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राकेश नाथ/एसएनबी नई दिल्ली। बीते 2010 में पानी की दरों में हुई बढ़ोतरी ने दिल्ली जल बोर्ड को सर्वाधिक आमदनी कराई है। यह आमदनी बिलिंग के जरिए ही हुई, लेकिन राजस्व में इजाफे का कारण पानी की दरों में बढ़ोतरी रहा। यही कारण है कि बीते पांच वित्त वर्ष के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2010-11 में बोर्ड को सर्वाधिक आय हुई है। इस वित्त वर्ष में बोर्ड को 925 करोड़ 31 लाख के करीब आय हुई है। बीते चार वित्त वर्ष में यह आमदनी कम रही है। बोर्ड को यह आमदनी पानी के बिलों, विकास शुल्क, बायो गैस शुल्क और पैक्जड वॉटर की बिक्री के जरिए होती है। बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश नेगी के अनुसार वित्त वर्ष 2011-12 का ब्योरा अभी तैयार हो रहा है। बता दें कि बोर्ड द्वारा जनवरी 2010 से पानी की दरों में इजाफा किया गया है। उस दौरान घरेलू पानी की दरों में 0-6 किलोलीटर तक पानी निशुल्क रखा गया था, यानि छह हजार लीटर पानी का बोर्ड कोई शुल्क नहीं लेता था। दिसम्बर में पानी में बढ़ोतरी के फैसले के बाद पहले स्लैब में 0 से 10 किलोलीटर तक के लिए दो रुपए प्रति किलोलीटर की दरें तय कर दी गई। इसी प्रकार 10 से 20 किलोलीटर की दर तीन रुपए, 20 से 30 किलोलीटर में 15 रुपए और 30 से अधिक किलोलीटर की खपत करने वालों के लिए पानी की दरें 20 रुपए प्रति किलोलीटर कर दी गई। बोर्ड अधिकारियों के अनुसार दरों की इस बढ़ोतरी से जल बोर्ड के राजस्व में इजाफा हुआ। बोर्ड द्वारा पांच वित्त वर्ष के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2006-07 में बोर्ड को 420 करोड़ 5 लाख रुपए, 2007-08 में 466 करोड़ 22 लाख रुपए आय हुई है। इसी प्रकार इन दो वित्त वर्षो में तुलनात्मक 46 करोड़ 16 लाख रुपए अधिक आय हुई। इसी प्रकार वित्त वर्ष में 2008- 09 में राजस्व में 23 करोड़ 63 लाख रुपए की गिरावट आई। इस वर्ष बोर्ड की आमदनी घटकर 442 करोड़ 58 लाख रुपए हो गई। इसी प्रकार वित्त वर्ष 2009- 10 में पानी की दरों में हुए इजाफे से आमदनी में एकाएक काफी इजाफा हो गया। यह इजाफा करीब 206 करोड़ 77 लाख रुपए अधिक हुआ। इस साल बोर्ड की आमदनी बढ़कर 649 करोड़ 36 लाख रुपए हुई। इसी प्रकार अगले वित्त वर्ष यानि 2010-11 में बोर्ड की आमदनी में 275 करोड़ 95 लाख रुपए का इजाफा हुआ। बोर्ड ने इस साल 925 करोड़ 31 लाख से अधिक का राजस्व हासिल किया है। विभाग ने कमाये 925 करोड़ पांच वित्त वर्ष में 2010-11 में सर्वाधिक आयl
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