Monday, December 16, 2013
East Delhi discom, police train girls in self-defence
NEW DELHI: East Delhi discom BSES Yamuna has partnered with the Delhi Police special unit for women and children, Nanakpura, to impart self-defence training to schoolgirls and young women. The initiative aims to equip the participants to take care of their own safety. The participants are given tips to handle sticky situations besides physical training. They are also told to share the knowledge with their friends, neighbours and family members.
More than 500 girls and women have been trained in the first phase. The training has been organized at five locations, including three schools in east and central Delhi. Looking at the overwhelming response, the programme will be rolled out in more schools and colleges in east and central Delhi. A BYPL official said, "The training programme, which is spread over 10 days with daily two hours, strives to educate women and girls on the importance of speaking out, raising the alarm and wriggling out of tricky situations.''
Schools where the programme has already been organized include Rajkiya Pratibha Vikas Vidyalaya (Yamuna Vihar), Happy School (Daryaganj) and Eknath Sarvodhya Kandya Vidyalaya (GT Road). The participants said they all felt more confident after attending the 10-day programme. On completion of the training, the participants are awarded certificates by police. Such has been the impact of the programme that the trained girls are being asked by school principals to give a demonstration in the morning assembly.
with thanks : Times of India : LINK
Sunday, December 15, 2013
निर्भया रेप केस: एक साल में क्या कुछ बदला?: AAJ TAK: Video
Please view the AAJTAK News Story from the link below :
निर्भया रेप केस: एक साल में क्या कुछ बदला?: AAJ TAK: Video
निर्भया रेप केस: एक साल में क्या कुछ बदला?: AAJ TAK: Video
Saturday, December 14, 2013
अरविंद केजरीवाल ने सोनिया को चिट्ठी में क्या लिखा ?
श्रीमति सोनिया गांधी जी,
कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में सरकार बनाने के लिए आम आदमी पार्टी को बिना शर्त समर्थन देने के लिए कहा है. हमने तो कांग्रेस से समर्थन मांगा नहीं था.
आम आदमी पार्टी का जन्म ही बीजेपी और कांग्रेस जैसी पार्टियों की भ्रष्ट, आपराध्कि और साम्प्रदायिक राजनीति के कारण हुआ. जब देश का आम आदमी भ्रष्टाचार से कराह उठा तो इस देश के आम लोगों ने खुद अपनी पार्टी बनाई और आवाज़ उठाने का निश्चय किया. ऐसे में आम आदमी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी जैसी पार्टियों के साथ कैसे हाथ मिला सकती है?
चूंकि आपकी पार्टी ने कहा है कि आप बिना शर्त समर्थन देने के लिए तैयार हैं तो देश की जनता जानना चाहती है कि इसका क्या मतलब है? दिल्ली की जनता के कुछ ज्वलंत मुद्दे हैं जिसकी वजह से दिल्ली की जनता परेशान है. 15 वर्ष के शासनकाल में कांग्रेस की सरकार ने इन मुद्दों का समाधन करने की बजाय कई जगह तो जनता की परेशानियों को और ज़्यादा बढ़ा दिया है. सात वर्ष के अपने शासनकाल में भाजपा ने नगर निगम को जमकर लूटा है. ऐसे में यदि अब आप आम आदमी पार्टी की सरकार को बिना शर्त समर्थन देते हैं तो आपका इन मुद्दों पर क्या विचार होगा?
आज देश में राजनीति केवल सत्ता हासिल करने का एक माध्यम बन गई है. सत्ता हासिल करने के लिए चाहे कुछ भी करना पड़े. हर पार्टी किसी भी तरह से सत्ता हासिल करना चाहती है. लोगों के मुद्दों से किसी को कोई लेना-देना नहीं है. हम राजनीति में सत्ता हासिल करने नहीं आएं हैं. हम आम लोग हैं, बहुत छोटे लोग हैं, भ्रष्टाचार और महंगाई से दुखी और त्रास्त लोग हैं. हमारी समस्याएं हैं. हम जनता उन समस्याओं का समाधन चाहती हैं.
ऐसे कुछ मुद्दे मैं इस पत्रा के साथ संलग्न कर रहा हूं. आपसे उम्मीद करता हूं कि आपकी पार्टी हर मुद्दे पर अपना रुख साप़फ करेगी. चूंकि हमारी पार्टी की बुनियाद ही सच्चाई और पारदर्शिता पर आधरित है, इसलिए यह पत्रा मैं जनता के बीच रख रहा हूं. आपका जो भी जवाब आएगा उसे भी हम जनता के बीच रख देंगे और पिफर जनता से पूछेंगे कि आपके जवाब के मद्देनज़र क्या आम आदमी पार्टी को सरकार बनानी चाहिए?
और हां. कृपया हर मुद्दे पर अपना नज़रिया स्पष्ट रूप से बताइएगा. गोलमाल करके मत कहिएगा, जैसे - ‘‘नैतिक रूप से हम साथ हैं’’ इत्यादि.
आपके जवाब का इंतजार रहेगा.
अरविंद केजरीवाल
मुद्दा नं.-1 दिल्ली में वी.आई.पी. कल्चर बंद करना
दिल्ली सरकार का कोई भी विधयक, मंत्री या अप़फसर लालबत्ती की गाड़ी नहीं लेगा, बड़े बंगले में नहीं रहेगा और अपने लिए विशेष सिक्योर्टी नहीं लेगा. हर नेता और अफसर आम आदमी की तरह रहेगा. दिल्ली में विधयक और पार्षद फंड बंद किया जाए. यह पैसा सीधे मोहल्ला सभाओं को दिया जाए ताकि जनता तय करे कि सरकारी पैसा उनके इलाके में कहां और कैसे खर्च होगा.
प्रश्नः क्या कांग्रेस पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-2 जनलोकपाल बिल
भ्रष्टाचार के खिलापफ एक सख़्त जनलोकपाल बिल पास होना चाहिए. अगस्त 2011 में अन्ना जी के 13 दिन के अनशन के बाद संसद में बैठकर सभी पार्टियों ने प्रस्ताव पारित किया था और अन्ना जी से अपील की थी कि अन्ना जी अपना अनशन समाप्त कर दें और संसद को अन्ना जी की तीनों शर्तें मंजूर है. प्रधनमंत्री ने भी अन्ना जी को चिट्ठी लिखकर यही बातें कही थी. आज दो साल हो गए. संसद के उस प्रस्ताव का और प्रधनमंत्री की उस चिट्ठी का क्या हुआ?
आम आदमी पार्टी उसी जनलोकपाल बिल को दिल्ली के लिए पारित करना चाहेगी. जाहिर है कि यह कानून बनने के बाद 15 वर्ष के कांग्रेस शासनकाल में हुए घोटालों की भी जांच की जाएगी. बीजेपी के दिल्ली नगर निगम में सात वर्षों में किए गए घोटालों की भी जांच की जाएगी. आपकी पार्टी के समर्थन का यह मतलब कतई नहीं होना चाहिए कि यदि आपके किसी भी नेता के खिलापफ भ्रष्टाचार का कोई भी सबूत मिलता है तो उसे किसी भी प्रकार की रियायत दी जाएगी.
हम दिल्ली के लिए जनलोकपाल बिल रामलीला मैदान में दिल्ली विधनसभा का स्पेशल सत्रा बुलाकर पारित करना चाहेंगे. क्या यह हो सकता है? हां, बिल्कुल हो सकता है. इस बारे में हमने कानून के बड़े-बड़े विद्वानों से भी राय ले ली है. उसकी चिंता आप बिल्कुल न करें.
प्रश्नः जब आपकी पार्टी ने केंद्र में जनलोकपाल बिल पास नहीं होने दिया तो क्या आपकी पार्टी बिना शर्त
दिल्ली में जनलोकपाल बिल पारित करने और उसे लागू करवाने में समर्थन देगी?
मुद्दा नं.-3 दिल्ली में स्वराज स्थापित हो
अपने-अपने मोहल्ले, कालोनी और गलियों के बारे में निर्णय लेने के अध्किार सीधे जनता को दिए जाएं. अधिक से अधिक निर्णय मोहल्ला सभाओं के जरिए सीधे जनता ले और सरकार उन निर्णयों का पालन करें. ऐसी व्यवस्था लागू करने के लिए आम आदमी पार्टी स्वराज का कानून लाना चाहेगी.
प्रश्नः क्या कांग्रेस पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-4 दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा
आम आदमी पार्टी की सरकार केंद्र सरकार से यह मांग करेगी कि दिल्ली को भारतीय संघ के अन्य राज्यों के समान दर्जा मिले. डी.डी.ए. और पुलिस पर केंद्र सरकार का नियंत्राण खत्म हो.
प्रश्नः क्या कांग्रेस पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-5 बिजली कंपनियों का आडिट
कई ऐसे तथ्य जनता के बीच में आएं हैं जो यह शक पैदा करते हैं कि बिजली कंपनियों ने अपने बहीखातों में भारी गड़बड़ कर रखा है. ऐसा भी माना जा रहा है कि दिल्ली में बिजली के निजीकरण में भारी घोटाला हुआ. इन कंपनियों का ऑडिट करवाए बिना हर साल बिजली के दाम बढ़ा दिए जाते हैं. आम आदमी पार्टी इन बिजली कंपनियों का निजीकरण से लेकर आजतक का स्पेशल ऑडिट करवाना चाहती है. जो कंपनी ऑडिट करवाने से मना करेगी, उसका लाइसेंस कैंसिल किया जाएगा. ऑडिट के नतीजे जनता के सामने रखे जाएंगे और उसी आधार पर दिल्ली में बिजली की दरों का निर्धरण किया जाएगा. दिल्ली में बिजली के बिल आधे किए जाएंगे.
प्रश्नः क्या कांग्रेस पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-6 बिजली के तेज चलते मीटर
कई लोगों को शक है कि दिल्ली में बिजली के मीटर तेज चल रहे हैं. इन मीटरों की किसी निष्पक्ष एजेंसी द्वारा जांच करायी जानी चाहिए. अगर ये मीटर तेज चलते पाए जाते हैं तो जब से ये मीटर लगाएं गए हैं, तब से लेकर आज तक जितना अध्कि पैसा बिजली कंपनियों ने वसूला है, वह उनसे वापस लिया जाए और मीटर बदले जाएं.
प्रश्नः क्या कांग्रेस पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-7 दिल्ली में पानी की व्यवस्था
आज दिल्ली की आधी से ज़्यादा आबादी के घरों में पानी नहीं आता. क्यों? क्या दिल्ली में पानी की कमी है? दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में 220 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन पानी उपलब्ध् है. अगर इतना पानी वाकई उपलब्ध् है तो यह पानी जाता कहां है? क्योंकि ये पानी लोगों के घरों तक नहीं पहुंच रहा. ऐसा देखने में आया कि दिल्ली में पानी का एक बहुत बड़ा मापिफया काम कर रहा है, जिसे सीधे अथवा परोक्ष रूप से बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के कुछ नेताओं का राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है. ऐसे मापिफया और उनको संरक्षण देने वालों के खिलापफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी. दिल्ली में पानी की चोरी रोकी जाएगी और यह पानी लोगों के घरों में पहुंचाया जाएगा.
मुद्दा नंबर 5
दिल्ली जल बोर्ड आज भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. इसका पुनर्गठन किया जाएगा. दिल्ली जल बोर्ड ने बिना टैंडर निकाले, कुछ कंपनियों को गलत पफायदा पहुंचाने के लिए कुछ ठेके दिए हैं. पहली नज़र में ऐसा प्रतीत होता है कि इनमें से कुछ ठेकों से जनता का लाभ नहीं होने वाला. ऐसे सभी ठेकों की पुनर्समीक्षा की जाएगी.
किसी भी जिम्मेदार सरकार का पहला फर्ज है कि वो सापफ पानी मुहैया करा सके. पिछले सात साल में दिल्ली में पानी के दाम 18 गुणा बढ़ा दिए गए. हमारा प्रश्न है कि अगर एक गरीब आदमी पानी का बिल न भर सके तो क्या उसे पानी पीने का अध्किार नहीं होना चाहिए?
आम आदमी पार्टी हर घर तक 700 लीटर साप़फ पानी प्रतिदिन मुफ्ऱत पहुंचाना चाहती है. जो लोग 700 लीटर से ज़्यादा पानी इस्तेमाल करेंगे उनसे पूरे पानी के पैसे लिए जाएंगे. उस कानून को रद्द किया जाएगा जिसके तहत हर साल पानी के दाम बढ़ाने का प्रावधन है.
प्रश्नः क्या कांग्रेस पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-8 दिल्ली की अनाधिकृत कालोनियां
दिल्ली की 30 प्रतिशत से ज़्यादा आबादी अनाध्किृत कालोनियों में रहती है. चूंकि ये कालोनियां अनियमित हैं, इनमें मूलभूत सुविधएं उपलब्ध् नहीं कराई गईं और यहां पर रहने वाले लोग जानवरों सी जि़ंदगी व्यतीत कर रहे हैं. इन लोगों के साथ अभी तक केवल गंदी राजनीति की गई है. पिछले चुनाव के पहले कांग्रेस ने वादा किया था कि सरकार बनने के एक साल के अंदर इन्हें नियमित कर दिया जाएगा. लेकिन पांच साल में भी सरकार ने कुछ नहीं किया. आम आदमी पार्टी चाहती है कि इन कालोनियों को एक वर्ष के अंदर नियमित करके इनमें तुरंत सभी मूलभूत सुविधएं उपलब्ध् कराई जाएं.
प्रश्नः क्या कांग्रेस पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-9 दिल्ली की झुग्गी-बस्तियां
दिल्ली का एक तिहाई हिस्सा दिल्ली की झुग्गी-बस्तियों में रहता है. ये लोग दिल्ली वालों के लिए सभी मूलभूत सेवाएं प्रदान करते हैं. इनकी सेवाओं के बिना दिल्ली एक दिन भी नहीं चल सकती. लेकिन ये बेचारे इतना कम कमाते हैं कि झुग्गी-बस्तियों में रहने को मजबूर हैं. झुग्गी-बस्तियों में लोग जानवरों सी जिंदगी जीते हैं. कोई भी अपनी मर्जी से झुग्गियों में रहना नहीं चाहता. ये लोग भी आज तक गंदी राजनीति और भ्रष्टाचार का शिकार रहे. कई इलाकों में यह कहकर झुग्गियां तोड़ दी गईं कि उन्हें पक्के मकान या प्लॉट दिए जाएंगे. लेकिन आजतक उन्हें कुछ नहीं दिया गया. उनके नाम के प्लॉटों पर नेताओं के साथ मिलकर भू-मापिफयाओं ने कब्जा कर लिया.
आम आदमी पार्टी चाहती है कि झुग्गियों में रहने वालों को सापफ-सुथरी और ईमानदार जिंदगी दी जाए. उन्हें आसान शर्तों पर पक्के मकान दिए जाएं. जब तक पक्के मकान नहीं दिए जाते उनकी झुग्गियों को तोड़ा न जाए और वहीं पर उनके लिए साप़फ-सप़फाई और शौचालयों की व्यवस्था की जाए.
प्रश्नः क्या कांग्रेस पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-10 स्थायी एवं नियमित कार्यों के लिए ठेकेदारी पर कर्मचारी
दिल्ली में पिछले 10 से 15 वर्षों में ठेकेदारी पर कर्मचारियों के रखने की प्रथा बड़ी तेजी से बढ़ी है. नियमित एवंस्थायी किस्म के कार्यों के लिए भी कर्मचारियों को ठेकेदारी पर रखा गया है. जैसे आज दिल्ली सरकार में सफाई कर्मचारी, अध्यापकों, नर्सों, डाॅक्टरों आदि को भी ठेकेदारी पर रखा जा रहा है. ठेकेदार इन लोगों का तरह-तरह से शोषण करता है. आम आदमी पार्टी स्थायी और नियमित कार्यों में ठेकेदारी प्रथा बंद करके सभी लोगों को नियमित करना चाहती है और इनका शोषण बंद करना चाहती है.
प्रश्नः क्या कांग्रेस पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-11 व्यापार एवं उद्योग
आज दिल्ली का एक सामान्य व्यापारी एवं उद्योगपति भी त्रास्त है. जानबूझकर ऐसी-ऐसी नीतियां बनाई जाती हैं कि व्यापारी रिश्वत लेने के लिए मजबूर हो जाता है. इतनी मेहनत करने के बाद भी व्यापारी सर उफंचा करके ईमानदारी और सम्मान की जिंदगी नहीं जी सकता. किसी भी विभाग का एक अदना-सा इंस्पेक्टर अच्छे-अच्छे व्यापारियों और उद्योगपतियों को ध्मका कर चला जाता है. आज दिल्ली में वैट इतना जटिल बना दिया गया है कि एक आम व्यापारी का बिना रिश्वत दिए काम ही नहीं चलता. वैट की दरें ऐसी कर दी हैं कि दिल्ली का अध्कितर व्यापार दिल्ली से उठकर दूसरे राज्य में चला गया है.
आम आदमी पार्टी दिल्ली में व्यापार और उद्योग करने के लिए एक ईमानदार व्यवस्था चाहती है. ऐसे सभी कानूनों और नीतियों की पुनर्समीक्षा की जाएगी, जो दिल्ली में व्यापार और उद्योग करने में बाध बनते हैं. वैट का सरलीकरण किया जाएगा. वैट की दरों की पुनर्समीक्षा की जाएगी ताकि दिल्ली पिफर से होल सेल व्यापार का केन्द्र बन सके. आज दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रा का बुरा हाल है. वहां सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधएं भी नहीं है. आम आदमी पार्टी इन क्षेत्रों में सभी मूलभूत सुविधएं उपलब्ध् कराकर उद्योग को बढ़ावा देना चाहती है.
प्रश्नः क्या कांग्रेस पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-12 रिटेल में एफ.डी.आई.
आम आदमी पार्टी दिल्ली में किराना में एफ.डी.आई. लाने के खिलाफ है.
प्रश्नः क्या भाजपा उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-13 दिल्ली के गांव-देहात
इस वर्ष जनवरी में दिल्ली में ओले पड़े. कुछ पत्राकारों ने जब दिल्ली की मुख्यमंत्री से पूछा कि दिल्ली में खेती को कितना नुकसान हुआ? तो मुख्यमंत्री शीला दीक्षित जी ने कहा कि दिल्ली में कोई खेती नहीं होती. यह बड़े दुख और आश्चर्य की बात है कि 15 वर्षों तक दिल्ली में राज करने के बाद भी दिल्ली की मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि दिल्ली में 360 गांव हैं और उनमें आज भी खेती होती है. गांव में रहने वालों की जमीनें बिना उनकी मर्जी के सस्ते दामों में छीनकर बड़े-बड़े बिल्डरों को दे दी जाती हैं.
आम आदमी पार्टी दिल्ली के किसानों को वो सभी सुविधएं और सब्सिडी देना चाहती है जो दूसरे राज्यों के किसानों को उपलब्ध है. ग्रामसभा की मंजूरी के बिना किसी भी गांव की जमीन का अध्ग्रिहण नहीं किया जाएगा. दिल्ली में लालडोरा का विस्तार किया जाएगा. दिल्ली में सभी गांवों को मूलभूत सुविधएं जैसे- स्कूल, अस्पताल, स्टेडियम, बस सेवा इत्यादि उपलब्ध कराई जाए.
प्रश्नः क्या कांग्रेस पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-14 शिक्षा
दिल्ली में लगभग तीन हज़ार सरकारी स्कूल हैं. इनमें 1800 नगर निगम के स्कूल हैं, जिनका बीजेपी ने बेड़ा-गर्क कर दिया और 1200 दिल्ली सरकार के स्कूल हैं, जो कांग्रेस की वजह से बुरी हालत में है. इन स्कूलों में लगभग बीस लाख बच्चे पढ़ते हैं. जिनका भविष्य बर्बाद है. दूसरी तरपफ प्राइवेट स्कूल वाले मनमाने तरीके से पफीस बढ़ाते जा रहे हैं और दो नंबर में डोनेशन लेते हैं. ऐसा क्यों हो रहा है? क्योंकि दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस के कई मंत्रियों और विधयकों के खुद के कई स्कूल चल रहे हैं. इसलिए जानबूझकर सरकारी स्कूलों का बंटाधर किया जा रहा है ताकि लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजने को मजबूर हों. प्राइवेट स्कूलों की पफीस पर कोई लगाम नहीं लगाई जाती क्योंकि इनमें कई तो विधयकों के अपने स्कूल हैं.
आम आदमी पार्टी सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर करना चाहती है. दिल्ली में 500 से भी अधिक नये सरकारी स्कूल खोले जाएंगे. प्राइवेट स्कूलों में डोनेशन का सिस्टम बंद किया जाएगा. प्राइवेट स्कूलों में पफीस निर्धारण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा.
प्रश्नः क्या कांग्रेस पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-15 स्वास्थ्य
दिल्ली में सरकारी अस्पताल की भारी कमी है और जितने अस्पताल हैं भी उनका बुरा हाल है. दिल्ली में नए सरकारी अस्पताल खोले जाएंगे और सरकारी अस्पताल में प्राइवेट अस्पतालों से भी बेहतर इलाज का प्रबंध किया जाएगा.
प्रश्नः क्या कांग्रेस पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-16 महिला सुरक्षा
दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए स्पेशल सुरक्षा दल बनाया जाएगा. दिल्ली में इतनी नई अदालतें बनाई जाए और जज नियुक्त किए जाए ताकि महिलाओं के साथ उत्पीड़न के किसी भी मामले में तीन से छः महीने के अंदर सज़ा हो और सख़्त से सख़्त सज़ा हो.
प्रश्नः क्या कांग्रेस पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-17 न्याय व्यवस्था
दिल्ली में इतनी नई अदालतें खोली जाएं और इतने नए जजों की नियुक्ति की जाए ताकि कोई भी मामला छः महीने से एक साल के अंदर निपटाया जा सके. न्याय व्यवस्था में भ्रष्टाचार के खिलापफ भी सख़्त कदम उठाए जाए.
प्रश्नः क्या कांग्रेस पार्टी उपर्युक्त प्रस्ताव का बिना शर्त समर्थन करती है और उसे लागू करवाने में पूरा सहयोग देगी?
मुद्दा नं.-18 केंद्र सरकार की मदद
प्रश्नः उफपर दिए गए कई मुद्दे ऐसे हैं जिनमें केंद्र सरकार की मदद की जरूरत पड़ेगी. हम आप से जानना चाहते हैं कि क्या आपकी पार्टी का समर्थन दिल्ली विधनसभा में आठ विधयकों तक ही सीमित रहेगा या आप दिल्ली की जनता के इन मुद्दों का समाधन निकलवाने के लिए केंद्र सरकार पर भी दबाव डालेंगी?
with thanks : ABPNEWS : LINK
Unconditional conditions ?
BJP got no support from Congress or AAP & therefore, BJP was not in a position of forming a Govt. in Delhi. AAP received the unconditional support of Congress & constructive support of BJP, but AAP has its own conditions. Therefore, we wanna have your valued comments on the present situation & the behaviour of various political outfits.
Thursday, December 12, 2013
Wednesday, December 11, 2013
Power rates in Capital likely to go up
Elections over, it is time for a revision of power rates in the Capital or so it seems.
The Delhi Electricity Regulatory Commission (DERC) has received a representation from the power distribution companies seeking a power tariff increase of 3 to 4 percent as part of the power purchase adjustment charges.
The power regulator said it had received a representation from the three power distribution companies — BSES Rajdhani Power Limited (BRPL), BSES Yamuna Power Limited (BYPL) and Tata Power Delhi Distribution Limited (TPDDL).
“We have received their proposals and are examining their claims. A decision will be taken soon on the matter. They have asked for an increase of 3 to 4 per cent. But we are yet to take a decision on it,” said PD Sudhakar, DERC chairman.
High power tariffs and promises to reduce it considerably was a major rallying point for a number of parties during the recently concluded Delhi Assembly elections. Both the Aam Aadmi Party (AAP) and the Bharatiya Janata Party (BJP) during their campaigns had promised that if elected to power, they would slash power tariffs considerably.
While AAP had said it would bring down the power bills by 50 per cent, the BJP had claimed that it will reduce power tariff by 30 per cent. The power distribution companies have also filed their aggregate revenue requirements to decide power tariff for the next year.
“Their claims are being examined but we have a few queries and have sought a reply from them,” said a senior official.
Discoms claim that they have to pay power suppliers such as National Thermal Power Corporation and Delhi’s Indraprastha and Pragati on a monthly basis while it took them at least two years to recover the expenses from consumers, hence a system of PPAC wherein tariff increased quarterly is helpful.
with thanks : Hindustan Times : LINK
Tuesday, December 10, 2013
Issue based support or Re polling ?
Mr Prashant Bhushan suggested giving issue-based support to the BJP, but Mr Arvind Kejriwal refused, saying : "Neither we will take support nor give support (to form a government). There is no question." Mr Arvind Kejriwal instead advised the Bharatiya Janata Party, with 32 seats, the single largest group in the 70-member house, to take power with the help of the Congress, which has eight legislators.
What’s your opinion on his statement ?
Do you think he is a bit more rigid ?
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