Thursday, April 26, 2012

RWAs protest at DERC on the Public Hearing to raise Power Tariff

It was a silent protest at DERC today by the RWAs on the Public hearing to raise the Power tariff. No slogans, no shoutings, just silent with banners depicting demands of RWAs, as 26th April was the day fixed only for RWAs.





बिजली की दरें बढ़ाने से पहले सुझाव मांगेंगे


नई दिल्ली :  नवभारत टाइम्स | Apr 25, 2012, 09.00AM IST

बिजली की नई दरें तय करने से पहले दिल्ली इलैक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन (डीईआरसी) पब्लिक की राय और सुझाव लेगा। इसके लिए तारीख तय कर दी गई है। 26 और 27 अप्रैल को घरेलू और 28 अप्रैल को इंडस्ट्रियल कंस्यूमर्स के लिए पब्लिक हेयरिंग होगी। डीईआरसी ऑफिस में सुबह साढ़े दस बजे से हेयरिंग शुरू होगी। हेयरिंग के लिए तारीख की घोषणा होने के बाद ज्यादातर आरडब्ल्यूए के इसके विरोध के मूड में हैं। ये लोग पब्लिक हेयरिंग में जाएंगे, लेकिन उसमें शामिल होने की बजाय बाहर ही विरोध करेंगे। 

आरडब्ल्यूए इस बात से नाराज हैं कि डीईआरसी ने उपभोक्ताओं के हितों का ध्यान नहीं रखा और पब्लिक हेयरिंग सिर्फ खानापूर्ति के लिए होती है। उसमें दिए सुझाव पर अमल नहीं किया जाता ऐसे में पब्लिक हेयरिंग सिर्फ आंखों में धूल झोंकने के लिए की जा रही है। ग्रेटर कैलाश-1 आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि राजीव काकरिया ने कहा कि हमने बिजली कंपनियों के लिए परफॉर्मेंस स्टैंडर्ड फिक्स करने की मांग की थी, लेकिन वादों के बावजूद कुछ नहीं हुआ। डीईआरसी ने खुद माना कि रेसिडियल बैक फ्लो की वजह से मीटर तेज भागते हैं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

बिजली उत्पादन की कुल लागत में फ्यूल की कीमत महज 5 से 7 पर्सेंट होती है, लेकिन फ्यूल सरचार्ज के नाम पर उपभोक्ताओं से बिजली की 5 पर्सेंट अधिक दरें वसूलने की इजाजत दे दी गई। हमने डीईआरसी को सारे डॉक्यूमेंट्स के साथ बताया कि बिजली कंपनियां फायदे में हैं। यही नहीं दिल्ली सरकार के पावर मिनिस्टर ने विधानसभा में बताया कि बिजली कंपनियां फायदे में हैं, बावजूद इसके सरकार को उनका हिस्सा नहीं दिया गया और डीईआरसी खामोश रहा। इसलिए हमने तय किया है कि हम पब्लिक हेयरिंग में जाएंगे लेकिन इससे बाहर रहकर विरोध करेंगे। हमें डीईआरसी से नाराजगी नहीं है, बल्कि उसके रवैये पर दुख है कि इतना सब कुछ सामने आने के बाद भी उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। 

ईस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए जॉइंट फ्रंट के बी. एस. वोहरा ने विरोध जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बिजली कंपनियों के सीएजी ऑडिट के लिए तैयार हो गई थीं। बावजूद इसके 22 पर्सेंट बढ़ोतरी के बाद फ्यूल सरचार्ज के नाम पर 5 पर्सेंट और बढ़ोतरी हुई, लेकिन बिजली कंपनियों के अकाउंट का कोई हिसाब किताब नहीं लिया गया। बिजली कंपनियों ने अडिशनल लोड चार्ज के नाम पर कंस्यूमर की जेब खाली की लेकिन डीईआरसी ने कुछ नहीं किया। इसलिए हमें नहीं लगता कि इस पब्लिक हेयरिंग से कंस्यूमर्स को कुछ हासिल होगा।

with thanks : NBT : LINK 

World Malaria Day : Society for advocacy & Promotion of Public Health

























with thanks : Amar Ujala 

डेंगू व मलेरिया से निपटने के लिए हों जागरूक : मोंगा




पूर्वी दिल्ली (एसएनबी)। वि मलेरिया दिवस के मौके पर ईस्ट आईएमए व सोसाइटी फॉर एडवोकेसी एण्ड प्रमोशन ऑफ पब्लिक हेल्थ के संयुक्त तत्वाधान में एक वर्कशाप का आयोजन किया गया। इस मौके पर ईस्ट आईएमए के अध्यक्ष अनी गोयल, ईस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए ज्वाइंट फंट के अध्यक्ष वीएस वोहरा, स्वास्थ्य विभाग के एमएचओ एनके यादव, पूर्व सांसद व क्रिकेटर चेतन चौहान, हेल्थ कमेटी के चेयरमैन डॉ. वीके मोंगा सहित भारी संख्या में आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी व निगम के अधिकारी मौजूद थे। वर्कशाप के दौरान लोगों को जानकारी देते हुए हेल्थ कमेटी के चेयरमैन डॉ. वीके मोंगा ने कहा कि डेंगू व मलेरिया से निपटने के लिए लोगों को खुद जागरूक होना होगा। तभी डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारी से निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह पोलियों को जड़ से मिटाने के लिए जनता जागरूक हुई और देश पोलिया मुक्त हुआ। उसी तरह जनता को खुद ही जागरूक होकर डेंगू व मलेरिया से बचने के लिए पुख्ता कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि अपने घरों के आस-पास गंदा व साफ पानी इकठ्ठा न होने दें, घरों के कूलरों को साफ-सुथरा रखें, पानी रखने वाले बर्तनों, बाल्टियों, हौदियों को ढक कर रखें। इसके साथ टूंट-फूटे बर्तनों व टायर इत्यादी खुले में न रखे। इसमें बरसात का पानी इकट्ठा हो सकता है। जिसके चलते डेंगू व मलेरिया के लॉरवा पनप जाते हैं। इस बाबत पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान ने कहा कि पहले गांवों में कुंओं से पीने का पानी भरा जाता था। लेकिन अब गांवों में जगह-जगह हैंडपंप लग गए हैं और पानी की निकासी न होने से जगह- जगह पानी भरा रहता हैं। रुके हुए पानी में मच्छर के लॉरवा पनपने लगते हैं, जो बीमारी का कारण बनते हैं, स्वास्थ्य विभाग के एमएचओं एनके यादव ने कहा कि डेंगू व मलेरिया से निपटने के लिए हम लोगों को जागरूक होना होगा। आम लोग यह समझते हैं कि फार्गिग किए जाने से ज्यादातर मच्छर मर जाते है। लेकिन फार्गिग का धुंआ जैसे ही लोगों के घरों तक पहुंचता तो लोग उसके धुंए से बचने के लिए अपने घरों की खिड़की व दरवाजे बंद कर देते है।

with thanks : Rashtriy Sahara : LINK