बचपन मे एक कविता पड़ी थी," दीवाली आई है, आ जाओ इस बहाने से, तुम्हारी राह मे, दीपक जलाए हम भी बैठे हैं". लेकिन हमारे वो वीर सिपाही, जो सरहदों पे बैठे, देश की रक्षा कर रहे हैं, आज भी अपने घरों को नही जा सकते, क्योंकि, पाकिस्तान किसी गिध की तरह अपनी खूनी नज़रों से हमारी तरफ घूर रहा है.
अब ये बात तो अलग है कि हमारे वीर सिपाहियों के होते हुए, वो हमारा कुछ बिगाड़ तो नही सकता, लेकिन, अपनी ग़लत हरकतों से पाकिस्तान कहीं न कहीं, कुछ न कुछ करता रहता है. बहुत दुख होता है, जब हम अपने किसी वीर सिपाही की शहीदी की खबर सुनते हैं. दिल मे एक टीस सी उठती है, जब पता चलता है की पाकिस्तान ने हमारे किसी फ़ौज़ी का सिर काट दिया या फिर किसी अन्य तरीके से नुकसान पहुँचाया.
आज जब हम, अपने घरों मे, अपने परिवारों मे बैठ कर शांति से दीवाली मना रहे हैं, तो क्या आपको नही लगता कि हमारा पहला दीपक हमारे उन वीर सिपाहियों के बलिदानो के नाम पर जलना चाहिए ?
इसके साथ साथ आज हम अपनी सरकार से भी निवेदन करते हैं कि पाकिस्तान को जल्द से जल्द एक टेररिस्ट स्टेट डिक्लेर किया जाए और उसको उसकी औकात दिखाई जाए ताकि दीवाली के दिन, हमारे वीर सिपाही भी अपने घरों मे अपने परिवारों के साथ मिल बैठ सकें.
B S Vohra
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