बिजली वितरण कंपनियां भेज रही हैं उपभोक्ताओं को नोटिस घरेलू उपभोक्ताओं को एक किलोवाट लोड बढ़वाने पर जमा करानी होगी 600 रुपए सुरक्षा निधि नई दिल्ली (एसएनबी)। बिजली दरें तो अभी नहीं बढ़ी हैं, लेकिन वितरण कंपनियों ने घरेलू व व्यावसायिक उपभोक्ताओं को लोड बढ़ाने का नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को नोटिस के विरोध में उपभोक्ताओं ने कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन भी किए। हालांकि इस मामले में आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों और बिजली वितरण कंपनियों के बीच बृहस्पतिवार को चर्चा भी हुई थी, लेकिन वह बेनतीजा रही। आरडब्ल्यूएपदाधिकारी अब लोड बढ़ाने के लिए भेजे गए नोटिसों के विरोध में डीईआरसी मुख्यालय पर सशक्त प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। इन दिनों बिजली वितरण कंपनियां दरें बढ़ाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने के साथ ही उपभोक्ताओं को लोड बढ़ाने के नोटिस भी भेज रही है। यह कवायद पिछले एक माह से चल रही है। लोड बढ़ाने के बदले घरेलू, इंडस्ट्रियल और कामर्शियल उपभोक्ताओं से अलग -अलग सुरक्षा निधि जमा कराई जा रही है। घरेलू उपभोक्ताओं से 600 रुपए प्रति किलोवाट व इंडस्ट्रियल और कामर्शियल उपभोक्ताओं से 1500 रुपए प्रति किलोवाट की दर से सुरक्षा निधि जमा कराई जा रही है। इससे एक-एक उद्यमी पर 5 से 20 हजार रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। बिजली कंपनियों की दलील है कि उपभोक्ताओं के घरों में बिजली की खपत बढ़ी है तो उन्हें लोड भी बढ़वाना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, बीएसईएस यमुना , बीएसईएस राजधानी और एनडीपीएल ने लोड बढ़वाने के लिए जून माह से नोटिस भेजने शुरू किए हैं। नोटिस से उपभोक्ताओं में खलबली मची हुई है।आरडब्ल्यूए फेडरेशन पूर्वी दिल्ली के अध्यक्ष अनिल वाजपेई ने आरोप लगाया कि बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं को लूटने में लगी हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई उपभोक्ता एक किलोवाट का कनेक्शन लेता है और एक किलोवाट की क्षमता से अधिक बिजली का उपभोग कर लेता है तो उस पर लोड बढ़वाने का दबाव बिजली कंपनियां नोटिस भेजकर डाल रही हैं। लोड बढ़वाने के नाम पर भी बिजली कंपनियां वसूली कर रही हैं। उन्होंने कहा कि गर्मियों में बिजली की खपत बढ़ना स्वाभाविक है। इसलिए उपभोक्ताओं पर लोड बढ़वाने का दबाव नहीं डाला जाना चाहिए। पूर्वी दिल्ली आरडब्ल्यूए संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष बी एस बोहरा ने कहा कि बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस यमुना ने कृष्ण विहार, प्रीति विहार सहित अन्य कालोनी वासियों को लोड बढ़वाने के लिए नोटिस भेजे हैं। जिस उपभोक्ता को लोड एक किलोवाट से 2 किलोवाट कराना है, उसे 600 रुपए सुरक्षा निधि के जमा करने होंगे। इसी तरह, जिस उपभोक्ता को लोड 2 से 4 किलोवाट कराना है, उसे 2400 रुपए जमा कराने होंगे। इस तरह, कामर्शियल उपभोक्ता को लोड बढ़वाने पर 1500 रुपए प्रति किलोवाट सुरक्षा निधि जमा करानी होगी। उधर, पूर्वी दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाली वितरण कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि लोगों ने जब कनेक्शन लिए थे, तब उनके घरों में केवलपंखे और बल्व लगे होते थे। लेकिन अब घरों में बिजली उपभोग काफी बढ़ गया है। इलेक्ट्रॉनिक सामान पर लोगों की निर्भरता ज्यादा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि नोटिस उन्हीं उपभोक्ताओं को भेजे गए हैं, जिनके घरों में पिछले तीन माह में खपत काफी बढ़ी है। with thanks : Rashtriy Sahara |
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