पुरुषोत्तम भदौरिया/एसएनबी नई दिल्ली। राजधानी के बिजली उपभोक्ताओं
को बिजली दरों की बढ़ोतरी से निजात मिलती नहीं दिखती है। तीन माह बाद फिर
फ्यूल सरचार्ज की समीक्षा होगी और बिजली उत्पादन लागत बढ़ती है तो दरें फिर
बढ़ेंगी, लेकिन इसके बाद दरों में बढ़ोतरी नहीं होगी। डीईआरसी ने वाषिर्क
बिजली दरों और फ्यूल सरचार्ज बढ़ाकर दिल्लीवासियों को झटका दिया है, लेकिन
अगले वर्ष बिजली दरें न बढ़ाने का दावा डीईआरसी अध्यक्ष पीडी सुधाकर ने
किया है। उन्होंने कहा अगर बिजली उत्पादन लागत नहीं बढ़ी तो बिजली दरों में
बढ़ोतरी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि प्रति तीन माह में बिजली उत्पादन की
समीक्षा की जाती है और इसके बाद ही फ्यूल सरचार्ज में बढ़ोतरी होती है।
उन्होंने कहा कि अगले वर्ष एनुअल टैरिफ नहीं बढ़ेगा। गौरतलब है कि अगले
वर्ष दिल्ली विधान सभा के चुनाव होने हैं। चुनाव वर्ष में उपभोक्ताओं पर
नया भार न पड़े, इसलिए दरों में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। पूर्वी दिल्ली
आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष बी एस बोहरा ने कहा कि डीईआरसी बिजली वितरण कंपनियों
के हाथ का खिलौना हो गई है। उन्होंने कहा कि डीईआरसी आम आदमी को दरकिनार कर
बिजली वितरण कंपनियों के हितों की रक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि बिजली
वितरण कंपनियों ने जितनी दरों को बढ़ाने की मांग की थी, उससे अधिक बढ़ाकर
डीईआरसी ने स्पष्ट कर दिया है कि उसे आम उपभोक्ता की चिंता नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगले वर्ष विधान सभा चुनाव होने हैं, अत: अगले वर्ष सरकार
बिजली दरों में बृद्धि नहीं करेगी, इसलिए इसी वर्ष एक साथ दरें बढ़ा दी
हैं। दक्षिण दिल्ली आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष पीडी तिवारी ने कहा कि सकार तो
बिजली वितरण कंपनियों के हितों की रक्षा कर ही रही है, लेकिन अब डीईआरसी भी
उनके हितों की रक्षा में लग गई है। किसी को आम उपभोक्ता की चिंता नहीं है।
बिजली की दरें बढ़ने से आम आदमी पर इसका बोझ पड़ेगा और महंगाई बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि दरों में वर्ष 2011-12 में 22 प्रतिशत उसके बाद फ्यूल
सरचार्ज के नाम पर बढ़ोतरी और अब 24.15 प्रतिशत और 8 प्रतिशत फ्यूल सरचार्ज
के नाम पर बढ़ोतरी कर डीईआरसी ने अपनी हकीकत को बता दिया है। उन्होंने कहा
कि डीईआरसी के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। डीईआरसी अध्यक्ष
पीडी सुधाकर ने किया दावा
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