Showing posts with label आख़िर कब तक इन लड़कों से ग़लती होती रहेगी ?. Show all posts
Showing posts with label आख़िर कब तक इन लड़कों से ग़लती होती रहेगी ?. Show all posts

Sunday, July 31, 2016

आख़िर कब तक इन लड़कों से ग़लती होती रहेगी ?














कल नोयडा से बुलन्द्शहिर जाते हुए एक परिवार के साथ जो कुछ भी हुआ, शर्मनाक है. आख़िर कैसे कुछ बदमाश, चलती सड़क पर, एक कार को रोक कर, एक परिवार को लूट लेते हैं, और फिर, एक महिला ओर एक 14 साल की मासूम बच्ची को खेतों मे ले जाकर ...... लिखते हुए भी घिंन आती है, शर्म आती है. 

धिक्कार है ऐसी सरकारों पे जो इस तरह के क्राइम को रोक नही सकती. धिक्कार है ऐसे नेताओं पे जो यह बोल देते हैं कि 'लड़कों से ग़लती हो जाती है'. अरे आख़िर कब तक इन लड़कों से ग़लती होती रहेगी ओर कब तक हमारे नेता, बेशर्मो की तरह, इनका बचाव करते रहेंगे ? 

मुझे तो लगता है कि इन लड़कों से पहले, ऐसे नेताओं को कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए ताकि कोई इन बलात्कारियों के समर्थन मे अपना मुह खोलने की हिमाकत ना कर सके, ताकि इन लड़कों को सख़्त से सख़्त सज़ा दे कर, ऐसे दरिंदों को सबक सिखाया जा सके.

यही सब कुछ हुआ हरयाणा के सोनीपत मे जब जाट आंदोलन की आड़ मे, बदमाशों ने, मासूम लोगों को अपना शिकार बनाया. लेकिन क्या हुआ ? क्या कोई पकड़ा गया ? क्या किसी को कोई सज़ा हुई ? अरे अभी तक तो मासूम निर्भया के क़ातिलों को ही फाँसी नही हुई तो किसी और के लिए, हम किस सज़ा की उम्मीद कर सकते हैं. 

आख़िर कब हमारी पुलिस को ज़िम्मेदारी का एहसास होगा, कब हमारी नयाय परनाली मे सुधार होगा, कब हमारे नेताओं को अकल आएगी, कब हम लोग इन दरिंदों को फाँसी पे लटकते हुए देख पाएँगे और कब घर से निकले हुए किसी भी परिवार को यह एहसास होगा कि वह सुरक्षित है ?