Saturday, June 1, 2019

Delhi Assembly elections 2020

प्रिय नागरिक
विधान सभा चुनाव निकट हैं. आने वाले समय में स्थानीय राजनीती और विधायकों के निर्वाचन पर सामाजिक व्यवहार का असर कैसा होगा यह सोचना ज़रूरी है.
यह लेख हमारे समाज की एक कमज़ोरी ; विचारहीन तरफदारी, पर रौशनी डालेगा जो दिल्ली की बिगड़ी हुई शासन व्यवस्था का बहुत बड़ा कारण है.
बिना सोचे समझे, बुद्धि के प्रयोग के बिना कोई पक्ष ले लेना एक आदत सी बन गयी है. सोशल मीडिया के आने से यह मनोवृत्ति और भी बढ़ती जा रही है. किसी भी मुद्दे को विचाराधीन करने से पहले ही बेबाक हो बयान दे देना या फिर पड़ोस में होने वाली हर अहम् बहस पर भाई-भतीजावाद करने लगना, नागरिकों के लिए अपने ही नुक्सान का कारण बनता जा रहा है. दुःख की बात तो यह भी है की हम इस बात पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं की किस कदर यह सामाजिक परिस्थिति हमारा अपना बेडा ग़र्क़ कर रही है
जब भी कूड़ा करकट, वायु प्रदूषण, गन्दगी, टूटी सड़क, जाम हुई नालियां या फिर सार्वजनिक भूमि पर अवैध अतिक्रमण की बात सामने आती है तो उसके पीछे बहुत हद तक इस प्रवृति का हाथ होता है
गौर फरमाइए, आपके इलाके में अगर नाली बंद हो जाये तो क्या सब निवासी एक ही आवाज़ में बोलेंगे? या फिर अगर सड़क टूटी हो तो क्या सब एक साथ होकर अपने पार्षद, विधायक और सांसद के पास शिकायत ले कर जायेंगे ? हरगिज़ नहीं। साधारण से साधारण नागरिक भी, बिना वजह पार्टीवाद का हिस्सा बन जायेगा. अगर ऐसा नहीं होता तो आपके इलाके की सड़कें, नालिया, और ढलाव साफ़ होते, और सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा होते ही रोक दिया जाता।
हम अक्सर अपनी विफ़लता को राजनीती बोल, नेता के सर पर मढ़ देते हैं लेकिन ध्यान दीजिये, ये बीमारी तो हमने खुद पाली है.
एक उद्धरण के माध्यम से इस मुसीबत पर प्रकाश डालता हूँ
अभी कुछ ही समय पहले दिल्ली के एक क्षेत्र में शराब की दुकान को लेकर कुछ ऐसा ही हुआ. शुरुआत में ऐसा प्रस्ताव की शराब की दूकान रिहाइशी इलाके में खुलेगी, को लेकर वहां के लोगों ने विरोध करना शुरू किया. लोग सड़क पर उतर आये और जम कर रोष प्रकट करते हुए बोले की वह अपने पड़ोस में शराब का ठेका नहीं खुलने देंगे
फिर क्या था, क्षेत्र के विपक्ष के नेता और निर्वाचित प्रतिनिधि भी मैदान में उतर आये. बस यहां से खेल खराब होना शुरू हुआ और समाज की कमज़ोरी बाहर आ गयी. जहां नेताओं ने क्षेत्र के निवासियों पर एक छोड़ दूसरी या तीसरी पार्टी के मेंबर या अनुगामी होने का इलज़ाम लगाना शुरू किया, वहीँ लोगों में बिना सोचे समझे तरफदारी करना शुरू हो गया . कुछ लोग दुबक गए, कुछ अलग -अलग नेताओं के सामने बोलने में आनाकानी करने लगे, और कुछ चुप-चाप समझाने में लग गए की शराब की दूकान पास ही में हो, तो क्या बुरा है? विरोध अलग थलग हो गया.
सच तो यह है की वोट आप किसे भी दें, पड़ोस शराब की दूकान आपके परिवार पर विपरीत असर डाल सकती है । शराब शरीर में घुस कर तरफदारी तो नहीं करेगी की फलां पार्टी के वोटर को कम चढ़ेगी और फलां पार्टी के वोटर को ज़्यादा। या फिर दुकानदार आपके बच्चे से ये तो नहीं पूंछेगा के ‘बेटा तुम्हारे पिता ने किसको वोट दिया क्योंकि उसी हिसाब से में तुम्हें शराब बेचूंगा या फिर नहीं बेचूंगा।’ जब शराब तरफदारी नहीं करेगी और शराब बेचने वाला नहीं करेगा तो लोग क्यों करने लग गए? क्यों इधर उधर भटक कर एक या फिर दूसरी साइड लेने लगे
ऐसा ही कुछ ट्रैफिक प्लानिंग में दक्षिण दिल्ली की एक अति धनवान कॉलोनी में भी हुआ. अब सब लोग ट्रैफिक में उलझे हैं लेकिन बिना सोचे समझे, ज़िद में, राजनितिक साइड लेते हुए घर फूँक तमाशा देख रहे हैं
URJA में हम अक्सर देखते हैं की पब्लिक और RWA अकसर इस तरह साइड लेने लगते हैं की टूटी सड़क, कूड़ा इत्यादि पर किसी भी तरह का कड़ा रुख अपनाया ही नहीं जा सकता। अफसर भी कुछ यूं सोचते हैं “की लड़ने दो इन लोगों को! और हम फ़ालतू में क्यों चक्कर में पड़ें?”
दिल्ली की बैड गवर्नेंस का यह एक बहुत बड़ा कारण है.
समझदारी तो इसमें है की कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जैसे टूटी सड़कें, बर्बाद फुटपाथ, कूड़े के ढेर, सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा, सिक्योरिटी, बह निकलते हुए हुए सीवर, जिस पर हम, चाहे किसी भी पक्ष को वोट देते हों, उस के नेता या उम्मीदवार से साफ़ साफ़ कह दें, की भाई यह नहीं चलेगा। हम किसी भी पार्टी से सरोकार रखते हों लेकिन दो टूक शब्दों में साफ़ साफ़ नेता से कह देना चाहिए कि ‘वोट की बात रही एक तरफ, लेकिन टूटी सड़क, गन्दगी, मच्छर काटने से बीमारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो राज्य सरकार या निगम का काम है, वह तो एक जुट हो कर मांग लीजिये! इसमें क्यों राजनितिक साइड ले कर एक दुसरे का विरोध?
जनता से अनुरोध है की, समझदारी इसी में है की बिना सोचे समझे, तरफदारी बंद कीजिये। विधायक का चुनाव देश व्यापी मुद्दों से जुड़ा नहीं है. पूर्ण रूप से विधायक को क्यों चुनते हैं, आप सब के विधान सभा क्षेत्र के स्थानीय मुद्दों से जुड़ा है.
आपके इलाके में वैसा शासन है, जैसा आप केअधिकतम क्षेत्रिए निवासी चाहते हैं. जैसी करनी वैसी भरनी; हमारे पूर्वज व्यर्थ ही नहीं कह रहे थे।

Ashutosh Dikshit

Friday, May 31, 2019

The complete list of who got what ministry in the Narendra Modi cabinet:

Shri Narendra Modi 

Prime Minister and also in-charge of:
Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions; 
Department of Atomic Energy;
Department of Space; and
All important policy issues; and 
All other portfolios not allocated to any Minister.

1. Shri Raj Nath Singh — Minister of Defence.
2. Shri Amit Shah — Minister of Home Affairs.
3. Shri Nitin Jairam Gadkari — Minister of Road Transport and Highways; and
Minister of Micro, Small and Medium Enterprises.
4. Shri D.V. Sadananda Gowda — Minister of Chemicals and Fertilizers.
5. Smt. Nirmala Sitharaman — Minister of Finance; and
Minister of Corporate Affairs.
6. Shri Ramvilas Paswan — Minister of Consumer Affairs, Food and Public Distribution.
7. Shri Narendra Singh Tomar — Minister of Agriculture and Farmers Welfare;
Minister of Rural Development; and
Minister of Panchayati Raj.
8. Shri Ravi Shankar Prasad — Minister of Law and Justice; 
Minister of Communications; and
Minister of Electronics and Information Technology.
9. Smt. Harsimrat Kaur Badal — Minister of Food Processing Industries.
10. Shri Thaawar Chand Gehlot Minister of Social Justice and Empowerment.
11. Dr Subrahmanyam Jaishankar — Minister of External Affairs.
12. Shri Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’ — Minister of Human Resource Development.
13. Shri Arjun Munda — Minister of Tribal Affairs.
14. Smt. Smriti Zubin Irani — Minister of Women and Child Development; and Minister of Textiles.

15. Dr Harsh Vardhan — Minister of Health and Family Welfare;

Minister of Science and Technology; and
Minister of Earth Sciences.
16. Shri Prakash Javadekar — Minister of Environment, Forest and Climate Change; and Minister of Information and Broadcasting.
17. Shri Piyush Goyal — Minister of Railways; and
Minister of Commerce and Industry.
18. Shri Dharmendra Pradhan — Minister of Petroleum and Natural Gas; and
Minister of Steel.
19. Shri Mukhtar Abbas Naqvi — Minister of Minority Affairs.
20. Shri Pralhad Joshi — Minister of Parliamentary Affairs;
Minister of Coal; and
Minister of Mines.
21. Dr Mahendra Nath Pandey — Minister of Skill Development and Entrepreneurship.
22. Shri Arvind Ganpat Sawant — Minister of Heavy Industries and Public Enterprise.
23. Shri Giriraj Singh — Minister of Animal Husbandry, Dairying and Fisheries.
24. Shri Gajendra Singh Shekhawat — Minister of Jal Shakti.

Ministers of State (Independent Charge)

1. Shri Santosh Kumar Gangwar — Minister of State (Independent Charge) of the Ministry of Labour and Employment.
2. Rao Inderjit Singh — Minister of State (Independent Charge) of the Ministry of Statistics and Programme Implementation; and
Minister of State (Independent Charge) of the Ministry of Planning.
3. Shri Shripad Yesso Naik — Minister of State (Independent Charge) of the Ministry of Ayurveda, Yoga and Naturopathy, Unani, Siddha and Homoeopathy (AYUSH); and
Minister of State in the Ministry of Defence.
4. Dr Jitendra Singh — Minister of State (Independent Charge) of the Ministry of Development of North Eastern Region;
Minister of State in the Prime Minister’s Office;
Minister of State in the Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions; 
Minister of State in the Department of Atomic Energy; and 
Minister of State in the Department of Space.
5. Shri Kiren Rijiju — Minister of State (Independent Charge) of the Ministry of Youth Affairs and Sports; and
Minister of State in the Ministry of Minority Affairs.
6. Shri Prahalad Singh Patel — Minister of State (Independent Charge) of the Ministry of Culture; and
Minister of State (Independent Charge) of the Ministry of Tourism.
7. Shri Raj Kumar Singh — Minister of State (Independent Charge) of the Ministry of Power;
Minister of State (Independent Charge) of the Ministry of New and Renewable Energy; and
Minister of State in the Ministry of Skill Development and Entrepreneurship.
8. Shri Hardeep Singh Puri — Minister of State (Independent Charge) of the Ministry of Housing and Urban Affairs; 
Minister of State (Independent Charge) of the Ministry of Civil Aviation; and
Minister of State in the Ministry of Commerce and Industry.
9. Shri Mansukh L. Mandaviya — Minister of State (Independent Charge) of the Ministry of Shipping; and
Minister of State in the Ministry of Chemicals and Fertilizers.

Ministers of State


1. Shri Faggansingh Kulaste — Minister of State in the Ministry of Steel.
2. Shri Ashwini Kumar Choubey Minister of State in the Ministry of Health and Family Welfare.
3. Shri Arjun Ram Meghwal — Minister of State in the Ministry of Parliamentary Affairs; and
Minister of State in the Ministry of Heavy Industries and Public Enterprises.
4. General (Retd.) V. K. Singh — Minister of State in the Ministry of Road Transport and Highways.
5. Shri Krishan Pal — Minister of State in the Ministry of Social Justice and Empowerment.
6. Shri Danve Raosaheb Dadarao — Minister of State in the Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution.
7. Shri G. Kishan Reddy — Minister of State in the Ministry of Home Affairs.
8. Shri Parshottam Rupala — Minister of State in the Ministry of Agriculture and Farmers Welfare.
9. Shri Ramdas Athawale — Minister of State in the Ministry of Social Justice and Empowerment.
10. Sadhvi Niranjan Jyoti — Minister of State in the Ministry of Rural Development.
11. Shri Babul Supriyo Minister of State in the Ministry of Environment, Forest and Climate Change.
12. Shri Sanjeev Kumar Balyan — Minister of State in the Ministry of Animal Husbandry, Dairying and Fisheries.
13. Shri Dhotre Sanjay Shamrao — Minister of State in the Ministry of Human Resource Development;
Minister of State in the Ministry of Communications; and
Minister of State in the Ministry of Electronics and Information Technology.
14. Shri Anurag Singh Thakur — Minister of State in the Ministry of Finance; and 
Minister of State in the Ministry of Corporate Affairs.
15. Shri Angadi Suresh Channabasappa — Minister of State in the Ministry of Railways.
16. Shri Nityanand Rai — Minister of State in the Ministry of Home Affairs.
17. Shri Rattan Lal Kataria — Minister of State in the Ministry of Jal Shakti; and Minister of State in the Ministry of Social Justice and Empowerment.
18. Shri V. Muraleedharan — Minister of State in the Ministry of External Affairs; and Minister of State in the Ministry of Parliamentary Affairs.
19. Smt. Renuka Singh Saruta — Minister of State in the Ministry of Tribal Affairs.
20. Shri Som Parkash — Minister of State in the Ministry of Commerce and Industry.
21. Shri Rameswar Teli — Minister of State in the Ministry of Food Processing Industries.
22. Shri Pratap Chandra Sarangi — Minister of State in the Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises; and Minister of State in the Ministry of Animal Husbandry, Dairying and Fisheries.
23. Shri Kailash Choudhary — Minister of State in the Ministry of Agriculture and Farmers Welfare.
24. Sushri Debasree Chaudhuri — Minister of State in the Ministry of Women and Child Development.

Thursday, May 30, 2019

43% newly-elected Lok Sabha MPs have criminal record: ADR

The BJP has 116 MPs or 39% of its winning candidates with criminal cases, followed by 29 MPs (57%) from the Congress, the Association of Democratic Reforms said.

Nearly half of the newly-elected Lok Sabha members have criminal charges against them, a 26% increase as compared to 2014, according to the Association of Democratic Reforms (ADR).
Of the 539 winning candidates analyzed by the ADR, as many as 233 MPs or 43% have criminal charges.
The BJP has 116 MPs or 39% of its winning candidates with criminal cases, followed by 29 MPs (57%) from the Congress, 13 (81%) from the JDU, 10 (43%) from the DMK and nine (41%) from the TMC, the ADR said.
In 2014, 185 Lok Sabha members (34%) had criminal charges and 112 MPs had serious criminal cases against them. In 2009, 162 (nearly 30%) out of the 543 Lok Sabha MPs had criminal charges and 14% had serious criminal charges, it said.
In the new Lok Sabha, nearly 29% of the cases are related to rape, murder, attempt to murder or crime against women, the non-governmental organization said.
“There is an increase of 109% [in 2019] in the number of MPs with declared serious criminal cases since 2009,” it said.
Eleven winners — five from the BJP, two from the BSP, one each from the Congress, the NCP and the YSR Congress Party, and an Independent — have murder charges against them, the ADR said.
Pragya Singh Thakur, the newly-elected BJP MP from Bhopal, faces terror charges in connection with the 2008 Malegaon blasts. The Bharatiya Janata Party has faced a lot of criticism for fielding her.
Moreover, 29 winners have declared cases related to hate speech, it said.
Dean Kuriakose from the Congress, who won from the Idukki constituency in Kerala, has 204 criminal cases against him, including culpable homicide, house trespass, robbery, criminal intimidation, it added.