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Friday, October 12, 2018

क्या पूर्वी दिल्ली मे सॅनिटेशन वर्कर्स की हड़ताल ख़तम हो गई?

क्या पूर्वी दिल्ली मे सॅनिटेशन वर्कर्स की हड़ताल ख़तम हो गई? जी नहीं, ये हड़ताल ख़तम नही हुई है बल्कि सिर्फ़ पोस्टपोन हुई है, अगले कुछ महीनों के लिए. जैसे ही दिल्ली सरकार से मिला 500 करोड़ ख़तम हो जाएगा, EDMC दोबारा से उनको तनख़्वाह नही दे पाएगी और एक बार फिर से पूर्वी दिल्ली मे हड़ताल हो जाएगी. 


तभी तो पिछले कुछ महीनो में, एक के बाद एक, लगातार आठ बार ये स्ट्राइक हो चुकी है, लगातार आठ बार पूर्वी दिल्ली कचरे के ढेर मे तब्दील हो चुकी है, क्योंकि ये हड़ताल कभी भी ख़तम नही होती, बल्कि पोस्टपोन हो जाती है. इसीलिए हमारी लड़ाई अभी जारी है. हम इसका कोई ऐसा हल चाहते हैं कि पूर्वी दिल्ली मे होने वाली ये हड़तालें ख़तम हो जाएँ, दोबारा ना हों. अब इसके लिए हमें दिल्ली सरकार और केंद्रीय सरकार, दोनो से जवाब चाहिए. 

दिल्ली सरकार ने दावा तो कर दिया कि वो EDMC को शीला जी से तीन गुना पैसा दे रही हैं, लेकिन उनको ये भी तो बताना चाहिए कि कायदा क्या कहता है? उनके बजेट मे लोकल बॉडीस के लिए जो 6,903 करोड़ का प्रावधान है, उसमे से क़ानूनन EDMC का कितना हिस्सा बनता है? क्या उतना पैसा EDMC को दिया जा रहा है? क्या पूर्वी दिल्ली की माली हालत को देखते हुए EDMC को कुछ ज्यादा मदद नही दी जा सकती?

दूसरी तरफ केंद्रीय सरकार भी अपनी ज़िम्मेदारी से बच नही सकती. हैरानी तब हुई जबकि केंद्रीय सरकार ने SC के कहने पर भी 500 करोड़ नही दिया. दूसरी तरफ बोला जाता है कि दिल्ली सरकार का लगभग 10 हज़ार करोड़ रुपैया हर साल लॅप्स होकर वापिस चला जाता है क्योंकि दिल्ली सरकार वो पैसा MCD को नही देती. तो फिर दिल्ली वालों की परेशानी को देखते हुए क्यों केंद्रीय सरकार क़ानून मे बदलाव नही करती ताकि वो पैसा केंद्रीय सरकार सीधे तौर पर दिल्ली की MCD को दे सके?

दोनो सरकारों को यह समझना चाहिए कि राजनीतिक लड़ाई एक अलग चीज़ है, बेशक एक दूसरे के खिलाफ उल्टे सीधे ब्यान दिए जाते हैं, ब्लेम गेम भी होती है, लेकिन कभी भी वोटर्स को  सीधे नुकसान नहीं पहुँचाया जाता. कभी भी रेसिडेंट्स को इतना मजबूर नही किया जाता कि लोग खुद ब खुद #selfiewithgarbage जैसी मुहिम चलाने लगें.

सिर्फ़ उम्मीद कर सकते हैं कि दोनो सरकारें दिल्ली वालों की मुश्किलों को देखते हुए गंभीरता से कदम उठाएँगी ताकि पूर्वी दिल्ली को इस कचरे की राजनीति से छुटकारा मिल सके वरना वोटर्स के पास तो सिर्फ़ वोट की ताक़त होती है जिसे वो समय आने पर उपयोग करता है और इतिहास गवाह है कि वोटर्स के नज़रे करम से कैसे तखतो ताज बदल जाते हैं.

B S Vohra
President
East Delhi RWAs Joint Front - Federation
www.RWABhagidari.com
#selfiewithgarbage