Wednesday, October 24, 2012

Launching Soon : RWABhagidari : RWAs Online News Channel

















Launching Soon : 
RWABhagidari  
RWAs online news channel - a voice of RWAs

RWAs, if you wanna say something on Power issue, Dirty drinking water, Water logging, Sanitation, Traffic jams, etc. etc., please mail us at : rwabhagidari@yahoo.in

We will upload some of you, regularly, on our online news channel. 
more details will be uploaded soon at :
www.RWABhagidari.com


With thanks & regards

B S Vohra

Tuesday, October 23, 2012

Delhiites unhappy with meagre power rate cut : New York Daily News


New Delhi, Oct 22 — Delhiites are not happy with a paltry decrease in power tariff announced by the Delhi government Monday, said a representative of a residents' group.

"We are not at all happy with the announcement. It is like a 'lollipop' that the government is giving to consumers," Dwarka Residents Welfare Association (RWA) president Mukesh Sinha told IANS.

"The government has fooled us. We are planning to hold a protest against the government for announcement of a meagre decrease in the power tariff," said B.S. Vohra, president of the Joint Front of RWA (East Delhi).

According to the Delhi Electricity Regulatory Commission, a domestic consumer will now be charged Rs.3.70 per unit for the first 200 units of power, the lowest slab of electricity consumption.

Consumers having monthly usages between 201 to 400 units, however, will now have to shell out 70 paise more per unit -- Rs.5.50 instead of Rs.4.80 earlier. Customers were earlier charged a flat Rs.4.80 for the first 400 units.


IANS


with thanks : New York Daily News : LINK 

400 यूनिट की खपत पर कम हुए 47 रुपये : Dainik Hindustan


नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। 400 यूनिट तक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग ने 47 रुपये की फौरी राहत दी है। यह राहत नए टैरिफ आर्डर में किए गए प्रावधानों से हुई है लेकिन वहीं अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ा दिया गया है। आयोग की इस कूटनीति पर आरडब्ल्यूए संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। संगठनों का कहना है कि आयोग के इस फैसले ने स्पष्ट कर दिया है कि आयोग केवल बिजली कंपनियों को बचाने के लिए फॉर्मूले तैयार कर रहा है।

अब संगठन इसके फैसले के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दे रहे हैं। संज्ञान पर उठा सवालआयोग के पास नया टैरिफ आर्डर जारी करने की कोई शक्तियां नहीं है। आयोग सैक्शन 64 (4) की शक्तियों का प्रयोग करते हुए केवल फ्यूल एडजेस्टमेंट कर सकता है। पब्लिक की सुनवाई के बाद ही नया टैरिफ जारी किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त स्टेट एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग भी नहीं बुलाई गई। जारी किया गया टैरिफ आर्डर गैर कानूनी है। जल्द ही मामले में संबंधित ट्रबि्यूनल में शिकायत दर्ज कराई जाएगी


अनिल सूद, सदस्य,स्टेट एडवाइजरी कमेटी। क्या कहता है आयोगसब कुछ नियम के आधार पर किया गया है बिजली एक्ट के 64(2) में प्रावधान है कि एक वित्त वर्ष में एक बार आयोग टैरिफ में बदलाव कर सकता है। इसी प्रावधान का प्रयोग करते हुए नया टैरिफ आर्डर जारी किया गया है। : आयोग अध्यक्ष, पी. डी. सुधाकर। क्या कहते है आरडब्ल्यूए संगठन1 जुलाई से पहले रेट का फर्क देखते हैं। पहले 400 यूनिट के लिए 1720 देने पड़ रह थे।


बाद में टैरिफ बदलाव के बाद यह 2258 रुपये हुआ। आयोग के प्रस्ताव में 2210 रुपये बोले लेगें। बढ़ोतरी के पीछे तर्क क्या है। आरडब्ल्यूए ने साबित किया है कि जब तक बैलेंस शीट की जांच न हो तब तक नया टैरिफ न लागू हो। बिल पर उपभोक्ता 8 प्रतिशत रविकरी चार्ज और 5 प्रतिशत इलैक्ट्रिसिटी टैक्स देना होगा। नए टैरिफ से आम जनता को कोई राहत नहीं मिलेगी। : सौरव गांधी, अध्क्ष आरडब्ल्यूए ऊर्जा। डीईआरसी जो पॉलिसी गलत है।


टैरिफ के नाम पर लूट मचा रखी है। जब दाम बढ़ाते हैं तो 28 प्रतिशत का इजाफा किया जाता है और कम करना होता है तो 20 पैसे कम करके दूसरे स्लैब में 10 पैसा बढ़ा दिए जाते है। दूसरी तरफ हमारे पास कोई दूसरी बिजली कंपनी का विकल्प नहीं है। इससे उपभोक्ताओं की स्थिति और खराब हो गई है। इससे उपभोक्ता को कोई राहत नहीं मिलेगी। : बी . एस वोहरा, अध्यक्ष, पूर्वी दिल्ली ज्वाइंट फ्रंट। आयोग ने बहुत सफाई से डिस्कॉम का ध्यान रखा है ताकि उनको पूरा पैसा मिलता रहे।


जो स्लैब के साथ टैरिफ में जो बदलाव किया है जनता का रोष कम करने की कोशशि की है। 18 से 3 प्रतिशत का फर्क पड़ेगा। 399 यूनिट पर 3 प्रतिशत और 201 यूनिट को 18 प्रतिशत का फायदा मिल सकता। इसकी भरपाई अधिक खपत वाले पर डाल दिया गया है। आयोग ने केवल भूल सुधारी है। डीईआरसी को बंद कर देना चाहिए क्योंकि आयोग जनता के हित का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है। : राजीव ककडिम्या, गेट्रर कैलाश आरडब्ल्यूएकब बढ़ा कितना बोझ1 जुलाई के बाद 0-200 यूनिट के लिए 3.70 रुपये और 0-400 यूनिट के लिए 4.8 का भुगतान लिया जाता था।


इस पर 4 प्रतिशत एफपीए, 8 प्रतिशत पुराना बकाया और बिजली कर के बाद यह बिल 2257.9 रुपये बनता था। प्रस्तावित टैरिफ में पर बिल : प्रस्तावित टैरिफ में 400 यूनिट तक का यह बिल 0-200 यूनिट के लिए 740 और 201 से 400 यूनिट के लिए 1140 रुपये था। जो कुल 1880 रुपये बनता था। इस पर सभी टैक्स लगाने के बाद यह बिल 2210.8 रुपये आना संभावित था। लागू किए टैरिफ पर बिल : नए टैरिफ में 400 यूनिट तक के लिए 200 यूनिट तक 740 रुपये और इसके बाद 1100 रुपये बनता है।


यह कुल बिल 1840 रुपये बनता है। जिस पर सभी टैक्स लगाने के बाद यह बिल 2163 रुपये बनता है। क्या कहता है सरकारी गणित (टैक्स अतिरिक्त)खपत वर्तमान बिल बदलाव के बाद बिल अंतर201 964.80 775.50 219250 1200 1015 185300 1440 1290 150350 1680 1565 115400 1920 1840 80450 2240 2165 75500 2560 2490 70600 3200 3140 60800 4480 4440 401


with thanks : Hindustan : LINK

स्लैब वापसी से कितना फायदा ? : Nav Bharat Times


नई दिल्ली।। बिजली के पुराने स्लैब की वापसी से दिल्ली वालों का बिजली का बोझ कम होगा। हालांकि यह राहत मामूली है। सबसे ज्यादा फायदा 201 से 300 यूनिट तक बिजली खर्च करने वालों को होगा। जैसे-जैसे खर्च बढ़ेगा राहत का रेश्यो भी कम होता जाएगा। जहां अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली वालों को बधाई दी है वहीं बीजेपी और आरडब्लूए का कहना है कि यह कंस्यूमर की आंखों में धूल झोंकने जैसा है। 

पावर सेक्टर के एक्सपर्ट राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह नया शेड्यूल गैरकानूनी है। निचले तबके के लोगों को कोई राहत नहीं मिली है। डीईआरसी के पास टैरिफ तय करने का कोई मैकेनिजम ही नहीं है। जीके-1 आरडब्लूए प्रतिनिधि राजीव काकरिया ने कहा कि यह जनता के साथ नाइंसाफी है। बिजली कंपनी की जेब में अब भी उतना ही पैसा जा रहा है जितना पहले। बेहतर है कि डीईआरसी को बंद कर दिया जाए जो पैसे बचेगा उससे उपभोक्ताओं को इससे ज्यादा राहत मिल जाएगी। 

ऊर्जा संगठन के सौरव गांधी ने कहा कि बिना बिजली कंपनियों का अकाउंट ऑडिट किए टैरिफ जारी कर दिया गया। लोगों से एक बार फिर धोखा दिया गया है। आरडब्ल्यूए प्रतिनिधि बी.एस. वोहरा ने कहा कि रेट बढ़ाते वक्त 32 पर्सेंट बढ़ा दिया और कम करते वक्त 20 पैसे कम किया। यह जनता के साथ अन्याय है। ईस्ट दिल्ली आरडब्लूए फेडरेशन के प्रेजिडेंट अनिल वाजपेयी ने कहा कि हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। 

201 यूनिट खर्च पर 219 रुपये का फायदा 
हर महीने 201 यूनिट बिजली खर्च करने वाले को नया प्रस्ताव लागू होने के बाद हर महीने 219 रुपये का फायदा होगा। अभी 201 यूनिट खर्च करने पर वह 0-400 यूनिट वाले स्लैब में आ जाते हैं। इस हिसाब से हर यूनिट के 4.80 रुपये के हिसाब से 964 रुपये चुकाने होते हैं। नए स्लैब में 200 यूनिट के लिए 3.70 रुपये के हिसाब से और एक यूनिट के लिए 5.50 यूनिट के हिसाब से 745 रुपये देने होंगे। 8 पर्सेंट सरचार्ज अलग से लगेगा। 

250 यूनिट खर्च पर 185 रुपये का फायदा 
अब तक 250 यूनिट खर्च करने पर हर यूनिट के लिए 4.80 रुपये के हिसाब से 1200 रुपये देने होते थे। अब 200 यूनिट के लिए 3.70 रुपये के हिसाब से और 50 यूनिट के लिए 5.50 रुपये के हिसाब से 1015 रुपये देने होंगे। 

300 यूनिट खर्च पर 150 रुपये का फायदा 
जैसे - जैसे खर्च होने वाली यूनिट बढ़ती जाएंगी , फायदा भी कम होगा। 300 यूनिट खर्च करने पर अब तक हरयूनिट के 4.80 रुपये के हिसाब से 1440 रुपये देने होते हैं। अब 200 यूनिट के लिए 3.70 रुपये और बाकी 100यूनिट के लिए 5.50 रुपये के हिसाब से 1290 रुपये देने होंगे। 

400 यूनिट खर्च पर 80 रुपये का फायदा 
400 यूनिट खर्च करने पर अब तक हर यूनिट के 4.80 रुपये के हिसाब से 1,920 रुपये देने होते हैं। अब 200यूनिट के लिए 3.70 रुपये और बाकी 200 यूनिट के लिए 5.50 रुपये के हिसाब से 1840 रुपये देने होंगे। 

500 यूनिट खर्च करने पर 70 रुपये का फायदा 
अब तक 400 यूनिट का रेट 4.80 रुपये और 100 यूनिट का रेट 6.40 रुपये के हिसाब से 2560 रुपये देने होतेथे। अब शुरू की 200 यूनिट का रेट 3.70 रुपये , फिर 200 का 5.50 रुपये और 100 यूनिट का रेट 6.50 रुपयेके हिसाब से लगेगा और कुल खर्च 2490 रुपये आएगा।

with thanks : Nav Bharat Times

DERC reverts to cheaper power slabs : Daily Pioneer

In a relief to small domestic consumers, the Delhi Electricity Regulatory Commission has revised the power tariff slab; partially restoring the old structure before the power tariff was increased in May. There will be much relief to consumers using power between 201 to 400 units.
“The Commission has observed that the proposed rationalisation would definitely benefit the consumers in the range of 200 to 400 units where the percentage increase in bills would come down on an average by 15 per cent,” DERC Secretary Jayashree Raghuraman said.
Giving an example, she said the monthly bill of a consumer consuming 201 units as per existing rate would have been Rs964.80 which will come down to Rs745.50 following reintroduction of 201-400 slab which means a reduction of tariff by 22.73 per cent
As per DERC calculation, the monthly bill for consumption of 400 units will come down by 4.17 per cent as the bill would be Rs1,840 instead of Rs1,920.
Raghuraman said all the three private distribution companies have been told to make suitable adjustments in the next bills to provide the benefits of introduction of 201-400 units slab. The DERC made the announcement on Monday.
The DERC had revised the power tariff slab in the month of June this year. Not only had the tariffs gone up, but the Commission had also changed the slab. In the slab that was introduced in the month of June, the household units consuming 0-200 units paid Rs3.70 per unit, while those from 0-400 units were charged at Rs4.80 per unit. The revision had resulted in a steep hike in electricity bills.
The DERC on Monday while switching back to the old power tariff slab also announced a hike in the tariff rate. From the earlier Rs4.80 for consumers using 0-400 units of power, those consuming between 201-400 units will pay Rs5.50. “The rationalisation will benefit
consumers in the range of 200-400 units where the percentage increase in bills would come down on an average by about 15 per cent,” said a DERC official.
The DERC through a public hearing earlier this month had called for suggestions from the various stakeholders. It had also received about 300 recommendations from various stakeholders all across the city. The resident bodies of Delhi are calling it a clumsy attempt of the DERC to rectify the previous mistake. They have also criticised the Commission for not considering the other demands.
 "It is time that DERC as an office should shut all business and thus, save money which will then give a higher relief to the consumers who are reeling under the impact of arbitrarily hiked tariffs over the past 10 months," said Rajiv Kakria of Greater Kailash Resident Welfare Association. The resident bodies are also of the view that the DERC has revised the slab but it has failed in every aspect of regulation and has not approved of the CAG audits into the accounts of the discoms. "When the power tariffs are hiked, it is at the rate of 24 to 28 per cent and when it is lowered it is only a matter of few paise," said BS Vohra of East Delhi RWAs Joint Front.

with thanks : Daily Pioneer : Link

Residents demand full rollback of hiked tariffs : Hindustan Times

Even as political parties and other groups were seen clamouring to claim credit for the revision in power tariffs by power regulator Delhi Electricity Regulatory Commission (DERC), they demanded a complete rollback of the hiked tariffs. They claimed that it was only partial relief to the consumers and the hike in tariffs should be completely taken back.
Arvind Kejriwal, who burnt electricity bills protesting the tariff hike, termed it “partial victory”. “It is a partial victory and our agitation will continue till the time government rolls back the entire hike,” said Kejriwal, leader of India Against Corruption (IAC). 
BJP, the principal opposition party, which had held several protests against the power tariff hike, claimed the revision is mere eyewash. “The way in which the DERC has made changes in the slab rates at the request of Delhi government is actually cheating with the people of Delhi. BJP strongly condemns this increase and our movement to protest against power tariff hike will continue with full force till the increase in power tariffs is withdrawn,” said BJP state unit president Vijender Gupta.
The Delhi Electricity Regulatory Commission (DERC) on Monday reinstated the 201 to 400 units slab, which it had scrapped earlier. The abolition of the 201-400 units slab and introduction of 0-400 units slab had resulted in significant increase in electricity bills of the majority of consumers whose consumption was below 400 units but above 200 units.
While reinstating the 201-400 slab, the DERC slightly revised the tariff structure for those consuming above 400 units by 10 paisa to Rs. 6.50 per unit.
Resident Welfare Associations (RWA) also demanded a complete rollback. “This revision by DERC is a clumsy attempt to rectify a mistake they had committed. It is time to wind up DERC, money thus saved will give a higher relief to the consumers reeling under the impact of arbitrarily hiked tariffs over the past 10 months. They do not protect the consumers while thumbing a nose at the Electricity Act, keeping their invisible masters happy and wealthy,” said Rajiv Kakaria, member of Greater Kailash I RWA.
“This is not the kind of revision that we were expecting. We want the government to roll back the hike; until that is done we will continue our struggle,” said BS Vohra, east Delhi RWAs joint front.
Mukesh Sharma, parliamentary secretary to the chief minister, also claimed credit, saying he along with Shahdara MLA Narendra Nath had also filed a petition with DERC demanding revision of tariffs.
“DERC should have retained Rs. 4.80 as the tariff for units consumed between 201 to 400 rather than increasing it to Rs. 5.50,” said Pankaj Aggarwal, general secretary of Delhi RWA joint front. 

with thanks : Hindustan Times : LINK

Delhiites unhappy with meagre power rate cut : NVO News : IANS


New Delhi, (IANS) Delhiites are not happy with a paltry decrease in power tariff announced by the Delhi government Monday, said a representative of a residents’ group.
“We are not at all happy with the announcement. It is like a ‘lollipop’ that the government is giving to consumers,” Dwarka Residents Welfare Association (RWA) president Mukesh Sinha told IANS.
“The government has fooled us. We are planning to hold a protest against the government for announcement of a meagre decrease in the power tariff,” said B.S. Vohra, president of the Joint Front of RWA (East Delhi).
According to the Delhi Electricity Regulatory Commission, a domestic consumer will now be charged Rs.3.70 per unit for the first 200 units of power, the lowest slab of electricity consumption.
Consumers having monthly usages between 201 to 400 units, however, will now have to shell out 70 paise more per unit — Rs.5.50 instead of Rs.4.80 earlier. Customers were earlier charged a flat Rs.4.80 for the first 400 units.

with thanks : IANS : nvonews : LINK

Monday, October 22, 2012

Dengue: Symptoms, causes and treatment

How to prevent dengue











The alarming rise in cases of dengue across cities in the country has become a cause of worry.

The alarming rise in cases of dengue across cities in the country has become an increasing cause of worry. It now more important than ever to be aware of the risk factors, and protect yourself. Prevention in this case, is truly better than cure.


What is dengue?

Dengue is a disease caused by a family of viruses that are transmitted by mosquitoes. Dengue cannot be spread directly from person to person, i.e., is not contagious. A person can only become infected by the bite of a mosquito that is infected with the dengue virus. It is important to note that these mosquitoes bite during the daytime as well as nighttime. 



Symptoms

Dengue usually begins with chills, headache, pain while moving the eyes, and backache. Persistent high fever is characteristic of dengue. Other symptoms to watch out for are exhaustion, backache, joint pains, nausea, vomiting, low blood pressure and rash.



Treatment

Because dengue is caused by a virus, there is no specific treatment for it; treatment of dengue is typically concerned only with the relief of symptoms. People who show the symptoms mentioned above should immediately consult a physician. It is important to drink plenty of fluids, stay hydrated, and get as much rest as possible.



Dengue hemorrhagic fever (DHF)

DHF is a more severe form of dengue and can be fatal if untreated. It tends to affect children under the age of ten, and causes abdominal pain, hemorrhage (bleeding), and circulatory collapse (shock).

Prevention

There is no vaccine to prevent dengue. Prevention of dengue requires eradication of the mosquitoes that carry this virus. This means high standards of hygiene and sanitation. Avoid areas littered with garbage. All containers of stationary water (like drums or buckets) should be covered or discarded, including flower vases and pets' feeding bowls. If your area is infested with mosquitoes, wear long sleeves, use mosquito repellants and fumigate if necessary.


with thanks : YAHOO NEWS : LINK for public awareness.

DERC REVISES SLABS FOR CONSUMERS

It has become a trend of recent governments to privatise an organization in to a profitable agency which can serve the purpose of revenue generation. 

we are seeing the effects of privitasation in electricity (revised tariff after some intervals) and now same thing is all set for water. We should oppose it in front of public!! LS can demand one line solution that is "roll back of all prices hikes and naitonalization of power generation agencies" simply no privatization in electricy and water-supply.. 

We can start protest cum public meetings on this topic from one location like at Preet Vihar. public should notice the LS stand on power crisis. Remember this notice should not come from media side, instead it should come from public gatherings held at colonies, nukkads, streets.. 

Praneet Sinha

DERC REVISES SLABS FOR CONSUMERS


DERC today revised rates for consumers as per slab below:

New slab:
0 to 200 units: Rs 3.70,
201 to 400: Rs 5.50,
400 and above: Rs 6.50

This is nothing but hoodwinking the citizens of New Delhi in collusion with Congress government. If we look at figures below:

Consumption:
Peak Hour             3800-4200MW
Average 3100-3200MW
Shortage               800-1200MW

Power plants for Delhi:
NTPC Badarpur – 705MW
NTPC DAdri – 817MW
Reliance Dadri – 3000MW
IP Gas turbine – 270MW
Pragati 1 – 330MW
Pragati II – 1500MW
Pragati III – 750MW
Indira Gandhi STPP, Jhajjhar, Haryana – 750MW out of capapcity of 1500

Total earmarked capacity for Delhi is à 5122MW and Reliance Dadri still unoperational.

Power from exchanges is available at Rs.3-5/unit and mostly at Rs.4/unit all inclusive  - so there is no need to buy power at Rs.6/unit – this was done basically to provide proof of higher cost and insist for revised tariff

We should stop all power generation companies and straight away buy from the exchange at lower prices. Further why should DIAL & other establishments be subsidised for private organisations. Another case of corruption and ELEGATE and Lok Satta Party strongly condemns all increase. In Fact consumers should be charged maximum Rs.5.00/unit

Lok Satta Party will be taking their andolans to each colony and not rest till parity is restored and CAG audit of discoms done commented their state president Shri Anurag Kejriwal.

For Lok Satta Party

Best Regards


Anurag Kejriwal