आपके घर की लिफ्ट का sanctioned लोड, यकायक, 11 KW से कम हो कर 1 KW कैसे हो गया, समझ से बाहर है. पिछले कितने सालों से उस लिफ्ट का लोड 11 KW था और आप 11 KW के हिसाब से फिक्स्ड चार्जस दे रहे थे. अब अचानक वो 11 KW का लोड कम होकर सिर्फ़ 1 KW कैसे हो गया? कौन सा जादू चल गया या फिर कोई मिराकल हो गया, समझ से बाहर है कि 11 KW से चलने वाली लिफ्ट अचानक 1 KW से कैसे चलने लगी?
आपके घर की लिफ्ट का लोड 11 KW से 1 KW हो गया और इसके साथ साथ, आपके घर का लोड भी कम हो गया. किसी को 5 KW से कम करके 2 KW कर दिया और किसी का कुछ और. और कम भी कैसे हुआ कि वो लोग (DISCOMs), बुला बुला कर बता रहे हैं, कि भाई आपका लोड कम हो गया.
सोने पे सुहागा, आपका लोड कम हुआ सो हुआ, 600 रुपये के हिसाब से रिफंड भी आपके बिलों मे अड्जस्ट हो गया. कई लोग तो खुशी के मारे झूम उठे, क्योंकि जिंदगी मे पहली बार शायद उनका ज़ीरो बिल आया था.
ये खेल क्या चल रहा है, ये किसी की भी समझ से बाहर है पर हम DERC या फिर दिल्ली सरकार से इतना तो पूछ ही सकते हैं कि लोगों को पहले बेवकूफ़ बनाया जा रहा था, या फिर अब बेवकूफ़ बनाया जा रहा है.
अगर हमारी लिफ्ट का या हमारे घर का लोड कम था, तो पिछले इतने सालों से क्यों बड़े हुए KW पर फिक्स्ड चार्जस ले रहे थे? क्यों बड़े हुए लोड पर बड़ी हुई SLDC चार्ज की जा रही थी? क्यों कन्स्यूमर्स को लूटा जा रहा था?
और अगर हमारी लिफ्ट का या हमारे घर का लोड सही था, तो अब वो अचानक, यकायक से, कम कैसे हो गया? कहीं कोई खेल तो नही चल रहा, कि आज की तारीख मे लोड कम करके, लोगों के फिक्स्ड चार्जस को कम दिखलाकर, लोगों को 600 रुपये पर kW का रिफंड दिखा कर, खुश कर दो, या फिर बेवकूफ़ बना दो क्योंकि अगर कल की तारीख मे दोबारा से आपकी लिफ्ट 1 KW से चलनी बंद हो जाए और 11 KW से चलने लगे, या फिर आपके घर का लोड दोबारा से 2 KW से बद्कर 5 KW होने लगे, तो आपको ना केवल बड़ी हुई दरों पर सेक्यूरिटी डेपॉज़िट देना पड़ेगा, बल्कि SLDC चार्जस भी दोबारा से देने पड़ेंगे और फिक्स्ड चार्जस तो लगने ही हैं.
अब इसका जवाब तो सिर्फ़ DERC ही दे सकती है, या फिर दिल्ली सरकार. DERC या फिर दिल्ली सरकार के पॉवेर मिनिस्टर को चाहिए कि एक प्रेस रिलीस के ज़रिए लोगों को बताए, कि जो लोड कम कर दिए गए हैं. वो अब कम ही रहेंगे, अगले सालों मे बड़ नही जाएँगे. आपकी लिफ्ट अब 1 KW पर ही चलती रहेगी, उसे दोबारा से 11 KW की ज़रूरत नही पड़ेगी. और आपके घर का लोड भी आने वाले सालों मे बढ़ाया नही जाएगा. ताकि लोग समझ सकें कि उनको बेवकूफ़ नही बनाया जा रहा, कि DERC और दिल्ली सरकार लोगों के हितों की रक्षा करने मे सक्षम है.
लेकिन एक ज़रूरी सवाल, ये जो DISCOMs हैं, पिछले कुछ सालों मे इनका जो भी इनफ्रास्ट्रक्चर डेवेलप हुआ, वो पुराने लोड के हिसाब से था, या फिर नए लोड के हिसाब से है. क्योंकि अगर वो नए लोड के हिसाब से था, तो उन्होने अपनी बुक्स मे खर्चे कैसे दिखाए? और अगर वो पुराने लोड के हिसाब से था, तो आज की तारीख मे उनके पास सर्प्लस इनफ्रास्ट्रक्चर है, जिससे दिल्ली मे कहीं भी ओवरलोड की शिकायत नही होने चाहिए, कहीं भी लाइट नही जानी चाहिए और इन DISCOMs को अपने इनफ्रास्ट्रक्चर पर पैसे खरचने की ज़रूरत भी नही है क्योंकि लोड तो कम हो चुका है.
DERC और दिल्ली सरकार से जवाब की प्रतीक्षा मे.
B S Vohra
President,
East Delhi RWAs Joint Front - Federation
rwabhagidari@yahoo.in