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Thursday, March 14, 2013

अधिक चार्ज पर डिस्कॉम पर कार्रवाई के लिए चौतरफा मांग

 

Feb 26, 2013,
गुस्सा - 4,500 करोड़ वसूलने से  रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन खफा

327 ट्रांसफॉर्मर, जो टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के मातहत थे, के खातों में नकारात्मक घाटा नहीं था फिर भी इस इलाके में अधिक वसूला गया

कमेटी बनाओ - मांग उठी है कि अगर कोई भी किसी भी इलाके में ट्रांसफॉर्मर से हुई सप्लाई और बिल की पड़ताल कर लेने पर अंतर का खुलासा हो जाएगा। वित्तीय विशेषज्ञों के अलावा दिल्ली आईआईटी और रूड़की आईआईटी के विशेषज्ञों को कमेटी में शामिल कर वास्तविकता का पता लगाने का सुझाव आया है।

राष्ट्रीय राजधानी में बीते पांच साल के भीतर निजी बिजली वितरण कंपनियों की ओर से उपभोक्ताओं से 4,500 करोड़ से अतिरिक्त वसूली होने से तमाम रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रमुख नाराज हैं।उन्हें इस बात की तकलीफ है कि जिस बिजली की सप्लाई हुई ही नहीं उसका बिल क्यों वसूल लिया गया।

'चेतना' एनजीओ की एक रिपोर्ट में कहा गया कि तीनों डिस्कॉम ने तीन फेज वाले न्यूट्रल लाखों इलेक्ट्रॉनिक मीटर की कमी का लाभ उठाकर रिशिड्यूडल बैक फ्लो के जरिए उपभोक्ताओं से हर साल औसतन 900 करोड़ रुपये वसूले।चेतना के अध्यक्ष अनिल सूद ने कहा कि बिना सप्लाई किए ही डिस्कॉम ने उपभोक्ताओं से बीते पांच साल में 4,500 करोड़ रुपये वसूल लिए। दूसरी ओर तीनों डिस्कॉम ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।
डिस्कॉम के खिलाफ अविलंब कार्रवाई की मांग करते हुए ग्रेटर कैलाश-1 आरडब्लूए के राजीव ककरिया ने कहा कि उन्हें यह जानकर हैरानी हुई कि जो बिजली उपभोक्ताओं को सप्लाई नहीं हुई उसका अतिरिक्त बिल बनाकर वसूल लिया गया। उन्होंने खुलासा किया कि टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के 327 ट्रांसफॉर्मर के खातों में नकारात्मक घाटा नहीं दिखा।

इसका मतलब हुआ कि डिस्कॉम ने बिजली सप्लाई से अधिक वसूल लिया। यह सरासर बेईमानी है।ककरिया ने बताया कि अगर कोई भी एक माह में किसी भी खास इलाके में ट्रांसफॉर्मर से हुई बिजली सप्लाई और कितनी बिजली का बिल बना इनकी पड़ताल कर ले तो अंतर का खुलासा हो जाएगा।

ककरिया ने मांग की कि वित्तीय विशेषज्ञों के अलावा दिल्ली आईआईटी और रूड़की आईआईटी के विशेषज्ञों को कमेटी में शामिल कर वास्तविकता का पता लगाया जाए। इसी तरह जनकपुरी आरडब्ल्यूए के गुलशन राय ने दावा किया कि इस संदर्भ में जो पक्के सबूत जो जुटाए गए हैं उससे साफ दिखाई पड़ता है कि डिस्कॉम ने उपभोक्ताओं से सप्लाई की गई बिजली से अधिक वसूले।

डिस्कॉम के खिलाफ अविलंब कार्रवाई की मांग करते हुए राय ने कहा कि दिल्ली बिजली नियामक आयोग ने 2011 में माना था कि यह बेहद गंभीर मामला है और तब बिजली कंपनियों को सुधार के लिए कदम उठाने को कहा था। 

ईस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए के बीएस वोहरा ने कहा कि यह एक तरह का घोटाला है और मांग की कि यह गलत वसूला गया धन उपभोक्ताओं को लौटा दिया जाए।

अपने बयान से पीछे हटीं शीला दीक्षित
नई दिल्ली - बिजली की दरों में बढ़ोतरी के बारे में दिए गए बयान के बाद चौतरफा आलोचनाओं से घिरी दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित सोमवार को इससे पलट गईं। उन्होंने कहा कि मीडिया ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया।
दीक्षित ने रविवार को बिजली की दरों में इजाफे को सही ठहराते हुए कहा था कि अगर लोग 24 घंटे बिजली की सप्लाई चाहते हैं तो उन्हें भुगतान करना ही होगा। शीला ने छतरपुर की रैली में कहा था कि अगर लोगों को बिजली का भुगतान करने में मुश्किल हो रही है तो उन्हें खपत घटाने के लिए बिजली उपकरणों के उपयोग में कटौती करनी चाहिए।

with thanks : Dainik Bhasker : LINK

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