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ट्रॅफिक जाम की वजेह से पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर, लाल क्वॉर्टर, झील, गीता कॉलोनी आदि इलाक़ों मे लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. कभी भी अचानक भारी जाम लग जाता है जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
इन अंदर के इलाक़ों मे ना तो कोई ट्रॅफिक लाइट्स हैं और ना ही कहीं आपको ट्रॅफिक कॉप्स नज़र आएँगे. लोग आपस मे ही लड़ झगड़ कर बीच बचाव कर लेते हैं लेकिन इस ट्रॅफिक जाम के कारण किसी भी समय कोई बड़ी घटना घट सकती है.
ईस्ट दिल्ली RWAs जॉइंट फ्रंट की टीम ने कई बार ट्रॅफिक डिपार्टमेंट को ट्रॅफिक लाइट्स लगाने की गुहार लगाई है और कुछ स्ट्रॅटेजिक लोकेशन्स पर ट्रॅफिक कॉप्स लगाने की माँग भी करी है लेकिन अभी तक कोई हल नही निकल पाया है.
ईस्ट दिल्ली RWAs जॉइंट फ्रंट की फरियाद पर ईस्ट दिल्ली के MP महेश गिरी ने भी LG साहिब को और ट्रॅफिक पोलीस को एक खत लिखा है, और इलाक़े की समस्याओं से अवगत कराते हुए, संज्ञान लेने की बात करी है.
ईस्ट दिल्ली RWAs जॉइंट फ्रंट के प्रेसीडेंट, बी एस वोहरा का कहना है कि कई बार इस ट्रॅफिक जाम मे फायर ब्रिगेड की गाड़ियाँ या फिर साइरन बजाती हुई आंब्युलेन्स भी फँस जाती हैं जिससे बड़ी गंभीर हालात पैदा हो जाते हैं. उनका कहना है की इस सब का कारण इलाक़े मे ट्रॅफिक लाइट्स का ना होना और ट्रॅफिक कॉप्स का अभाव तो है ही, इसके साथ साथ, सड़कों पे भारी एंकरोचमेंट और बेतरटीबी से पार्क की गई गाड़ियाँ भी हैं.
यक़ीनन इलाक़े की समस्या बड़ी ही गंभीर है और वक़्त रहते अगर सही कदम ना उठाए गए तो किसी दिन कोई बड़ा हादसा हों सकता है. कृष्णा नगर मेन रोड पर कम से कम आठ से दस बेंक हैं और उनके कस्टमर्स की आवाजाही के कारण ढेर सारे स्कूटर और कारे वहाँ लगी रहती हैं. क्यों नही ये सभी बॅंक मिलकर कुछ लोगो को डिप्लाय करके, कम से कम अपनी रोड को ट्रॅफिक जाम से मुकत कराते. इसी तरह से अगर पर्शासन और इलाक़े के लोग मिल कर कुछ इलाक़ों को वन वे घोषित कर दें और उसका सख्ती से पालन हो तो समस्या को सुलझाया जा सकता है. ट्रॅफिक पोलीस भी अगर चाहे तो कुछ लोकेशन्स पर ट्रॅफिक लाइट्स लगा कर और ट्रॅफिक कॉप्स को खड़ा करके, समस्या को सुलझाने मे मददगार हो सकती है. ईस्ट दिल्ली RWAs जॉइंट फ्रंट की टीम इस बारे मे ठोस कदम उठाने के पर्यास मे सामने आई हुई है.