नई दिल्ली (एसएनबी)। अभी
बिजली के बिल दिल्लीवासियों की जेब पर भारी पड़ रहे हैं, लेकिन लोड का भार
फिर उनकी जेब पर पड़ने वाला है। यह लोड बिजली वितरण कंपनियां तय करेंगी।
इसके लिए कंपनियां 24 घंटें में 30 मिनट का ऐसा कंजरवेटिव समय निकालेंगी,
जब उपभोक्ता का अधिकतम लोड तय किया जाएगा। यह जांच माह में कभी भी तीन बार
होगा। यदि तीनों बार अधिकतम लोड बढ़ा पाया गया तो उपभोक्ता को लोड बढ़वाना
पड़ेगा। बिजली की बढ़ रही मांग के अनुरूप छह माह पहले ही बिजली वितरण
कंपनियों ने उपभोक्ताओं के लोड बढ़ाए थे। इसके तहत एक किलोवाट लोड वाले
कनेक्शन धारकों के लोड तीन से पांच किलोवाट तक कर दिए गए थे। लोड़ बढ़ाने
के नाम पर बिजली कंपनियों ने घरेलू उपभोक्ताओं से 600 रुपए और व्यवसायिक
उपभोक्ताओं से 1500 रुपए वसूले थे, लेकिन अब फिर बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं
के लोड बढ़ाने की तैयारी कर रहीं हैं। इसके लिए कंपनियों ने 30 मिनट का
कंजरवेटिव समय तय किया है। उक्त समय के दौरान उपभोक्ता का लोड जांचा जाएगा,
लेकिन यह कंजरवेटिव समय बिजली वितरण कंपनी तय करेंगी। इसके तहत माह में
तीन बार उपभोक्ता की मांग जांची जाएगी अगर बिजली की मांग कनेक्शन से अधिक
पाई गई, तो उपभोक्ता का लोड़ बढ़ा दिया जाएगा। पूर्वी दिल्ली आरडब्ल्यूए
ज्वांइट फ्रंट के अध्यक्ष बीएस बोहरा ने बताया कि बिजली कंपनियां कंजरवेटिव
समय की आड़ में उपभोक्ताओं का लोड बढ़ाने की फिराक में हैं। उन्होंने कहा
कि इसके पहले भी बिजली वितरण कंपनियों ने मानमाने तरीके से लोगों के लोड
बढ़ाए थे। जिन बिजली उपभोक्ताओं के घर में अधिक बिजली खपत हो गई तो उनका
लोड बिजली कंपनी ने बढ़ा दिया है। इससे कंपनी को करोड़ो का लाभ हुआ।
टीपीडीडीएल के प्रवक्ता ने बताया कि बड़े पैमाने पर बिजली उपभोक्ता एक
किलोवाट का कनेक्शन लेकर पांच किलोवाट बिजली कंज्यूम कर रहे हैं, इससे
ट्रांसफार्मर पर दबाव पड़ता है और लाइन पर दबाव पड़ने से कई बार फ्यूज उड़
जाते हैं और एक व्यक्ति की गलती की सजा पूरे मोहल्ले को भुगतनी पड़ती है।
यदि ट्रांसफार्मर जल जाए तो कंपनी को आर्थिक क्षति होती है। कंजरवेटिव समय
माह में तीन दिन देखा जाएगा और यह समय तीस मिनट होगा। यदि तीनों दिन
उपभोक्ता के लिए गए कनेक्शन से अधिक लोड लेता पाया गया तो उसका लोड बढ़ा
दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिजली की मांग के अनुरूप ट्रांसफार्मर लगाए
जाते हैं। पहले ऐसे उपभोक्ताओं से जुर्माना वसूला जाता था जो कम लोड का एक
किलोवाट का कनेक्शन लेकर क्षमता से अधिक बिजली का उपयोग करते थे, अब
डीईआरसी ने लोड बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
बिजली
कंपनियों ने की लोड बढ़ाने की तैयारी कितना लोड बढ़ाना है, यह बिजली
कंपनियां तय करेंगी महीने में तीन बार जांच होगी, डिमांड ज्यादा पाए जाने
पर लोड बढ़ा दिया जाएगा
with thanks : Rashtriy sahara
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