Friday, July 3, 2015
Thursday, July 2, 2015
Tuesday, June 30, 2015
दिल्ली की जनता को AAP का अनमोल तोहफा !
दिल्ली की जनता को AAP का अनमोल तोहफा. दिल्ली असेंब्ली में VAT बिल पास कर दिया गया है. जो सरकार बजेट पेश करते हुए बड़े बड़े दावे कर रही थी की VAT मे कोई भी बदलाव नही किया गया है, उसी सरकार ने बजेट के तुरंत बाद, नया VAT बिल पास कर दिया है. नए प्रावधान के हिसाब से अब दिल्ली मे पेट्रोल व डीसल पे VAT 30% किया जा सकता है जिससे महंगाई काफ़ी ज़्यादा बड़ सकती है.यानी की जो कुछ भी हम लोग बाज़ार से खरीदते हैं, उन सब चीज़ों के दाम अब बड़ सकते हैं.
Monday, June 29, 2015
Delhi faces waterlogging as construction debris block drains
Most drains across the city remain choked, though civic agencies claim they are carrying out de-silting to the best of their capacity. South and North Delhi Municipal Corporations have claimed to have completed de-silting of drains.
Similarly, BS Vohra, president of the East Delhi RWAs Joint Front Federation, said a little downpour clogs areas like Krishna Nagar, Lal Quarter and Geeta Colony, leading to traffic snarls for hours. "It also becomes the hub of pests and mosquitoes to breed and thus leads to spreading of diseases," he said.
Chetan Sharma from Greater Kailash-II said: "A mild downpour paralyses the city for good number of hours. This also deteriorates the condition of the roads. The roads in Greater Kailash-I and Greater Kailash-II have been eroded and have potholes. The unearthed material lying on the Alakhnanda road as the median gets constructed can also choke the drain if not attended in time. It highlights the defect in the planning by the concerned officials and their negligence in carrying out the maintenance work."
with thanks : mailtoday : LINK
Delhi University : वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना ना हो मुमकिन ?
जी मैं बात कर रहा हूँ, अपने एजुकेशन सिस्टम की. नर्सरी से लेकर 12 वी तक, माता पिता अपने बच्चों को अछी से अछी शिक्षा देते हैं, अच्छे से अच्छे स्कूल मे भेजते है, और उमीद करते हैं की उनका बच्चा अच्छे नंबर ला कर, किसी अच्छे कॉलेज मे अड्मिशन ले लेगा.
लेकिन नतीजे आने के बाद जब पहली कट ऑफ आती है तो जिस ज़ोर का झटका इन बेचारे माता पिता को लगता है, उसकी शायद कोई दूसरा कल्पना भी नही कर सकता.
ऐसा ही कुछ हुआ कल दिल्ली मे जब पहली कट ऑफ लिस्ट आई. कुछ कॉलेजस मे कुछ सब्जेक्ट्स का कट ऑफ 100% था. बाकी के कोर्सस का कट ऑफ भी लगभग 98.5%, 96% की रेंज मे था. यानी की अगर आपके बच्चे को 90 - 95% नंबर भी आए हुए हैं, तो भी आप अपनी मर्ज़ी से, अपनी चाय्स का कोर्स चूज़ नही कर सकते. और अगर आपके नंबर इससे कुछ भी कम है तो सिर्फ़ प्राइवेट इनस्टिट्यूट्स का भरोसा रह जाता है, जहाँ आपको सीट तो मिल जाती है लेकिन भारी कीमत दे कर.
जिस हिसाब से दिल्ली यूनिवर्सिटी मे कट ऑफ बड़ रही है, उससे यही लगता है की जल्द ही सभी कोर्सस की कट ऑफ सिर्फ़ 100% होने वाली है. ऐसे मे अपने बच्चों को इतने सालो की पड़ाई करवाने का क्या कुछ औचितय निकलता है ?
क्या आपको नही लगता की जो एजुकेशन सिस्टम, इतने सालों की पड़ाई के बाद और अच्छे नंबर लाने के बाद भी, आपके बच्चे को किसी कॉलेज मे सीट नही दिला सकता, उस एजुकेशन सिस्टम को लचर करार देते हुए, स्क्रॅप कर देना चाहिए और कुछ नया सोचना चाहिए.
वो अफ़साना, जिसे अंजाम तक, लाना ना हो मुमकिन,
उसे एक खूबसूरत, मोड़ देकर, छोड़ना अछा !
(The writer is President,East Delhi RWAs Joint Front. He can be reached at rwabhagidari@yahoo.in. Views expressed are personal. )
http://www.indiatrendingnow.com/delhi/delhi-university-0615/
(The writer is President,East Delhi RWAs Joint Front. He can be reached at rwabhagidari@yahoo.in. Views expressed are personal. )
http://www.indiatrendingnow.com/delhi/delhi-university-0615/
Friday, June 26, 2015
एक अच्छा बजेट, लेकिन अभी बहुत कुछ बाकी है : ITN
आम आदमी पार्टी का पहला बजेट, एक अच्छा बजेट, जिसमे एजुकेशन पर भारी ज़ोर दिया गया, जिसमे हेल्थ पर भी काफ़ी ज़ोर दिया गया. काफ़ी कुछ अछा था जैसे की डिजिटल हेल्थ कार्ड जिसमे की आपकी संपूरण मेडिकल हिस्टरी दर्ज़ की जा सकती है. स्कूल पार्क्स को लोकल बच्चों के लिए खोलना भी अछा कदम है. साथ ही साथ 10 + 2 के बाद, स्किल सर्टिफिकेट का मिलना एक वरदान साबित हो सकता है उन बच्चों के लिए जो की90% नंबर ला कर भी कॉलेजस मे सीट नही पा सकते.
1,000 मोहल्ला क्लिनिक्स, अस्पतालों मे 10,000 नए बेड्स, 236 नए स्कूल, बसो मे cctv, 10,000 नई बसे, 5000 नए स्कूटर पर्मिट्स, इत्यादि, इत्यादि, तो सुनने मे अछा लगा. लेकिन स्वराज फंड मे सिर्फ़ 253 करोड़ और वो भी 70 असेंब्लीस के लिए या फिर 280 कॉर्पोरेशन्स के लिए काफ़ी कम था. इसी तरह सिर्फ़ 11 असेंबलिएस को 20 – 20 करोड़ की रकम देना कही न कही बाकी की 59 असेंबलिएस के लिए दुख दायक था क्योंकि अब बाकी की असेंबलिएस को अगले बजेट का इंतेज़ार करना पड़ेगा.
लेकिन जो बात समझ से परे थी वो ये था की पोल्यूशन को रोकने के लिए, ट्रकर्स पे टॅक्स लगा देना. क्या इससे पोल्यूशन रुक जाएगी ? या फिर इसकी वजह से दिल्ली मे आने वाली सभी वस्तुओं के दाम बड़ जाएँगे क्योंकि जो गाड़ियाँ दिल्ली मे आनी है दिल्ली की ज़रूरत को पूरा करने के लिए, उनको तो आना ही है, चाहे आप कितना भी टॅक्स लगा दें.
लेकिन इसके साथ साथ आपने लग्जरी टॅक्स बड़ा दिया, एंटरटेनमेंट टॅक्स बड़ा दिया, dth या फिर केबल टीवी पे टॅक्स बड़ा दिया. जो आम आदमी घर पे बैठ कर टीवी देखा करता था, आपने उसकी भी जेब काट ली. जो आम आदमी कभी कभी बाहर घूमने के बहाने, कभी पिक्चर देखने चला जाता था या फिर किसी होटेल मे खाना खा लेता था, आपने उसकी जेब भी काट ली. आप खुद कहते हैं की दिल्ली वाले 1,30,000 करोड़ का इनकम टॅक्स और सर्विस टॅक्स पे करते है, तो अब ये रोज मररा की चीज़ों पे टॅक्स लगा कर आप क्या हासिल कर पाओगे ?
एजुकेशन और हेल्थ पे ज़ोर देना तो अछा है पर इसके साथ साथ ज़रूरत इस बात की भी थी की पोल्यूशन को रोकने की लिए ठोस कदम उड़ाए जाते, सड़कों पे ट्रॅफिक जाम को रोकने के लिए ठोस क़दम उठाए जाते, गली मोहल्लों मे मानसून के भारी जल भराव को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाते और देखना यह भी है की जो 10 – 10 लाख का लोन बिना किसी गारंटी के बच्चों को दिया जाना है, उसका कहीं मिसयूज़ ना हो वरना अंत मे वो पैसे भी निकालने तो आख़िर टॅक्स पेयर की जेब से ही हैं.
लेकिन मनीष ने ये बिल्कुल सही कहा की दिल्ली वालों को आख़िर 1,30,000 करोड़ मे से सिर्फ़ 325 करोड़ का ही शेयर क्यों मिलता है. इसके लिए अरविंद सरकार को केंद्रीय सरकार से मिल बैठ कर बात करनी होगी ताकि दिल्ली के शेयर को बदाया जा सके क्योंकि टकराव की राजनीति से दिल्ली वालों को कुछ भी हासिल नही होगा. अंत मे सिर्फ़ यही कहूँगा की एक अछा बजेट, लेकिन अभी बहुत कुछ बाकी है.
( The writer is President, East Delhi RWAs Joint Front. He can be reached at rwabhagidari@yahoo.in. Vews expressed are personal. )
- See more at: http://www.indiatrendingnow.com/delhi/rwa-on-delhi-budget-0615/#sthash.hrYksaTb.dpufRWAs give mixed reactions to AAP’s maiden budget
Representatives of the residents welfare associations gave mixed reactions to the Aam Aadmi Party’s first budget.
The budget was being seen as the test of the party that had to strike a balance between the populist schemes that it had announced ahead of the polls and keeping the financial fundamentals strong.
“I like the way they have increased allocations for health and education,” said Rajiv Kakria of the Greater Kailash-I Resident Welfare Association. He, said he would have liked measures to strengthening the poor drainage system in the city.
BS Vohra of the East Delhi RWAs Joint Front also considered health and education to be the “good parts” in the budget. But he cautioned that it was not an “aam aadmi-friendly budget”.
“Luxury tax is up, entertainment tax is also up, circle rate is up, and now, in the name of pollution control they will charge the trucks entering the city. This may increase the prices of essential commodities,” Vohra said.
with thanks : Hindustan Times
Monday, June 22, 2015
ITN Network : मैं आपसे पूछना चाहता हूँ…….
By B.S Vohra, New Delhi, June 20: आप सभी जानते है की हमारे देश का हर व्यक्तिटॅक्स पे करता है. अब चाहे वो 10 रुपये का साबुनखरीदे या कुछ और, टॅक्स तो उसमे लगा ही होता है.अब ये बात दूसरी है की वो टॅक्स, सरकारी खजानेतक पहुँचे या नही. आप खुद ही देखिए, गाड़ी, स्कूटरख़रीदो तो सेल्स टॅक्स और एक्साइज, गाड़ी कीइन्षुरेन्स करवाओ तो सर्विस टॅक्स, गाड़ी सड़क पेलाने से पहले रोड टॅक्स, गाड़ी सड़क पे ले जाओ तोटोल टॅक्स, गाड़ी मे पेट्रोल या डीजल डलवाओ तोफिर से टॅक्स, और उस स्कूटर या गाड़ी को खरीदनेके लिए जो पैसा आप एकत्र करते हो, उस परइनकम टॅक्स और अपने पैसे से इतने सारे टॅक्स देकर खरीदी गई गाड़ी को अपने घर के आगे खड़ी करोतो पार्किंग चार्जस.
बिमारी मे अपना इलाज करवाने केलिए मेडिकलेंम करवाओ तो सर्विसटॅक्स, थक हार के सिनेमा देखने चले जाओ तोएंटरटेनमेंट टॅक्स. पानी पे टॅक्स, बिजली पे टॅक्स,प्रोफेशनल टॅक्स, और जाने क्या क्या. घर है तोहाउस टॅक्स की रिटर्न भी भरो. घर खरीद या बेच रहेहो तो रजिस्ट्री चार्जस पे करो. होटेल जाओ तोसर्विस टॅक्स, अछे होटेल मे जाओ तो लग्जरी टॅक्स.
अगर उस पर भी सरकार का पेट ना भरे तो लगीलगाई दुकानो पे न्या टॅक्स थोप दो कंवर्जन चार्जसके नाम पे. लोग देने मे आनाकानी करे तोसीलिंग का ऑर्डर दे दो. टॅक्स भरने मे देर हो गई तोइंटेरेस्ट और पेनाल्टी भी लगा दो. साथ ही एकनई कमेटी भी गठित कर दो, जो की दुनिया का दौराकरे और देखे की अब कौनसा नया टॅक्स जनता पेलगाया जा सकता है.
अगर आप कुछ नही कमाते तो सरकार आपकोपूछती भी नही कि आपने रोटी भी खाई है यानही और अगर आप अपनी अकल से, अपनी मेहनतसे, कुछ कमा लेते हो तो आपको देने वाले टॅक्स कीफहरिस्त पकड़ा दी जाती है. अब आपके दिए हुएटॅक्स को सरकार कैसे खरच करती है, कितना पैसाजनता तक पहुँचता है, कितने घपले होते है, कितनोपे केस चलते है और कितने जेल मे जाते है, यह भीसब को पता है.
इस सबके बावजूद हम लोग किसी कोल्हू के बैल कीतरह हर बार या तो बिना सोचे समझे वोट दे आते हैया फिर गुस्सा दर्शाते हुए वोट डालने जाते ही नही.और इसका नतीजा, हमारे ज़्यादातर नेता चुनाव सेपहले जो भी वादे करते है, चुनाव के बाद ठीक उसकाउल्टा.
मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि इतने सारे टॅक्स देनेके बाद भी, सरकारी खजाना, घाटे मे ही क्यों रहता है? क्यों हमारी दिल्ली दुनिया की सबसे पोल्यूटेडसिटी बन जाती है ? क्यों हमारी दिल्ली को रेपकॅपिटल का टॅग मिल जाता है ? क्यों हमे घंटो तकट्रॅफिक जाम मे फसना पड़ता है ? क्यों सरकारीअस्पतालों मे जानवरो से भी बदतर ट्रीटमेंट मिलताहै ? क्यों हमे पीने का सॉफ पानी भी नसीब नहीहोता ? क्यों बिजली का टॅरिफ बेतरतीब बदाया जाताहै ? क्यों 60% सीवर चार्ज देने के बाद भी,बरसातो मे गंदा पानी हमारे घरों मे घुस जाता है? क्यों गुमशुदा बचो का कुछ भी पता नही चलता? क्यों नर्सरी अड्मिशन के लिए भी हमे एडी चोटीका ज़ोर लगाना पड़ता है ? क्यों सरकारी स्कूल अछी शिक्षा देने मे असमर्थ है ? क्यों प्राइवेट स्कूलों को लूटने की छूट मिलती है ? क्यों हमारे नेता चुनाव से पहले तो सबके पाँव पड़ते है और साहब बनते ही क्यों जनता की पहुँच से दूर हो जाते है ?
ITN Network
B S Vohra
( B S Vohra is President, EAST DELHI RWAs JOINT FRONT – Federation. He can be reached at www.RWABhagidari.com / www.RWABhagidari.blogspot.in . Views are personal )
- See more at: http://www.indiatrendingnow.com/hindi/indian-common-man-status-0615/#sthash.yVjRD5ZO.dpufNivea Body Deodorizer to keep away the bad odour !
While entering into the #sniffsniff, I had in my mind that
we will be invited somewhere and there we will have to do #sniffsniff to
identify the product. The name itself clearly revealed that it’s related
to some product that can be identified by smelling.
While I was waiting for a call or a message from
#sniffsniff, I got a beautiful packet by courier. It increased the curiosity of
everyone in my family and we opened the packet to find a clip for the clothesline, affixed to the nose, on a pic, to keep away the bad body odour. We could easily guess that it’s
some deodorant, any new brand being launched soon.
The next in turn was a beautiful packet again, with a
small gunny bag pouch containing coco beans. The smell was nice as we all like
coffee very much. We were forced to change our earlier guess. Now the thing in
our mind was that is it related to coffee or any new product that can freshen you that much that all of the bad body odours will be vanished ?
But the third packet was a big surprise. It had a big mask
in it that can be used to save yourself from bad body odour. A white coloured, big mask. It was definitely not a sip of coffee. It was definitely some
deodorant or something related to that.
I used that mask to cover my face and my nose to keep away from the bad smell of tonnes of garbage on the roads, as due to the strike by the Sanitation workers in Delhi, it was garbage all over. Please view my videos on AajTak & IBN 7 :
And it was the last packet that we got from #sniffsniff, that had a beautifully packed, slim & stylish NIVEA BODY DEODORIZER for men. We liked the product very much & it smelt so nice that even though it's for men, my wife is using it for a change.
I used Nivea Body Deodorizer during the last days of the strike by the sanitation workers in Delhi & it really helped me a lot in keeping away not only the bad body odours but also the bad smell of tonnes of garbage on the roads. It was very freshening & had the ice cool impact on me though its another variant is called energy. It was launched by none other than Arjun Rampal.
I used Nivea Body Deodorizer during the last days of the strike by the sanitation workers in Delhi & it really helped me a lot in keeping away not only the bad body odours but also the bad smell of tonnes of garbage on the roads. It was very freshening & had the ice cool impact on me though its another variant is called energy. It was launched by none other than Arjun Rampal.
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