Saturday, October 6, 2012

Online petition for CAG AUDIT of Discom's

Yesterday, we crossed the required mark of 100 signatures on the Online Community Petition for the CAG Audit of Discom's with immediate effect. The Online petition will now be sent to the Prime Minister, the Chief Minister as well the DERC Chairman on Monday. 

Our point was :

PETITION : Almost an year ago, Delhi Govt had ordered a THOROUGH SCRUTINY of the books of accounts of DISCOM's. Almost six months ago, it had submitted in the Delhi High Court that CAG AUDIT will be done. We are still awaiting the good news.
WHY THIS IS IMPORTANT : Though the Audited Balance Sheets of DISCOM's exhibit clear profits, still, DERC admits their plea of losses. As a result, power tariff is being revised upwards regularly & consumers are forced to pay at high rates due to monopolistic practices of DISCOM's.
Thanks to all those who joined us in this effort for generating awareness on the issue.
B S Vohra
East Delhi RWAs Joint Front

Thursday, October 4, 2012

बिजली कंपनियों के खातों की हो सीएजी जांच : आरडब्ल्यूए : Hindustan


बिजली कंपनियों के खातों की सीएजी जांच कराई जानी चाहिए। ये कंपनियां घाटे में होना का गलत दावा कर रही हैं। दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग को दिल्ली सरकार ने जो ज्ञापन भेजा है। उससे भी आम जनता को कोई राहत नहीं मिलेगी।

दिल्ली के आरडब्ल्यूए संगठन ने इस पर आपत्ति जताई है। बी.एस. वोहरा ने कहा कि यह व्यवस्था लागू करके दिल्ली सरकार ने एक हाथ से राहत देकर दूसरे हाथ से आम जनता की जेब पर बोझ डाल दिया है। उन्होंने बताया कि बिजली कंपनियों के खाते जांचने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने भी आदेश दिए थे और ऑडिट कराने के आदेश दिए थे। लेकिन आजतक इस जांच के लिए कोई पहल नहीं की गई है।
with thanks : Hindustan : LINK

Wednesday, October 3, 2012

RWAs : Please sign the online petition for the CAG AUDIT of DISCOM's !

CAG AUDIT requested with immediate effect ! 

PETITION : Almost an year ago, Delhi Govt had ordered a THOROUGH SCRUTINY of the books of accounts of DISCOM's. Almost six months ago, it had submitted in the Delhi High Court that CAG AUDIT will be done. We are still awaiting the good news.

WHY THIS IS IMPORTANT : Though the Audited Balance Sheets of DISCOM's exhibit clear profits, still, DERC admits their plea of losses. As a result, power tariff is being revised upwards regularly & consumers are forced to pay at high rates due to monopolistic practices of DISCOM's.

Please click the link below and Sign the Petition. Plz share with your friends too so that they could also sign it :

Thanks 
B S Vohra 
East Delhi RWAs Joint Front 

Hindustan Hindi Newspaper : B S Vohra : EDRWAsJF


Hindustan Hindi Newspaper : B S Vohra : EDRWAsJF


Tuesday, October 2, 2012

घर में रिपेयर वर्क से पहले वॉटर चार्ज

Ab DJB wale gali gali ghoomenge aur soonghte rahenge kisi cement bag ko ya phir kisi badarpur ke theli ko aur chote se kaam ke liye bhi, aapko blackmail karenge ki bhai itne paise de do ya phir challan katege. Log bhi chalan se bachne ke liye unko paise de kar jaan bachayenge. Ek naya tareeka logon ko bevkoof bana kar lootne ka.

Another way of harrasment for the general public. Now DJB persons will start wandering in the roads looking for any cement bag or badarpur & even for the slightest work to be done, they will blackmail to CHALLAN or pay something out of the way. A new way of extortion of money from the poor public.

Thanks

B S Vohra
East Delhi RWAs Joint Front

घर में रिपेयर वर्क से पहले वॉटर चार्ज

नई दिल्ली।। घर में रिपेयर या कंस्ट्रक्शन कराने से पहले आपको इसकी सूचना दिल्ली जल बोर्ड को देनी होगी। इन कामों में इस्तेमाल होने वाले पानी के लिए बोर्ड के पास मोटी रकम जमा करानी होगी। 
हाल में लागू हुए दिल्ली वॉटर एंड सीवर (टैरिफ एंड मीटरिंग) रेगुलेशन्स-2012 के मुताबिक अगर आप अपने घर में रिपेयर या कंस्ट्रक्शन कराना चाहते हैं तो इसकी सूचना अपने एरिया के जोनल रेवेन्यू ऑफिसर को देनी होगी। अगर किसी ने सूचना नहीं दी तो बोर्ड केस दर्ज कराएगा। जल बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, मामला कोर्ट में जाएगा और कोर्ट पेनल्टी तय करेगा। इसके लिए लिए जल बोर्ड की 3 अदालतें बनी हुई हैं। 

मामूली रिपेयर के लिए (दीवार या छत का प्लास्टर आदि) 
जनता, एलआईजी या 40 वर्ग मीटर तक का कवर्ड मकान : 2500 रुपये 

एमआईजी, एचआईजी या 80 वर्ग मीटर तक का कवर्ड मकान : 4,000 रुपये 
80-200 वर्ग मीटर तक का मकान : 7500 रुपये 
200 वर्ग मीटर से ज्यादा के मकान : 7500 रुपये और एक्स्ट्रा* 
*(एक्स्ट्रा : रिपेयर में इस्तेमाल पानी का चार्ज, जो जोनल रेवेन्यू ऑफिसर आकलन कर बताएगा।) 
बड़े कंस्ट्रक्शन के लिए (कमरा या छत डालना आदि) 
जनता, एलआईजी या 40 वर्ग मीटर तक का मकान : 4000 रुपये 
एमआईजी, एचआईजी या 80 वर्ग मीटर तक का मकान : 7500 रुपये 
80-200 वर्ग मीटर तक का मकान : 10,000 रुपये 
200 वर्ग मीटर से ज्यादा का मकान : 10,000 रुपये और एक्स्ट्रा चार्ज* 
*(एक्स्ट्रा : रिपेयर में इस्तेमाल पानी का चार्ज, जो जोनल रेवेन्यू ऑफिसर आकलन कर बताएगा।)



with thanks : NavBharat Times

‘आय-व्यय का ब्योरा दें बिजली वितरण कंपनियां’ : Rashtriy Sahara

डीईआरसी ने बीएसईएस यमुना व राजधानी को जारी किए पत्र
नई दिल्ली (एसएनबी)। राजधानी की बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस यमुना और राजधानी को डीईआरसी ने आय व्यय के ब्यौरे मुख्यालय में जमा कराने के पत्र जारी किए हैं। पत्र में सारा लेखा जोखा और अनुबंध-पत्र एक सप्ताह में जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। डीईआरसी यह कवायद बिजली उत्पादन कंपनियों के बकाया भुगतान के मामले की फाइनल सुनवाई के लिए कर रही है। गौरतलब है कि राजधानी की बिजली उत्पादन कंपनी आईपीजीसीएल और पीपीसी एल का 1300 करोड़ रुपए बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस यमुना और राजधानी पर बकाया है उसमें से 47 करोड़ रुपए बीएसईएस राजधानी ने जमा कराए हैं। बकाया राशि जमा न कराने के कारण दोनों बिजली उत्पादन कंपनियों ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखा था। सरकार ने पत्र पर कार्रवाई करते हुए डीईआरसी को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे। सरकार के पत्र के बाद डीईआरसी ने कार्रवाई करते हुए दोनों कंपनियों को भुगतान के लिए निर्देश दिए लेकिन बिजली वितरण कंपनियों ने बिजली उत्पादन कंपनियों पर आरोप लगाया कि उत्पादन कंपनियों द्वारा फ्यूल चार्ज के नाम पर बिजली दरों में जो बढ़ोतरी की है उससे क्षति हुई है। इसलिए उन्हें रिलीफ दिया जाए। इसके बाद दोनों बिजली वितरण कंपनियों ने डीईआरसी में वाद दायर कर दिया। उक्त वाद की फाइनल सुनवाई होनी है। सुनवाई के लिए दोनों पक्षों से साक्ष्य मांगे गए हैं। इस मामले में डीईआरसी अध्यक्ष ने बताया कि दोनों पक्षों को अपने-अपने साक्ष्य देने के निर्देश दिए गए हैं। साक्ष्यों के अवलोक के बाद ही फाइनल निर्णय दिया जाएगा। 

with thanks : Rashtriy Sahara

बिजली कंपनियों के खातों की जांच के लिए ऑन लाइन पिटीशन : Rashtriya Sahara

पिटिशन पर अभी कर दिए हैं 70 लोगों ने साइन
नई दिल्ली (एसएनबी)। बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस यमुना, राजधानी और टीपीडीडीएल के खातों की जांच सीएजी से कराने की मांग को लेकर आरडब्ल्यूए ने आवाज. आर्ग वेबसाइट पर ऑनलाइन पिटीशन डाली है। पिटीशन पर अभी तक 79 लोगों ने अपने हस्ताक्षर कर दिए हैं। 100 लोगों के हस्ताक्षर होने के बाद पिटीशन दिल्ली सरकार,केंद्रीय ऊर्जा मंत्री तथा प्रधानमंत्री के पास भेज दी जाएगी। पूर्वी दिल्ली आरडब्ल्यूए ज्वाइंट फ्रंट के अध्यक्ष बीएस बोहरा ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियां टैरिफ के लिए जो आय व्यय के ब्योरे डीईआरसी में जमा कराती है तो उसमें घाटा दर्शाती है, लेकिन आडिट बैलेंशसीट में लाभ दिखाया गया है। पिछले तीन वर्ष से यही स्थिति है। उन्होंने ने कहा कि बिजली वितरण कंपनियां जनता की जेब में डाका डालने और अपनी तिजोरी भरने के लिए दोहरा खेल खेल रही है। श्री बोहरा ने कहा कि अभी इस ऑन लाइन पिटीशन में 100 लोगों के हस्ताक्षर होने के बाद पिटीशन को प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय ऊर्जा मंत्री, मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और डीईआरसी के अध्यक्ष पीडी सुधाकर के पास भेज दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर इसके बाद भी जनभावनाओं को नजरंदाज किया तो उच्च न्यायालय में याचिका दायर न्याय के लिए गुहार लगाई जाएगी। 

with thanks : RASHTRIYA SAHARA 

Friday, September 28, 2012

My DJB Bill for the month is as below :

My DJB Bill for the month is very high. The charges are as under:-

Total Consumption Charges Rs. 274.67 + Sewerage Maintenance Rs.164.80 never charged before + Water Cess Charge Rs.1.90 + Service Charge Rs.701.80 never charged before + Meter Rent Rs.58.00 never so high = TOTAL Rs. 1201.17

WHAT SHOULD BE DONE ?

PLEASE LET ME KNOW

ASHISH BANSAL