Friday, December 9, 2016

अगर हर बॅंक की कॅश एंट्रीस का CAG ऑडिट किया जाए, तो सभी की पॉल खुल जाएगी

जब आम आदमी दो दो हज़ार के लिए BANK या फिर ATM के बाहर लंबी लंबी क़तारों मे खड़ा है तो फिर कुछ लोगों के पास लाखों करोड़ों के नए नोट किधर से आ गए ? यक़ीनन कोई बड़ी चूक हुई है, जिसके चलते हुए, बॅंक हों, पेट्रोल पंप हों, डीटीसी हो, या फिर कोई दूसरी एजेन्सी, हर शहेर मे कोई ना कोई सिर्फ़ अपने पर्सनल मुनाफ़े के लिए, लोगों के काले धन को फिर से काला कर रहा है. अगर हर बॅंक की कॅश एंट्रीस का CAG ऑडिट किया जाए तो सभी की पॉल खुल जाएगी और पता लग जाएगा की किस किस ने, किस किस के, कितने काले पैसे का रंग बदल कर, दोबारा से काला कर दिया है.

B S Vohra
Social Activist

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