मेरी दिल्ली मेरी शान - छा गए मच्छर निकली जान
भाई वाह, क्या बात है, दिल्ली वाले तो डेंगू और चिकनगुनया से बीमार हो रहे हैं, और आज तो 5 लोगों के मरने की खबर भी आ गई, लेकिन दिल्ली के बड़े बड़े नेता लोग, दिल्ली मे ना होकर कही दूर हैं. LG साहिब USA मे हैं, हमारे दिल्ली के माननीय CM साहिब, रोम से आकर, 5 दिनो के पंजाब दौरे के बाद, अब बंगलुरु मे 10 दिनो के लिए अपना इलाज करवा रहे हैं (भगवान उनको सेहत बक्शे).
दिल्ली के डेप्युटी CM साहिब फिनलॅंड मे हैं. दिल्ली के श्रम मंत्री अपने श्रम का 12 दिनो का योगदान देने (?) छत्तीस्गड् मे हैं. एक अन्य मंत्री महोदय हज की यात्रा पर हैं (अल्लाह उनकी मुरादें पूरी करे) और जब शोर मचा तो दिल्ली के सबसे वरिष्ठ मंत्री जो की गोआ मे पार्टी का परचार कर रहे थे, भाग कर दिल्ली पहुँच गए. अभी तो दिल्ली के मेयर्स का हाल भी सुन लो. एक तो शायद अलवर मे हैं और दूसरे USA मे. अब ऐसे मे दिल्ली आख़िर किसके भरोसे पे चल रही है, खुदा जाने.
चुनावों से पहले अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि पूरे 5 साल वो दिल्ली मे बैठेंगे और दिल्ली के लिए काम करेंगे लकिन अभी दो रोज पहले वो पंजाब मे बोल रहे थे कि अब वो अपना खूँटा पंजाब मे बाँध कर वहीं बैठेंगे. कल कोई और स्टेट नज़र आ गई तो शायद उनका खूँटा, उनके साथ साथ उधर ही शिफ्ट हो जाएगा. वैसे भी दिल्ली मे उनके पास कोई ज़िम्मेदारी तो है नही, कोई भी मिनिस्ट्री या डिपार्टमेंट उनके पास नही है. ऐसे मे वो दिल्ली मे हों या ना हों क्या फरक पड़ता है.
अब कोर्ट का तो यह आदेश था कि अगर किसी भी मुद्दे पर दिल्ली सरकार और LG साहिब में टकराव होता है तो फाइनल डिसिशन LG साहिब की होगी. लेकिन अगर दिल्ली सरकार यह बोलने लगे कि डेंगू और चिकनगुनया फैल रहा है तो LG से बात करो, बुखार से लोग मर रहे हैं तो यह सिर्फ़ LG साहिब की ज़िम्मेदारी है तो मुझे लगता है कि ये ग़लत होगा.
यह तो मानने की बात है की इस बार दिल्ली मे MCD की नींद देर से खुली और वो फॉगिंग शुरू करवाने मे लेट हो गई जिस करके दिल्ली की यह हालत हुई. अगर MCD ने वक़्त रहते अपने काम शुरू कर दिया होता तो शायद दिल्ली वाले आज इतनी मुश्किल मे नही होते. अब जब उनकी तरफ से फॉगिंग की शुरुआत हो गई है तो उनकी जंग लगी मशीने ढंग से काम भी नही कर पा रही हैं.
लेकिन क्या दिल्ली सरकार अपनी ज़िम्मेदारी से मुकर सकती है. दो करोड़ की पॉप्युलेशन वाली दिल्ली के सरकारी हॉस्पिटल्स मे 3000 डेंगू व चिकनगुनया के मरीजों के इलाज के लिए बेड नही हैं. लंबी लाइन लगी हुई हैं मरीजों की. एक एक बेड पर दो दो लोग अपना इलाज करवा रहे है. डॉक्टर्स और स्टाफ की कमी भी सॉफ नज़र आ रही है.
कोताही तो सभी तरफ से है और सॉफ नज़र भी आ रही है. ऐसे मे कम से कम, अगर ये नेता लोग अस्पतालों मे खड़े हो कर, लोगों की हौसला अफज़ाई करते भी नज़र आ जाएँ तो लोगों को त्सल्ली हो जाती है कि चलो कुछ हो रहा है. लेकिन अगर ये बड़े नेता लोग, इस मुश्किल की घड़ी मे दिल्ली या देश से भी दूर निकल जाते हैं, तो इनकी नैतिकता पे सवाल उठना लाज़िमी है और ये लोग अपनी ज़िम्मेदारी से बच नही सकते.
B S Vohra
Social Activist