कल, अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम ने शपथ ले ली. यह तो सच है कि उन्होंने एक करिश्णा कर दिखाया है लेकिन उनके सामने चॅलेंजस भी कम नहीं हैं.
700 ल्ट पानी फ्री कर देना तो शायद उनके लिए आसान हो सकता है लेकिन आती गर्मियो में जबकि दिल्ल्ली एक एक बूँद पानी के लिए तरस जाती है और जब पानी या तो आता ही नही है, या फिर नालियों का गंदा बदबू वाला पानी आपके नल्कोन से निकलता है, उसका इलाज जब तक नही होगा, तब तक लोगो को चुप कैसे करवाया जाएगा, यह एक बड़ी चुनौती होगी.
इसके साथ साथ बिजली का टॅरिफ 50% कम करने की बात है. इन बिजली कंपनीज़ का देल्ही सरकार के साथ एक समझौता हुआ था. अब अगर अरविंद उस समझौते में चेंजस कर के उनको काग के ऑडिट के तहत लाने की कोशिश भी करेंगे तो ये बिजली वाले पहले की तरह कोर्ट का रुख़ कर के स्टे लेने का पर्यास करेंगे.
यक़ीनन अरविंद की नीयत तो बिल्कुल सॉफ है और वो देल्ही के लोगों के लिए काफ़ी कुछ करना भी चाहेंगे लेकिन इन आड्वर्स हालातों का सामना करना भी एक बड़ी बात होगी.