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Friday, February 10, 2012

पीक आवर्स में महंगी पड़ेगी बिजली




पवन कुमार

नई दिल्ली। आपके घर की वोल्टेज की तरह ही बिजली की दरें भी घटेंगी-बढे़ंगी। बिजली की मांग जिस समय कम रहेगी दरें भी कम होंगी। जबकि अधिक मांग के समय दरें भी महंगी रहेंगी। डीईआरसी वर्ष-2012-13 का नया टैरिफ लागू करने के साथ टाइम ऑफ डे टैरिफ को जोड़ने की तैयारी में जुट गया है। योजना के तहत पीक ऑवर्स में अधिक बिजली खर्च करने पर उपभोक्ताओं को अधिक जेब ढीली करनी पड़ेगी। जबकि नॉन पीक ऑवर्स में बिजली खर्च करने पर कम रकम खर्च करनी पड़ेगी। नया टैरिफ पुराने टेलीफोन के टैरिफ प्लान की याद ताजा करेगा।

दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) के चेयरमैन पीडी सुधाकर ने बताया कि वर्ष-2012-13 का टैरिफ तय करते समय इस योजना को लागू किया जाएगा। टाईम ऑफ डे टैरिफ पर काफी समय से काम किया जा रहा है लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया जा सका है। उम्मीद है कि अगली बार टैरिफ तय करते समय इस योजना को लागू कर दिया जाए। इसके तहत पीक ऑवर्स और नॉन पीक आवर्स का समय तय किया जाएगा। शाम छह बजे से लेकर रात के दस बजे तक को पीक ऑवर्स माना जाएगा। इस अवधि में बिजली खर्च करने पर अधिक खर्च करना पड़ेगा। जबकि देर रात या सुबह बिजली की खपत पर कम जेब ढीली करनी पड़ेगी।

घरेलू और व्यावसायिक दोनों ही उपभोक्ताओं के लिए भी पीक ऑवर्स और नॉन पीक ऑवर्स का समय एक ही होगा। गर्मी के दिनों में बिजली की मांग पांच हजार मेगावॉट तक पहुंच जाती है। जबकि कई बार दिल्ली में बिजली की मांग तीन हजार मेगावॉट से भी नीचे रह जाती है। ऐसे में बिजली कंपनियों को नुकसान होता है, क्योंकि उन्हें बिजली बेचने का अधिकार नहीं है और बिजली बेकार चली जाती है। इस योजना के लागू होने से अधिकतम और न्यूनतम मांग के बीच की दूरी को भरा जा सकेगा।

2012-13 के टैरिफ में लागू हो सकती है बिजली दरों की नई योजना
पीक ऑवर्स में अधिक बिजली खर्च करने पर ज्यादा बिल चुकाना होगा
  
Plz read the news published in Amar Ujala today. Link underlined.
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