By B.S Vohra, New Delhi, June 20: आप सभी जानते है की हमारे देश का हर व्यक्तिटॅक्स पे करता है. अब चाहे वो 10 रुपये का साबुनखरीदे या कुछ और, टॅक्स तो उसमे लगा ही होता है.अब ये बात दूसरी है की वो टॅक्स, सरकारी खजानेतक पहुँचे या नही. आप खुद ही देखिए, गाड़ी, स्कूटरख़रीदो तो सेल्स टॅक्स और एक्साइज, गाड़ी कीइन्षुरेन्स करवाओ तो सर्विस टॅक्स, गाड़ी सड़क पेलाने से पहले रोड टॅक्स, गाड़ी सड़क पे ले जाओ तोटोल टॅक्स, गाड़ी मे पेट्रोल या डीजल डलवाओ तोफिर से टॅक्स, और उस स्कूटर या गाड़ी को खरीदनेके लिए जो पैसा आप एकत्र करते हो, उस परइनकम टॅक्स और अपने पैसे से इतने सारे टॅक्स देकर खरीदी गई गाड़ी को अपने घर के आगे खड़ी करोतो पार्किंग चार्जस.
बिमारी मे अपना इलाज करवाने केलिए मेडिकलेंम करवाओ तो सर्विसटॅक्स, थक हार के सिनेमा देखने चले जाओ तोएंटरटेनमेंट टॅक्स. पानी पे टॅक्स, बिजली पे टॅक्स,प्रोफेशनल टॅक्स, और जाने क्या क्या. घर है तोहाउस टॅक्स की रिटर्न भी भरो. घर खरीद या बेच रहेहो तो रजिस्ट्री चार्जस पे करो. होटेल जाओ तोसर्विस टॅक्स, अछे होटेल मे जाओ तो लग्जरी टॅक्स.
अगर उस पर भी सरकार का पेट ना भरे तो लगीलगाई दुकानो पे न्या टॅक्स थोप दो कंवर्जन चार्जसके नाम पे. लोग देने मे आनाकानी करे तोसीलिंग का ऑर्डर दे दो. टॅक्स भरने मे देर हो गई तोइंटेरेस्ट और पेनाल्टी भी लगा दो. साथ ही एकनई कमेटी भी गठित कर दो, जो की दुनिया का दौराकरे और देखे की अब कौनसा नया टॅक्स जनता पेलगाया जा सकता है.
अगर आप कुछ नही कमाते तो सरकार आपकोपूछती भी नही कि आपने रोटी भी खाई है यानही और अगर आप अपनी अकल से, अपनी मेहनतसे, कुछ कमा लेते हो तो आपको देने वाले टॅक्स कीफहरिस्त पकड़ा दी जाती है. अब आपके दिए हुएटॅक्स को सरकार कैसे खरच करती है, कितना पैसाजनता तक पहुँचता है, कितने घपले होते है, कितनोपे केस चलते है और कितने जेल मे जाते है, यह भीसब को पता है.
इस सबके बावजूद हम लोग किसी कोल्हू के बैल कीतरह हर बार या तो बिना सोचे समझे वोट दे आते हैया फिर गुस्सा दर्शाते हुए वोट डालने जाते ही नही.और इसका नतीजा, हमारे ज़्यादातर नेता चुनाव सेपहले जो भी वादे करते है, चुनाव के बाद ठीक उसकाउल्टा.
मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि इतने सारे टॅक्स देनेके बाद भी, सरकारी खजाना, घाटे मे ही क्यों रहता है? क्यों हमारी दिल्ली दुनिया की सबसे पोल्यूटेडसिटी बन जाती है ? क्यों हमारी दिल्ली को रेपकॅपिटल का टॅग मिल जाता है ? क्यों हमे घंटो तकट्रॅफिक जाम मे फसना पड़ता है ? क्यों सरकारीअस्पतालों मे जानवरो से भी बदतर ट्रीटमेंट मिलताहै ? क्यों हमे पीने का सॉफ पानी भी नसीब नहीहोता ? क्यों बिजली का टॅरिफ बेतरतीब बदाया जाताहै ? क्यों 60% सीवर चार्ज देने के बाद भी,बरसातो मे गंदा पानी हमारे घरों मे घुस जाता है? क्यों गुमशुदा बचो का कुछ भी पता नही चलता? क्यों नर्सरी अड्मिशन के लिए भी हमे एडी चोटीका ज़ोर लगाना पड़ता है ? क्यों सरकारी स्कूल अछी शिक्षा देने मे असमर्थ है ? क्यों प्राइवेट स्कूलों को लूटने की छूट मिलती है ? क्यों हमारे नेता चुनाव से पहले तो सबके पाँव पड़ते है और साहब बनते ही क्यों जनता की पहुँच से दूर हो जाते है ?
ITN Network
No comments:
Post a Comment