नई दिल्ली।। बिजली कंपनियां दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (डीईआरसी) के निर्देश नहीं मान रही हैं। डीईआरसी ने बिजली कंपनियों को निर्देश दिए थे कि बिजली बिल में यह जानकारी दी जाए कि कितने समय तक बिजली गुल रही। यानी बिल में एक कॉलम 'नो करंट टाइम' के नाम से होना चाहिए, जिसमें यह जिक्र होना चाहिए कि उस महीने कितनी देर बिजली नहीं रही। निर्देश के बावजूद बिल में इसका जिक्र नहीं किया जा रहा है। कुछ उपभोक्ताओं ने इसकी शिकायत डीईआरसी से की है।
करीब डेढ़ साल पहले डीईआरसी ने इस संबंध में बिजली कंपनियों को निर्देश दिए थे, जिसके बाद बिजली कंपनी बीएसईएस ने कुछ महीनों तक बिल में इसकी जानकारी दी। बाद में फिर इस निर्देश की अनदेखी होने लगी। पटपड़गंज आंत्रप्रेन्योर असोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी एस. के. माहेश्वरी ने डीईआरसी को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है। उन्होंने कहा कि सितंबर, अक्टूबर, नंवबर में जमकर बिजली कटौती हुई, लेकिन किसी भी बिल में नो करंट टाइम नहीं बताया गया। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों पर एक लिमिट से ज्यादा बिजली कटौती करने पर पेनल्टी लगने का प्रावधान है, इसलिए बिजली कंपनियां जानकारी छिपा रही हैं। एक्टिविस्ट अनिल सूद ने कहा कि डीईआरसी उन नियमों को लागू करने में हमेशा ही असफल दिखता है, जो कंस्यूमर के हित में होती हैं। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियां और डीईआरसी बस एक-दूसरे के बारे में सोचते हैं और कंस्यूमर के हितों से इन्हें कोई लेनादेना नहीं है।
with thanks : NavBharat Times : LINK for detailed news.
No comments:
Post a Comment