दो प्रतिशत शेयर किसके पास हैं, पता नहीं
नई दिल्ली। जन सुनवाई के दौरान एक चौंकाने वाली बात सामने आई। आरडब्ल्यूए के एक सदस्य ने कहा कि 49 फीसदी शेयर दिल्ली पावर कंपनी लिमिटेड के पास है और 49 फीसदी निजी बिजली वितरण कंपनी (बीआरपीएल और बीवाईपीएल) के पास तो दो प्रतिशत शेयर का मालिक कौन है। इस सवाल का जवाब उन्हें नहीं मिल पाया। निजीकरण के समय 51 फीसदी हिस्सेदारी बिजली वितरण कंपनियों को दी गई थी जबकि 49 फीसदी दिल्ली सरकार ने अपने पास रखा था।
दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) के समक्ष ईस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए ज्वाइंट फ्रंट के प्रेसिडेंट बी एस बोहरा ने एक कागजात का हवाला देकर कहा कि यमुना पावर लिमिटेड और दिल्ली पावर कंपनी लिमिटेड की हिस्सेदारी 49-49 फीसदी है। यही नहीं राजधानी पावर लिमिटेड और दिल्ली पावर कंपनी लिमिटेड की हिस्सेदारी भी 49-49 फीसदी ही है। ऐसे में सवाल उठता है कि दो फीसदी शेयर का मालिक आखिर कौन है?
इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं मिला। सुनवाई के दौरान कई बार यह सवाल पूछा गया। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने भी आयोग के चेयरमैन पीडी सुधाकर से पूछा कि दो फीसदी किसके पास है, इसका जवाब दें। चेयरमैन भी इसका जवाब नहीं दे पाए। सिर्फ उन्होंने इतना कहा कि इसका जवाब दिया जाएगा, लेकिन कब, यह पता नहीं।
आश्चर्य की बात है कि जन सुनवाई के दौरान बीएसईएस यमुना और राजधानी पावर लिमिटेड के भी प्रतिनिधि मौजूद थे। लेकिन इस सवाल के जवाब देने की बजाय वे भी मूकदर्शक बने बैठे रहे। जानकार का कहना है कि यदि 49-49 फीसदी हिस्सेदारी बनती है तो प्रबंधन का जिम्मा सरकार के पास होनी चाहिए। इसके बाद सीएजी ऑडिट और आरटीआई भी इन कंपनियों पर लागू हो सकती है। हालांकि, टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन (डीपीटीटीएल) इलाके में बिजली वितरण कंपनी और सरकार की हिस्सेदारी 51 और 49 फीसदी ही है।
•आयोग के चेयरमैन ने भी चुप्पी साधी
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