Plz view the link below or click on the video if visible :
http://www.youtube.com/watch?v=p3crxhKGPRY
Sunday, June 2, 2013
Saturday, June 1, 2013
आबादी बढ़ी, लेकिन पानी की सप्लाई कम
प्रस ॥ नई दिल्ली : दिल्ली
में आबादी लगातार बढ़ रही है और पानी की डिमांड भी उसी रफ्तार से बढ़ रही
है। लेकिन पहले जितना पानी मिलता था जल बोर्ड अब उतना पानी भी उपलब्ध नहीं
करा रहा है। आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ कि जल बोर्ड के दो वॉटर ट्रीटमेंट
प्लांट 10 साल पहले जितना पानी प्रड्यूज करते थे, अब उससे कम पानी प्रड्यूज
करते हैं।
ईस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए जॉइंट फ्रंट के प्रेजिडेंट बी. एस.
वोहरा ने आरटीआई के जरिए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की जानकारी मांगी। इसके
जवाब में बताया गया कि वजीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में 2003-04 मंे
44589 एमजीडी पानी उत्पादन होता था, लेकिन 2012-13 में 44135 एमजीडी ही
पानी का उत्पादन हुआ। यानी दस सालों में उत्पादन बढ़ने की बजाय घट गया। इसी
तरह चंद्रावल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में भी पानी का उत्पादन घटा है।
2003-04 में यहां 36860.26 एमजीडी पानी उत्पादन होता था जो 2012-13 में
घटकर 33623.93 एमजीडी रह गया।
with thanks : Navbharat Times : LINK
Friday, May 31, 2013
DJB RTI
Dear Mr. Vohra ji,
We must richly compliment and heartily congratulate you on the efforts made and startling revelations which will open the eyes of the public at large. It will be seen that all round lethargy and 'sub chalta hai' attitude have penetrated into the work force and all they wish to have 'money under the table' to make themselves rich. Nobody is accountable or feel their responsibility and they don't feel answerable to the public but to their immediate bosses whose palms can be greased to get outstanding report and accelerated promotions! It is a sorry state of the nation as a whole!! There is no department which is dealing with public is not corrupt, right from the grass root level to the top! You are aware that tapping of underground water for any purpose is strictly prohibited in NCR Delhi and if found the people concerned have to face severe punishment! Does it happen? How the 'building mafia' bend the rules and undertake construction of multi-storeyed flats etc. without water and curing! They pay heavily to the staff concerned, including the Police at the lowest level, who demand as a matter of right, otherwise threaten them including the aam aadmi! How is it being permitted in the open day light? We cannot solve any of the problems unless and until the staff from the lowest to topmost level is corruptless and have an attitude of sympathy and humility towards the public and feel the accountability and responsibility! This attitude is dwindling and people are losing their faith in these establishments and those who could afford thrive and those who cannot, mainly due to financial conditions, cannot survive excepting cursing their fate and in the long run have to perish and/or take to crime, which goes unpunished due to our judicial system!! What is the remedy? None can solve the problem except resorting to violence and no more Bapuji's remedy of 'ahimsa' and non-violence could remedy the situation! Let's together ponder over this vital issue and how to overcome!
Thanking you for your startling revelation and efforts made. But what is the solution except getting standard lukewarm reply from the authorities concerned. There is no short or long term plan to turn the tide unless it comes from the top! People's suggestions are not welcome and cast aside and thrown into waste basket!
With best regards,
TK Balu
|
Thursday, May 30, 2013
Sunday, May 26, 2013
Thursday, May 23, 2013
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Thanks & regards
B S Vohra
Wednesday, May 22, 2013
Poster Hatao Abhiyan !
Col Shivraj & Mrs Laxmi Kumar with the posters removed — at Munirka, New Delhi-110067.
SERVER ERROR DISRUPTS ROUTINE : Jagran City Plus
Hundreds visiting regional transport office Surajmal Vihar have to return without their licences as usually the internet server is down.
SUrajmal Vihar RTO office, located at CBD ground is one of the largest in the area. It caters to the residents of Ghazipur, Gandhi Nagar, Krishna Nagar, Anand Vihar, Old Seelampur, Mandawali, New Shahdara, Geeta Colony, Vivek Vihar and Jheel for licences and new vehicle registration.
But the office server is mostly down, causing inconvinience to visitors. Jatin Shah, a resident of Vivek Vihar, who has bought a new car said, "I have been coming to this office for a week and every time, I get the same excuse that there is some technical fault in the server. After eight days, I am still paying fine for not getting my car registration certificate."
Besides the network issue, this office doesn't have enough space for conducting driving test prior to issuing of licence. People, who have applied here for driving licence had to go through a tough process as all the counters remained closed for a week because of network problem. "We all are working and can't waste time like this. This is the only reason why we rely on touts, who are easily available at the main gate," said a visitor.
RWAs have also raised this matter but to no avail. BS Vohra, president, East Delhi RWAs Joint Front said, "People come here and stand in long queue and leave empty handed. It's authority's mistake but common people like us are suffering."
Rakesh Kumar, Motor licensing officer says, “There is some problem in our UPS system and for that we have written letters to the Delhi Transport infrastructure Development Corporation and they assured us that the problem will be solved by this week.”
with thanks : Jagran City plus : Link
Tuesday, May 21, 2013
कैसी पब्लिक हियरिंग, जब पब्लिक ही न हो मौजूद?
पूनम पाण्डे, नवभारत टाइम्स | May 21, 2013, 05.30AM IST
दिल्ली में बिजली की लड़ाई लड़ने वाले अलग-अलग आरडब्ल्यूए के लोग कुछ साल पहले तक एक-दूसरे को नहीं जानते थे। डीईआरसी की टैरिफ तय करने वाली पब्लिक हियरिंग में ही ये लोग मिले और एक-दूसरे की बातें सुनकर सीखा, जाना और यहीं यह ग्रुप बना। अब बिजली के दाम कम करवाने के लिए यह ग्रुप मिलकर लड़ाई को आगे बढ़ा रहा है। लेकिन डीईआरसी की अब होने वाली पब्लिक हियरिंग में एक ग्रुप दूसरे ग्रुप को नहीं सुन पाएगा।
डीईआरसी ने कहा है कि डोमेस्टिक कैटिगरी के लिए 2-3 दिन लंबी पब्लिक हियरिंग होगी। इसमें सभी संबंधित पक्षों को, जिन्होंने हियरिंग में आने के लिए दिलचस्पी दिखाई था, अलग-अलग ग्रुप में बुलाया जाएगा। आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों के मुताबिक, डीईआरसी का इशारा साफ है कि पब्लिक हियरिंग के लिए पब्लिक नोटिस नहीं निकाला जाएगा। जब डीईआरसी ने पब्लिक से आपत्तियां एवं सुझाव मांगे थे, उसी में एक लाइन यह जोड़ी थी कि जो पब्लिक हियरिंग में आना चाहते हैं, वह भी बताएं। ईस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए जॉइंट फ्रंट के प्रेजिडेंट बी. एस. वोहरा ने कहा कि डीईआरसी बांटने की राजनीति कर रहा है। अलग-अलग ग्रुप में हमें एक-दूसरे के सुझाव और आपत्तियां कैसे पता चलेंगी। यह ट्रांसपैरंसी के खिलाफ है।
दिल्ली में बिजली की लड़ाई लड़ने वाले अलग-अलग आरडब्ल्यूए के लोग कुछ साल पहले तक एक-दूसरे को नहीं जानते थे। डीईआरसी की टैरिफ तय करने वाली पब्लिक हियरिंग में ही ये लोग मिले और एक-दूसरे की बातें सुनकर सीखा, जाना और यहीं यह ग्रुप बना। अब बिजली के दाम कम करवाने के लिए यह ग्रुप मिलकर लड़ाई को आगे बढ़ा रहा है। लेकिन डीईआरसी की अब होने वाली पब्लिक हियरिंग में एक ग्रुप दूसरे ग्रुप को नहीं सुन पाएगा।
डीईआरसी ने कहा है कि डोमेस्टिक कैटिगरी के लिए 2-3 दिन लंबी पब्लिक हियरिंग होगी। इसमें सभी संबंधित पक्षों को, जिन्होंने हियरिंग में आने के लिए दिलचस्पी दिखाई था, अलग-अलग ग्रुप में बुलाया जाएगा। आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों के मुताबिक, डीईआरसी का इशारा साफ है कि पब्लिक हियरिंग के लिए पब्लिक नोटिस नहीं निकाला जाएगा। जब डीईआरसी ने पब्लिक से आपत्तियां एवं सुझाव मांगे थे, उसी में एक लाइन यह जोड़ी थी कि जो पब्लिक हियरिंग में आना चाहते हैं, वह भी बताएं। ईस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए जॉइंट फ्रंट के प्रेजिडेंट बी. एस. वोहरा ने कहा कि डीईआरसी बांटने की राजनीति कर रहा है। अलग-अलग ग्रुप में हमें एक-दूसरे के सुझाव और आपत्तियां कैसे पता चलेंगी। यह ट्रांसपैरंसी के खिलाफ है।
जीके-1 आरडल्यूए प्रतिनिधि राजीव काकरिया ने कहा कि अगर दिल्ली के अलग-अलग हिस्से की आरडब्ल्यूए मिलकर बिजली की लड़ाई को यहां तक ला पाए हैं, तो इसलिए कि हर मीटिंग में एक-दूसरे से मिले, सीखा और ग्रुप तैयार हुआ। डीईआरसी एक तरफ ट्रांसपैरंसी की बात कह रहा है और दूसरी तरफ एक ग्रुप को दूसरे ग्रुप से दूर रखकर ट्रांसपैरंसी ही खत्म कर रहा है।
उन्होंने कहा, मुमकिन है कि डीईआरसी के पास जगह की कमी है, इस वजह से वह ऐसा कर रहे हैं। लेकिन हमने कई बार डीईआरसी से मांग की है कि पब्लिक हियरिंग किसी बड़े हॉल में कराई जाए। पब्लिक हियरिंग में उन लोगों को भी आने का हक है जिन्होंने पहले लिखित में डीईआरसी को ऑब्जेक्शन-सजेशन नहीं दिए। अगर पब्लिक नोटिस के जरिए लोगों को बताया नहीं जाएगा और सिर्फ कुछ लोगों को इनवाइट किया जाएगा, तो यह पब्लिक हियरिंग के कॉन्सेप्ट को ही खत्म करेगा।
पिछली बार पब्लिक हियरिंग में कुछ नेता और उनके समर्थकों ने हंगामा किया था। मुमकिन है कि डीईआरसी ने इसलिए पब्लिक नोटिस न निकालने का मन बनाया है। आरडब्ल्यूए प्रतिनिधि सौरभ गांधी ने पब्लिक नोटिस न देने की शिकायत अपीलेट ट्रिब्यूनल में की है। मांग की है कि हियरिंग से पहले पब्लिक नोटिस निकालने के लिए डीईआरसी को निर्देश दें।
उन्होंने कहा, मुमकिन है कि डीईआरसी के पास जगह की कमी है, इस वजह से वह ऐसा कर रहे हैं। लेकिन हमने कई बार डीईआरसी से मांग की है कि पब्लिक हियरिंग किसी बड़े हॉल में कराई जाए। पब्लिक हियरिंग में उन लोगों को भी आने का हक है जिन्होंने पहले लिखित में डीईआरसी को ऑब्जेक्शन-सजेशन नहीं दिए। अगर पब्लिक नोटिस के जरिए लोगों को बताया नहीं जाएगा और सिर्फ कुछ लोगों को इनवाइट किया जाएगा, तो यह पब्लिक हियरिंग के कॉन्सेप्ट को ही खत्म करेगा।
पिछली बार पब्लिक हियरिंग में कुछ नेता और उनके समर्थकों ने हंगामा किया था। मुमकिन है कि डीईआरसी ने इसलिए पब्लिक नोटिस न निकालने का मन बनाया है। आरडब्ल्यूए प्रतिनिधि सौरभ गांधी ने पब्लिक नोटिस न देने की शिकायत अपीलेट ट्रिब्यूनल में की है। मांग की है कि हियरिंग से पहले पब्लिक नोटिस निकालने के लिए डीईआरसी को निर्देश दें।
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