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Thursday, February 25, 2016

जाट आंदोलन ..... सब कुछ ........ स्वाहा !

जाट आंदोलन मे 34,000 करोड़ स्वाहा, 18 पोलीस स्टेशन स्वाहा, कम से कम 26 पेट्रोल पंप स्वाहा, कई रेलवे स्टेशन्स स्वाहा, ना जाने कितनी बसें, कारें, ट्रक और जाने क्या क्या स्वाहा, माल गाड़ी  स्वाहा, रोहतक मे ही 500 से उपर दुकाने स्वाहा. कहा तो यह भी जा रहा है की सोनीपत मे जाम मे फसी कारों से महिलाओं को खींच कर पास के खेतों मे ले जाकर, बलात्कार किए गए. 

अगर इस लूट और अनार्की को आप आंदोलन कहते हो, अगर इसे आप अपनी माँगों को मनवाने का साधन कहते हो, तो यक़ीनन शर्म की बात है. अगर इन लोगों की ऐसी घिनोनी हरकतों के बाद भी इनकी माँगों को माना जाता है तो यह उस से भी बड़ कर शर्म की बात होगी. इससे हम दूसरी जातियों को एक खुला मेसेज देंगे की अगर आप को भी आरक्षण चाहिए तो आग और लूटपाट का आतंक मचा दो.

मुझे लगता है की अब इस आरक्षण के खेल को बंद कर देना चाहिए, और फिर भी अगर कोई आरक्षण की माँग करता है, तो उसे भारतीय सेना मे नोकरी दे कर, लेह के बर्फ़ीले पहाड़ों पर नियुक्त कर देना चाहिए ताकि उनको अकल आ सके की जिस देश को वो आरक्षण की आग से बर्बाद करने पर तुले हैं, उसी देश की आन, मान और शान को कायम रखने के लिए, कैसे हमारी सेनाओं के जवान, हंसते हंसते अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं.

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