Wednesday, February 20, 2013

300 crore Bail out package to DISCOM's ?






























Delhi Govt. has offered a 300 crore bail out package to DISCOM's ( Govt. companies ) plus 245 crores to TPDDL.

Does it mean that the TPDDL that has got 245 crores as a bail out package will withdraw its petition for price hike ? What's about the CAG Audit ?

दरिंदगी की हद: तीन सगी बहनों की रेप के बाद हत्या : Where are we heading for ?

Photo: दरिंदगी की हद: तीन सगी बहनों की रेप के बाद हत्या : घटना 14 फरवरी की है। तीनों बहनें जब स्कूल से वापस नहीं लौटी तो उनकी मां ने उनके लापता होने की शिकायत लखनी पुलिस थाने में दर्ज कराई थीं। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। दो दिनों के बाद गांववालों को गांव से करीब तीन किलोमीटर दूर एक कुएं में तीनों बच्चियों का क्षत-विक्षत शव मिला।

मुंबई। महाराष्ट्र के भंडारा में तीन सगी बहनों के साथ रेप के बाद हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। वारदात के बाद गांववालों का गुस्सा पुलिस पर फूट पड़ा। लोगों में इस तरह गुस्सा भड़का कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को लोगों से शांति की अपील करनी पड़ी। चव्हाण ने इस घटना पर खेद जताते हुए कहा कि ये बेहद शर्मनाक और निंदनीय घटना है। चव्हाण ने उनके परिवार को 10 लाख रुपए देने का एलान किया है।

घटना 14 फरवरी की है। तीनों बहनें जब स्कूल से वापस नहीं लौटी तो उनकी मां ने उनके लापता होने की शिकायत लखनी पुलिस थाने में दर्ज कराई थीं। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। दो दिनों के बाद गांववालों को गांव से करीब तीन किलोमीटर दूर एक कुएं में तीनों बच्चियों का क्षत-विक्षत शव मिला।

इस वारदात से गांववालों का गुस्सा पुलिस और प्रशासन पर फूट पड़ा। गांववालों के विरोध प्रदर्शन के बाद ही पुलिस ने हत्या, अपहरण और दुष्कर्म का मामला दर्ज किया। अभी तक आरोपी फरार है।


इसके पहले राज्य के गृहमंत्री आर.आर. पाटील ने लखनी पुलिस थाने के प्रभारी प्रकाश मुंडे को सस्पेंड कर दिया था। पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए 12 सदस्यों की एक टीम बनाई है। 


News with thanks from : IBNLive : LINK

रसोई गैस के झगड़े में पत्नी ने पति को गोली मारी : Where are we heading for ?


इंदौर।। रसोई गैस के झगड़े में 19 साल की एक महिला ने अपने पति को गोली मार दी। गोलीबारी की इस घटना में पति बुरी तरह घायल हो गया है। पुलिस ने इस महिला को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि खजराना इलाके में नाजिया उर्फ सोनू (19) ने अपने पति आसिफ (29) को उसके अवैध देसी कट्टे से गोली मारकर बुरी तरह घायल कर दिया। सूत्रों ने बताया कि मियां-बीवी के बीच 19 फरवरी की रात रसोई गैस खत्म होने की बात पर जमकर झगड़ा हुआ। इस दौरान आगबबूला नाजिया ने अपने पति का देशी कट्टा उठाया और उस पर गोली दाग दी।

उन्होंने बताया कि गोलीबारी की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया। उसके बुरी तरह घायल पति को अस्पताल भी भर्ती कराया गया है। अस्पताल में उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। सूत्रों ने आरोपी से शुरुआती पूछताछ के हवाले से बताया कि उसका पति उसके साथ आए दिन मारपीट व गाली-गलौज करता था और वह उसके बुरे बर्ताव से बेहद परेशान थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
with thanks : Nav Bharat Times

Monday, February 18, 2013

Do you think RWAs should pay for the layout plans ?

After a tug of war between the three corporations and Delhi government over payment to three universities for preparing layout plans for regularised colonies, the Director of Local Bodies has finally told the corporations to write to residents' welfare organisations (RWA), asking them to pay the amount required. 

My simple question to all the RWAs is that do you think RWAs (of the regularised colonies) should pay for such expenses while Govt. or MCD is there to collect revenues ?

 

Detailed news can be viewed at : ‘If govt not helping, RWAs can pay for layout plans’  : http://rwabhagidari.blogspot.in/2013/02/if-govt-not-helping-rwas-can-pay-for.html


Plz reply.

Thanks

B S Vohra
RWABhagidari Blog
East Delhi RWAs Joint Front

‘If govt not helping, RWAs can pay for layout plans’

After a tug of war between the three corporations and Delhi government over payment to three universities for preparing layout plans for regularised colonies, the Director of Local Bodies has finally told the corporations to write to residents' welfare organisations (RWA), asking them to pay the amount required. 

In a meeting with commissioners of the three corporations, the Director of Local Bodies asked them to write to RWAs immediately, asking them to submit the demand drafts in favour of IP University, Jamia Millia Islamia and School of Planning and Architecture. 

Director of Local Bodies has directed the three corporations to tell the Urban Development department about this decision so that the RWA concerned may be asked to comply with the directives. 

A corporation official said RWAs may be directed to hire architects on their own and submit their layout plans within a stipulated period. The commissioners were asked to send details of 15 RWAs to the office of the Director of Local Bodies. The three corporation have started a pilot project of making layouts in five of each corporations' regularised colonies. 

"We have been trying to get layout plans made by the institutes and will pay them after the government releases the amount promised. We have not asked people for money yet as we want to see the problems faced while implementing the regularisation process," a senior official said. 

Chief Minister Sheila Dikshit refused to release funds for the layout plans. "Corporations fail to collect property tax. If they recover unpaid taxes in their jurisdiction, they will be able to fund layout plans," the CM said at the Idea Exchange in the office of The Indian Express. 

Accordingly, the three universities were identified to finalise the layout plans. In a meeting of the three corporation commissioners and the universities, it was decided to start work for preparation of layout plans. 

Each university will take up a pilot project consisting of about five colonies per corporation. The universities had agreed to take up the project and quoted rates Rs 1 lakh per acre for immediate commencement of the project.


with thanks : INDIAN EXPRESS : LINK

Thursday, February 14, 2013

इस बार अप्रैल में तय हो सकती हैं नई बिजली दरें : Rashtriy Sahara

इस बार अप्रैल में तय हो सकती हैं नई बिजली दरें!
बिजली कंपनियों के आय-व्यय का ब्योरा नेट पर डाला
नई दिल्ली (एसएनबी)। दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली वितरण व उत्पादन कंपनियों के आय व्यय ब्योरा अपनी वेबसाइट पर डालकर इस पर उपभोक्ताओं की राय और सुझाव मांगे हैं। दरअसल, आयोग विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस बार अप्रैल में ही 2013-14 के लिए नई बिजली दरें तय करना चाहता है। गौरतलब है कि आयोग ने नई बिजली दरें तय करने के लिए दिसम्बर-2012 में ही बिजली वितरण कंपनियों बीएसईएस राजधानी, यमुना, टीपीडीडीएल व एनडीएमसी के अलावा उत्पादन कंपनियों और ट्रांसको से आय व्यय के ब्योरे मंगा कर वित्त विशेषज्ञों से इनकी जांच करा ली है। अब इन ब्योरों को नेट पर डालकर उपभोक्ताओं से सुझाव मांगे गए हैं। सुझाव पंद्रह दिनों के अंदर देने हैं। उपभोक्ता आपत्तियां और सुझाव नेट के जरिए भी भेज सकते हैं। सीधे डीईआरसी कार्यालय भी भेजा जा सकता है। उधर, ग्रेटर कैलाश आरडब्ल्यूए के सदस्य राजीव कांकरिया का कहना है कि बिजली वितरण कंपनियां फायदे में हैं। ऐसे में दरों को बढ़ाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि साल 2012 में बिजली कंपनियों ने घाटा बताते हुए दरों में 70 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की मांग की थी और 2013 में 9 प्रतिशत बढ़ोतरी की मांग की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि पिछले साल ऐसा क्या हो गया कि कंपनियों के घाटे की इतनी भरपाई हो गई। इससे पता चलता है कि बिजली कंपनियां कितनी धोखाधड़ी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वितरण कंपनियों, दिल्ली सरकार और डीईआरसी के बीच मिलीभगत है। उपभोक्ताओं की बजाय वितरण कंपनियों के हितों को पूरा किया जा रहा है। आरडब्ल्यूए ज्वाइंट फ्रंट के अध्यक्ष बीएस वोहरा ने कहा कि बिजली दरों और सरचार्ज में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी का जो प्रस्ताव वितरण कंपनियों ने दिया है, वह पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियां लाभ में हैं, लेकिन अपने खातों में हानि दर्शाती हैं। उनके खातों की जांच सीएजी से कराई जाए। सीएजी की रिपोर्ट के बाद ही नई दरें तय हों। पूर्वी दिल्ली आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष अनिल वाजपेयी ने कहा कि जो ब्योरा दिया गया है, वह तथ्यों से परे है। उन्होंने कहा कि जनसुनवाई के दौरान आरडब्ल्यूए इस संबंध में साक्ष्यों का खुलासा करेगी।

डीईआरसी ने 15 दिन में मांगी उपभोक्ताओं से राय चुनाव के मद्देनजर इस साल जल्दी नई दरें तय करना चाहता है आयोग

with thanks : Rashtriy Sahara

DERC & DISCOM proposals : Plz comment !

DERC has issued today a Public Notice in News Papers about the comments to be submitted on the Plea of DISCOM's. In this Advertisement, DERC as well Petitioners have gived certain Proposals also, that include :

Commission's Proposal Includes : 
Time of Day ( TOD ) metering : Time of Day metering of 9 hours on Industrial & Commercial units ( lowered from 300 kw to 100 kw ). These units will have to pay a surcharge of 10% for Peak hours of 15.00 to 24.00 hours & will get a Rebate of 10% for non peak hours ( if they work at that time )  of 24.00 to 6.00 hours for April to September. Similarly for Oct to March the Peak hours are 17.00 to 23.00 & Non Peak hours 23.00 to 6.00, while the surcharge is 10% & the Rebate is just 5%. In our opinion the cost of producing or providing services is going to INCREASE if these proposals are applied & it will result into the additional burden on the Consumers. It further says that time frame for extending the TOD tariff to cover most of the Electricity consumption in the city would be about 5 years.

Petitioner's Proposals include : 
Uniform Fixed Charges till the Load of 5.0 kw : It has been suggested that instead of 2 slabs of Fixed charges under 5 kw, the Domestic category should be re structured so that uniform fixed charges are levied till the load of 5.0 kw. In our opinion it will enhance the burden of Fixed charges on those consumers who are presently having loads of upto or lesser than 2 kw.

Tariff applicable for connections provided for common services in floor type constructions in plotted structure : It has been suggested that the independent connections being applied by residential consumers for common services like LIFTS, PARKING etc. in floor type constructions in plotted structures should be billed at the highest slab tariff of Domestic category. It will definitely enhance the budgets of those living in the floor type houses.

Views / comments of RWAs are invited.


Thanks

B S Vohra
East Delhi RWAs Joint Front

Tuesday, February 12, 2013

NTPC to suspend power supply to BSES

Power producer NTPC has announced that it will suspend supply to power distribution company BSES starting midnight of February 13 for non-payment of dues. 

The move will severely impact supply of power in East, West and South Delhi. The NTPC had given BSES until February 10 to pay its dues, failing which power supply would be suspended.

The NTPC has alleged that BYPL failed to replenish the Letter of Credit (LC) for the amount of Rs.155.19 crore and that as per power purchase agreement in the event of non-availability or shortfall in LC, the NTPC has the right to regulate and sell BYPL’s allocation of power to other parties, sources in the Power Department told The Hindu

The BYPL gets about 434 MW of power from the NTPC. The BRPL, which gets about 127 MW of power from the NTPC, too has failed to replenish the LC for the amount of Rs.271.61 crore and has been issued the notice.

This is not the first time that the NTPC has threatened to suspend supply to Delhi discoms for non-payment of dues. A similar notice was issued in December 2011. For their part, the discoms said they have apprised the government of the situation and are making arrangements to meet the demand.

“In the absence of a cost reflective tariff over the past several years, the discoms are under financial stress with accumulated recoverable revenue gap of around Rs.20,000 crore. In addition, the NTPC allows Delhi discoms only a 30-day credit period bringing extra pressure on our working capital. Incidentally, other States are allowed a 60-day credit period by the same generator. We are in discussions with the Delhi Government, the DERC [Delhi Electricity Regulatory Commission] and the NTPC and are confident of getting the matter resolved. BSES will ensure uninterrupted power supply for its consumers in Delhi,” said a seniorBSES official.


with thanks : The Hindu : LINK

Sunday, February 10, 2013

Shaheedon Ko Salaam on AAJTAK : B S Vohra

Add your RWA on RWABhagidari portal : absolutely free !


 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
Please log on to our web portal www.RWABhagidari.com to check if your name is already there. If not, please mail us mentioning Name & Address of your RWA alongwith your registration number.

Please log on to :
www.RWABhagidari.com
www.RWABhagidari.blogspot.in
rwabhagidari@yahoo.in

*subject to the terms of use. 
*We reserve our right to refuse / delete any such listing, any time.

Thursday, February 7, 2013

Regulator invites opinion on tariff hike

If you have any objections to the tariff hike proposed by the three power distribution companies, you can soon start sending your opinion to the Delhi Electricity Regulatory Commission (DERC).  Next week, the DERC will come out with a public notice inviting suggestions and objections on the Aggregate Revenue Requirement (ARR) submitted by the three power distribution companies. According to DERC officials, they have proposed a hike to the extent of 2 to 13 per cent.

“We will issue a public notice inviting suggestions and objections from the public. We want people to read the ARR submitted by the three discoms and if they have any objections or queries they can send us their response,” said DERC chairman P D Sudhakar. 

He said information regarding the public notice would be published in all newspapers and the website of DERC too. “All the ARRs are also on our website and can be downloaded by people, who want to study or examine them,” added Sudhkar. 

People will get three weeks time to send their objections, which will then be scrutinised by DERC officials. Once this process is over, DERC will hold public hearings where people can raise their concerns regarding the tariff hike. 

Submitting the ARR report is an annual feature for the power distribution companies, who are required to provide details of the profits/ losses that they have incurred and the assets that they need to build on. Based on this report, the DERC then decides on the quantum of hike that the discoms require.

A consultant has also been roped in by the DERC who will assist the commission in examining the documents. “We are going to study and examine the ARRs and will decide whether the hike is justifiable or not. The process will take a few months,” said a senior DERC official. 

Last year, the city had witnessed a power tariff hike of 26 per cent increasing people’s electricity bills significantly. 


with thanks : Hindustan Times : LINK