राजधानी में बिजली की दरें बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यह जानकारी आज सूत्रों ने दी। हालांकि इसकी घोषणा हो ने में अभी तीन हफ्ते का समय लग सकता है।
डीईआरसी के एक अधिकारी ने बताया कि बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। इस पर विचार किया जा रहा है जिसमें तीन सप्ताह का समय लग सकता है। बिजली कंपनियों ने दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमिशन (डीईआरसी) में पिछले साल दिसंबर में 2010-2011 एग्रीगेट रेवेन्यू रिक्वायरमेंट (एआरआर) फाइल किया था। इसमें एनडीएमसी को छोड़ते हुए तीनों कंपनियों ने घाटे का हवाला देते हुए डीईआरसी से बिजली की दरों में बढ़ोतरी करने की मांग की थी।
इसमें पिछले चार सालों से बिजली की दरों में बढ़ोतरी न होने की बात कहते हुए बीएसईएस यमुना ने ओवरऑल बिजली की दरों में 60.04, बीएसईएस राजधानी ने 69.60 और एनडीपीएल ने 52.48 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करने की मांग की है जबकि 2010-11 के लिए बीएसईएस की दोनों कंपनियों ने करीब 8 फीसदी और एनडीपीएल ने बिजली की दरों में तकरीबन 10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करने की मांग की है। जानकारों का कहना है कि महंगाई की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए लग यही रहा है कि बिजली की दरों में भी बढ़ोतरी की जाएगी।
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