब से बिजली दरें बढ़ाने की मांग की गई थी।लेकिन डीईआरसी ने बिजली कंपनियों के करीब 6 हजार करोड़ रुपये के दावे को खारिज कर दियाऔर करीब 6 हजार करोड़ रुपये के नुकसान को माना।
डीईआरसी के मुताबिक 22 पर्सेंट की बढ़ोतरी से सात महीनों में 1200 करोड़ रुपये की वसूली होगी।बाकी नुकसान की भरपाई अगले 2-3 सालों में हो पाएगी। तब इस कथित नुकसान की भरपाई साढे़नौ पर्सेंट ब्याज दर के साथ होगी और यह पैसा भी उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा। विधायक मुकेशशर्मा ने कहा कि डीईआरसी सदस्यों ने बताया कि अगले तीन साल में बिजली की दर में 120 पर्सेंटका इजाफा हो सकता है तब बिजली कंपनियों का घाटा पूरा होगा।
मुकेश ने कहा कि इस हिसाब से बिजली की दरें 10 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच जाएंगी जो दुनियाके किसी भी शहर में सबसे ज्यादा होगा। उन्होंने कहा कि हम डीईआरसी को रिव्यू पिटीशन में बढ़ीबिजली दरों को वापस लेने की मांग के साथ ही फ्यूल सरचार्ज भी खत्म करने मांग करेंगे। फ्यूलसरचार्ज के बहाने बिजली कंपनियां हर तीन महीने में कंस्यूमर की जेब में डाका डालने की फिराकमें हैं।
नई दिल्ली।। बिजली की बढ़ी दरें अगर लागू रहीं और डीईआरसी ने अपने फैसले पर स्टे नहींकिया तो दिसंबर से बिजली के बिल में 38 पर्सेंट का इजाफा हो सकता है।
यह उस बढ़ोतरी के अलावा होगा जो 22 पर्सेंट बढ़ोतरी इस महीने से लागू है। बिजली कंपनियों केकथित घाटे को पाटने के लिए आने वाले तीन सालों में बिजली की दरों में 120 पर्सेंट की संभावनाहै। तब बिजली की दर 10 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच सकती है जो दुनिया के किसी भी शहर सेसबसे ज्यादा होगी।
दिल्ली इलैक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन ( डीईआरसी ) के फैसले के मुताबिक सितंबर से बिजली कीबढ़ी दरें लागू हो गई हैं। दरों में 22 पर्सेंट की बढ़ोतरी की गई है। पहले औसतन एक कंस्यूमर जहांप्रति यूनिट बिजली के लिए 3.95 रुपये चुकाता था वहीं नई दरों के मुताबिक उसे प्रति यूनिट 4.80रुपये चुकाने होंगे। लेकिन यह बढ़ोतरी यहीं खत्म नहीं हो जाती है। डीईआरसी ने हर तीन महीने मेंफ्यूल सरचार्ज वसूलने को भी मंजूरी दी है। यानी दिसंबर में उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज भी लियाजाएगा।
कांग्रेस विधायक सुभाष चोपड़ा के मुताबिक डीईआरसी सदस्यों ने बताया कि फ्यूल सरचार्ज जोड़नेपर बिजली प्रति यूनिट 1.82 रुपये ज्यादा महंगी पड़ेगी। यानी बिजली के बिल में 38 पर्सेंट कीबढ़ोतरी। बिजली टैरिफ जारी करते हुए डीईआरसी ने बताया था कि यह टैरिफ 7 महीने लागू रहेगाजिसके बाद फिर नया टैरिफ बनेगा। बिजली कंपनियों ने डीईआरसी के सामने 12 हजार करोड़रुपये के नुकसान का दावा किया था और इसी हिसाब से बिजली दरें बढ़ाने की मांग की गई थी।लेकिन डीईआरसी ने बिजली कंपनियों के करीब 6 हजार करोड़ रुपये के दावे को खारिज कर दियाऔर करीब 6 हजार करोड़ रुपये के नुकसान को माना।
डीईआरसी के मुताबिक 22 पर्सेंट की बढ़ोतरी से सात महीनों में 1200 करोड़ रुपये की वसूली होगी।बाकी नुकसान की भरपाई अगले 2-3 सालों में हो पाएगी। तब इस कथित नुकसान की भरपाई साढे़नौ पर्सेंट ब्याज दर के साथ होगी और यह पैसा भी उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा। विधायक मुकेशशर्मा ने कहा कि डीईआरसी सदस्यों ने बताया कि अगले तीन साल में बिजली की दर में 120 पर्सेंटका इजाफा हो सकता है तब बिजली कंपनियों का घाटा पूरा होगा।
मुकेश ने कहा कि इस हिसाब से बिजली की दरें 10 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच जाएंगी जो दुनियाके किसी भी शहर में सबसे ज्यादा होगा। उन्होंने कहा कि हम डीईआरसी को रिव्यू पिटीशन में बढ़ीबिजली दरों को वापस लेने की मांग के साथ ही फ्यूल सरचार्ज भी खत्म करने मांग करेंगे। फ्यूलसरचार्ज के बहाने बिजली कंपनियां हर तीन महीने में कंस्यूमर की जेब में डाका डालने की फिराकमें हैं।
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