नई दिल्ली।। दिल्ली वालों को बिजली कीमतों के झटके के बीच बिजली की नई दरें तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बिजली कंपनियों ने एनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट (एआरआर) दिल्ली इलैक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन (डीईआरसी) को दाखिल कर दिया है। जिसके आधार पर डीईआरसी तय करेगी कि नया टैरिफ क्या होगा। वैसे नए टैरिफ में दरें बढ़ने की पूरी संभावना है क्योंकि डीईआरसी पहले ही कह चुकी है कि 3299 करोड़ का रेवेन्यू गैप पूरा करने की कोशिश होगी। साथ ही बचा हुआ फ्यूल सरचार्ज भी नए टैरिफ में जोड़ा जाएगा।
बिजली कंपनियों के एआरआर को स्वीकार करने के बाद डीईआरसी इसे वेबसाइट में डालेगी। ताकि सभी लोग इसे देखकर अपनी आपत्तियां दर्ज कर सकें। जिसके बाद जन सुनवाई होगी और डीईआरसी बिजली की नई दरें घोषित करेगी। भले ही बिजली कंपनियों के अकाउंट पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं लेकिन बिजली दरों में बढ़ोतरी की पूरी संभावना है।
डीईआरसी चेयरमैन पी. डी. सुधाकर ने बताया कि बिजली कंपनियों ने फ्यूल सरचार्ज 9 से 12 पर्सेंट तक मांगा था जो इन्होंने बिजली उत्पादन कंपनियों को अक्टूबर से दिसंबर तक दिया है। हमने 5 पर्सेंट फ्यूल सरचार्ज की इजाजत दी जो उपभोक्ताओं से फरवरी से अप्रैल तक के बीच वसूला जाएगा। बाकी फ्यूल सरचार्ज का क्या होगा? क्या यह बढ़ा-चढ़ा कर क्लेम किया गया है यह पूछने पर सुधाकर ने कहा कि बाकी बचा फ्यूल सरचार्ज हम नए टैरिफ में एडजस्ट करेंगे क्योंकि बिजली कंपनियों ने टैरिफ पिटीशन दाखिल की है और अब इसकी प्रक्रिया शुरू होगी।
डीईआरसी चेयरमैन की बात से साफ है कि बचा हुआ 5 पर्सेंट फ्यूल सरचार्ज टैरिफ बढ़ोतरी के रूप में सामने आएगा। जब पिछले साल अगस्त में टैरिफ घोषित किया गया था तब डीईआरसी सदस्यों ने कहा था कि रेवेन्यू गैप को देखते हुए टैरिफ में बढ़ोतरी काफी कम है। इस बढ़ोतरी के बाद भी 3299 करोड़ रुपये का रेवेन्यू गैप है। जिसे अगले पांच सालों में पूरा किया जाएगा। यानी इस बार जब टैरिफ तय होगा तो इस रेवेन्यू गैप को भरने की कोशिश होगी। हालांकि आरडब्लूए और एक्टिविस्ट इस पर सवाल उठा रहे हैं।
with thanks : Navbharat Times : LINK for detailed news.
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