दिल्ली समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इन दिनों सब्जियों की कीमत में आग लगी हुई है। एक हफ्ते पहले तक 15-20 रुपये प्रतिकिलो बिकने वाला लाल टमाटर बृहस्पतिवार को 60 रुपये प्रतिकिलो तक बिका। वही घीया 8-10 रुपये से बढ़कर 15-20 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। हैरत की बात यह है कि सब्जियों की कीमतों में उछाल खुदरा बाजार में ज्यादा आया है, जबकि थोक मंडियों में इनकी कीमत में मामूली बढ़ोतरी हुई है।
दुकानों और ठेलियों पर सब्जी बेचने वाले कीमतों में वृद्धि का कारण पंजाब-हरियाणा की बाढ़ बता रहे है। जबकि बाजार के जानकारों को कहना है कि अभी इस बारिश और बाढ़ से कीमतंे बढ़ाना मुनाफाखोरों की मनमानी है। मंडी में अब तक जो सब्जियों की कीमतें बढ़ीं, उसकी वजह डीजल महंगा होना था। कुल मिलाकर बिचौलिये और मुनाफाखोर अपनी अंटी गर्म और ग्राहकों की जेब ढीली कर रहे है। ये विक्रेता `जैसा इलाका वैसा भाव' का फंडा अपनाते है। हालांकि जानकारों का कहना है कि यदि हरियाणा व अन्य समीपवर्ती इलाकों में जलभराव की स्थिति कम नहीं हुई तो आने वाले दो तीन दिनों में राजधानी में सब्जियों की कीमतों में और आग लग जाएगी। खुदरा बाजार में बृहस्पतिवार को टमाटर 40-60 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया, जबकि दो दिन पहले तक यह 15-20 रुपये प्रतिकिलो के बीच बिक रहा था। इसी तरह, भिंडी 20-30 रुपये से बढ़कर आज 40-50 रुपये हो गयी। आलू 10 रुपये से बढ़कर 12 रुपये, प्याज 12 से बढ़कर 15 रुपये पहुंच गया। खीरा 10 रुपये प्रतिकिलो से बढ़कर 15-20 रुपये, करेला 15-17 रुपये से बढ़कर 20-22 रुपये प्रतिकिलो हो गया है। इसके अलावा बैगन 10 से बढ़कर 15-20 रुपये प्रतिकिलो, परवल 10-12 से बढ़कर 15-20 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। पत्ता गोभी 10-12 रुपये से बढ़कर 20 रुपये, फूल गोभी 25 से 35 पहुंच गया है। घीया 8-10 रुपये से बढ़कर 15-20 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है।
with thanks : source : Rashtriy Sahara : with original link in headline above for the detailed news.
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